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वर्षा -ऋतु(Varsha Ritu) हिंदी- निबंध

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वर्षा ऋतु निबंध, Varsha Ritu nibandh, rainy season essay,  ऋतुओं की रानी वर्षा, वर्षा का आगमन, वर्षा का प्रकृति पर प्रभाव, वर्षा से लाभ, वर्षा से नुकसान, वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियां, निष्कर्ष यदि बसंत ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है। वर्षा -ऋतु के आते ही आसमान में काले- काले बादल छा जाते हैं। मेघ घमंडी हाथियों की तरह गरज- गरज कर लोगों को डराने लगता है। घनघोर वर्षा होने लगती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। मानो प्रकृति रानी ने जैसे हरी चादर ओढ़ ली हो। काले- काले बादल देख मोर अपने पंख फैलाकर वनों में नाचने लगते हैं। पपीहे, दादुर, झींगुर की आवाज़ें प्रकृति में गूंज उठती है। ताल तलैया भर जाते हैं।  ग्रीष्म   ऋतु की मार से तपति धरा तृप्त हो जाती है। बागों में झूले लग जाते हैं। नव तरुणियों के मन उल्लसित हो जाते हैं।  नदियों में जल भर जाता है और उनका वेग भी बढ़ जाता है। मानो इतराती हुई अपने प्रियतम सागर से मिलने जा रही हो। और  किसानों की खुशियों की तो बात ही ना पूछो। वह हल बैल के लेकर अपने खेत की ओर निकल पड़ते हैं। धान की बुवाई प्रारंभ हो जाती ह...

काम करो, कर्तव्य ही तुम्हारे हाथ में है।

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काम करो, कर्तव्य ही तुम्हारे हाथ                   में है।  एक बार एक गरीब किसान ने गांव के जमींदार से कहा,  आप एक साल के लिए अपना एक खेत मुझे उधार दे दीजिए, मैं उस खेत में मेहनत करके खेती करूंगा । जमींदार दयालु व्यक्ति था,  उसने किसान को एक खेत एक साल के लिए उधार दे दिया।  इतना ही नहीं, किसान की मदद के लिए उसने पांच व्यक्ति भी दिए । वह किसान उन पांच व्यक्तियों के साथ खेत में काम करने लगा।    एक दिन किसान ने सोचा,  जब पांच लोग खेत में काम कर रहे हैं तो मेरी क्या जरूरत है? यह सोचकर वह घर वापस आ गया और मीठे-मीठे सपने देखने लगा।  जब उसकी फसल तैयार हो जाएगी तो उसे मोटी कमाई होगी और वह अमीर बन जाएगा।  अब वह खेत पर कम जाने लगा । वहीं किसान जो पांच सहायक मिले थे वह अपनी मनमर्जी से काम करने लगे।  जब मन आता खाद डाल देते हैं, जब मन करता पानी डाल देते। सब काम मनमर्जी से होता। समय बीत रहा था और फसल काटने का समय आ चुका था।    किसान ने जब फसल देखी  तो सिर पकड़ लिया।  फसल अच्छी नहीं ...

शांति दूत श्री कृष्ण , महाभारत प्रसंग, श्री कृष्ण शांति दूत बनकर हस्तिनापुर पहुंचे तो क्या हुआ?

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      शांति दूत श्री कृष्ण , महाभारत प्रसंग, श्री कृष्ण शांति दूत बनकर हस्तिनापुर पहुंचे तो क्या हुआ? शांति की बातचीत करने के उद्देश्य से श्री कृष्णा हस्तिनापुर गए। उनके साथ-सात्यकि भी गए थे । रास्ते में कुशस्थल नामक स्थान में वह एक रात विश्राम करने के लिए ठहरे । हस्तिनापुर में जब यह खबर पहुंची कि श्री कृष्ण पांडवों की ओर से दूत बन कर संधि चर्चा के लिए आ रहे हैं तो धृतराष्ट्र ने आज्ञा दी कि नगर को खूब सजाया जाए । पुरवासियों ने द्वारकाधीश के स्वागत की धूमधाम से तैयारी की । दु:शासन का भवन दुर्योधन के भवन से अधिक ऊंचा और सुंदर था , इसलिए धृतराष्ट्र ने आज्ञा दी कि इस भवन में श्री कृष्ण को ठहरने का प्रबंध किया जाए।   श्री कृष्ण हस्तिनापुर पहुंच गए । पहले श्री कृष्णा धृतराष्ट्र के भवन में गए।  फिर धृतराष्ट्र से विदा लेकर वह विदुर के भवन में गए । कुंती वही श्री कृष्ण की प्रतीक्षा कर रही थी । श्री कृष्ण को देखते ही उन्हें अपने पुत्रों का स्मरण हो आया । श्री कृष्ण ने उन्हें मीठे वचनों से सांत्वना दी और उनसे विदा लेकर दुर्योधन के भवन में गए।  दुर्योधन ने श्री कृ...

भारत के “प्रथम” (India Firsts) अर्थात वे व्यक्ति, स्थान या घटनाएँ जिन्होंने भारत में किसी क्षेत्र में “सबसे पहले” कार्य किया या उपलब्धि प्राप्त की

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  भारत के “प्रथम” (India Firsts)  अर्थात वे व्यक्ति, स्थान या घटनाएँ जिन्होंने भारत में किसी क्षेत्र में “सबसे पहले” कार्य किया या उपलब्धि प्राप्त की  🇮🇳 भारत के प्रथम व्यक्ति (India’s First Persons) क्रमांक विषय प्रथम व्यक्ति / स्थान 1 भारत के प्रथम राष्ट्रपति  डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 2 भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 3 भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू 4 भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी 5 भारत के प्रथम गवर्नर जनरल (स्वतंत्र भारत के) लॉर्ड माउंटबेटन 6 भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल  चक्रवर्ती         राजगोपालाचारी 7 भारत के प्रथम गृह मंत्री  सरदार वल्लभभाई पटेल 8 भारत के प्रथम मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच. जे. कANIA 9 भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त   सुकुमार सेन 10 भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री   राकेश शर्मा 11 भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला 12 भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्र...

वर्नआउट सिंड्रोम क्या है ? वर्नआउट सिंड्रोम क्यों होता है ? वर्नआउट एपिडेमिक क्यों होता है ? भीमेश बाबू कौन थे? भीमेश बाबू के साथ क्या घटित हुई ? भारत सहित अमेरिका, यूरोपीय देशों में वर्न आऊट सिंड्रोम की क्या स्थिति है ?

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  वर्नआउट सिंड्रोम क्या है ?  वर्नआउट सिंड्रोम क्यों होता है ? वर्नआउट  एपिडेमिक क्यों होता है ? भीमेश बाबू कौन थे? भीमेश बाबू के साथ क्या घटित हुई ? भारत सहित अमेरिका, यूरोपीय देशों में वर्न आऊट सिंड्रोम की क्या स्थिति है ? दोस्तों ! वर्नआउट सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति होती है जो काम के अत्यधिक दबाव से उत्पन्न होती है। निजी जीवन पर पेशेवर जीवन हावी हो जाता है और कर्मचारी अवसाद में अथवा हिंसक बन जाता है। काम के बोझ से उनके निजी रिश्तों में दरार आ जाता है। भीमेश बाबू के साथ घटित हुई मार्मिक घटना से हम इस बात को और स्पष्टता से समझते हैं। भीमेश बाबू बैंगलोर के एक डाटा डिजिटल बैंक में प्रतिदिन की तरह रात एक बजे अपनी ड्यूटी निपटाकर घर जाने की तैयारी कर रहे थे। किसी कारण से तेज रोशनी उनकी आंखों में चुभती थी। अक्सर वे अनावश्यक बत्तियां बुझाने को कहते। उस रात भी उन्होंने अपने एक सहयोगी कर्मी को अनावश्यक बत्तियां बुझाने को कहा। बस इतनी सी बात पर वह कर्मी भड़क उठा। बात  इतनी बढ़ गई कि उसने भीमेश बाबू पर जानलेवा हमला बोल दिया और उस हमले से भीमेश बाबू की मौत हो गई। इस शर्मनाक घटना ने...

Desh ki koyla rajdhani Dhanbad 69 years old देश की कोयला राजधानी कहा जाने वाला धनबाद 69 साल का हो गया।

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  Desh ki koyla rajdhani Dhanbad 69 years old  देश की कोयला राजधानी कहा जाने वाला धनबाद 69 साल का हो गया। Koyla rajdhani kise kaha jata hai  24 अक्टूबर 1956 को हुई थी धनबाद जिले की स्थापना। बंगाल के मानभूम से काटकर बनाया गया था धनबाद। नागरिक सुविधाएं अभी भी नदारद। बिजली, पानी , स्वास्थ्य, यातायात सुविधाओं का अभी भी भारी किल्लत।  लगभग सात दशक पहले स्थापित धनबाद ने कई उतार चढ़ाव और राजनीतिज्ञों को देखे हैं। इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1956 ई को हुई थी। लोग इसे देश की कोयला राजधानी के नाम से भी जानते हैं। बहुत पहले से ही दूर दूर से लोग यहां रोजगार पाने आते थे। इस तरह यहां की आबादी काफी बढ़ गई है परन्तु उस अनुपात में नागरिक सुविधाएं नहीं बढ़ी। यहां के कोयले से दूर दूर के शहर रौशन होते हैं परंतु धनबाद के नसीब में अंधेरा है। उद्योग धंधे बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है। गाडियां बढ़ी लेकिन सड़कों पर संकीर्णता के कारण जाम की भयंकर समस्या है। हां आठ लेन सड़क बनने से यातायात सुगम जरूर हुआ है। स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी काफी लचर है। पेयजल का अभाव और प्रदूषण की समस्या से यहां का जीवन बहुत...

गुरु का आखिरी संदेश , कहानी।

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 गुरु का आखिरी संदेश , कहानी। एक महात्मा बहुत वृद्ध हो चले थे।उनका अंत बहुत निकट आ चुका था। एक दिन उन्होंने सभी शिष्यों  को बुलाया और कहा - प्रिय शिष्यों! मेरा शरीर जीर्ण हो चुका है।मेरी आत्मा बार बार मुझे शरीर त्यागने को कह रही है। मैंने तय किया है कि आज जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा , तब मैं समाधि ले लूंगा। गुरु के मुख से यह बात सुनकर सभी शिष्य घबरा गये। शोक विलाप करने लगे। तब गुरु ने उन्हें शांत किया और जीवन का सत्य स्वीकार करने को कहा। थोड़ी देर के लिए चुप्पी छा गई। फिर एक शिष्य ने कहा - गुरु जी क्या आज हमें आप कोई शिक्षा नहीं देंगे ?  गुरु जी ने कहा - जरूर दूंगा। गुरु जी ने कहा -- मेरे निकट आओ। मेरे मुख में देखो और बताओ कि क्या दीख रहा है। जीभ या दांत? शिष्य ने कहा - जीभ गुरु जी। गुरु जी ने फिर पूछा - पहले कौन आया था ? शिष्य ने कहा - जीभ। गुरु जी ने कहा - कठोर कौन था ? शिष्य ने कहा - दांत गुरु जी। इस पर गुरु जी ने कहा - दांत जीभ से उम्र में छोटे और कठोर होने पर भी पहले चले गए। लेकिन विनम्र, संवेदनशील और लचीली जीभ अभी भी जीवित हैं। तुम सब यह समझ लो कि यहीं संसार ...

यही तो जीवन है ! कहानी

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देश की कोयला राजधानी धनबाद के बारे में जानकारी          यही तो जीवन है ! एक कवि  बाग में टहल रहे थे।  बाग में हजारो फूल खिले थे।  बाग का नजारा स्वर्ग के जैसा था। कवि महोदय एक फूल के पास गये और बोले, मित्र , तुम कुछ दिनों में मुरझा जाओगे। फिर भी इतना मुस्कुरा रहे हो ? इतना खिले रहते हो ? तुम्हें दुख नहीं होता ? फूल कुछ नहीं बोला। तभी एक तितली कहीं से उड़ती हुई आई और फूल पर बैठ गई। काफी देर तक तितली ने फूल के सुगंध का आनंद लिया और फिर उड़ गई। । देश की कोयला राजधानी धनबाद के बारे में जानकारी    कुछ देर बाद एक भंवरा आया। उसने फूल के चारों ओर चक्कर लगाते हुए संगीत सुनाया। फूल पर बैठ कर रस पीया और चलता बना। धीमी गति से हवा चलती रही और फूल खुशियों से झूमता रहा।  एक मधुमक्खी आयीं और फूल का ताजा, मधुर पराग लेकर मधु बनाने चली दी। मधुमक्खी भी खुश, फूल भी खुश। तभी एक बच्चा आया। वह फूल को देखकर उसके पास गया। उसने अपने नन्हें और कोमल हाथों से फूल का स्पर्श किया और खेल में रम गया।  अब फूल ने कवि से कहा, यह सच है कि मेरा जीवन छोटा है , लेकिन इ...

अरुण यह मधुमय देश हमारा, गीत जयशंकर प्रसाद

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  अरुण यह मधुमय देश हमारा  Arun yah maddumay desh hamara Jayshankar Prasad  अरुण यह मधुमय देश हमारा ।     अरुण यह मधुमय देश हमारा,          जहां पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा। सरस तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर। छिटका जीवन हरियाली पर, मंगल कुंकुम सारा। अरुण यह मधुमय देश हमारा।। लघु सुर धनु से पंख पसारे, शीतल मलय समीर सहारे, उड़ते खग जिस ओर मुंह किए, समझ नीड़ निज प्यारा।। अरुण यह मधुमय देश हमारा।। बरसाती आंखों के बादल, बनते जहां भरे करुणा जल, लहरें टकरातीं अनंत की, पाकर जहां किनारा।। हेमकुंभ ले ऊषा सवेरे, भरती ढुलकाती  सुख मेरे, मंदिर उंघते रहते जब जग -- कर रजनी भर तारा।। अरुण यह मधुमय देश हमारा।। शब्दार्थ और कठिन शब्दों के अर्थ  अरुण - लालिमा , सूरज, दिनकर। मधुमय - मृदुल, मीठा, प्यारा  सरस - रस भरे  तामरस - कमल  विभा - सुबह, प्रातः  तरुशिखा- पेड़ की फुनगी  मनोहर - मन को हरने वाला, मन को लुभाने वाले। कुंकुम -- सिन्दूर। लघु - छोटे  सुर धनु - इंद्रधनुष  खग - पंछी  नीड़ - घ...

धर्मनिरपेक्षता ( secularism) पंथनिरपेक्षता

  धर्मनिरपेक्षता ( secularism)            पंथनिरपेक्षता  धर्मनिरपेक्षता क्या है। पंथनिरपेक्षता किसे कहते हैं? Secularism in hindi  Dharamnirpekshta kya hai. धर्मनिरपेक्षता का महत्व हिन्दी में  धर्मनिरपेक्षता (जिसे पंथनिरपेक्षता भी कहा जाता है) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो राज्य और धर्म के संबंधों को परिभाषित करती है। इसका मूल विचार यह है कि राज्य का अपना कोई धर्म नहीं होता और वह सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार करता है। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ सरल शब्दों में, धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य या सरकार किसी भी विशेष धर्म को बढ़ावा नहीं देगी, न ही किसी धर्म के साथ भेदभाव करेगी। इसके बजाय, यह सभी धर्मों को समान सम्मान देगी और नागरिकों को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने, न करने या बदलने की पूरी स्वतंत्रता देगी। इसके मुख्य पहलू हैं:  * राज्य और धर्म का पृथक्करण: इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य धर्म के खिलाफ है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि धार्मिक मामलों में राज्य हस्तक्षेप न करे और राज्य के निर्णयों पर धर्म का कोई प्रभाव न पड़े। ...

भारत की कुछ प्रमुख लड़ाइयां

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          भारत की कुछ प्रमुख लड़ाइयां  भारत के इतिहास में कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ी गई हैं, जिन्होंने देश की दिशा और दशा को निर्धारित किया। यहाँ कुछ प्रसिद्ध लड़ाइयों की सूची दी गई है। यह सूची छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगिताएं और परीक्षाओं में सफलता का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक होगी।   प्राचीन काल की लड़ाइयाँ:  * दशराज्ञ युद्ध (लगभग 14वीं शताब्दी ईसा पूर्व): ऋग्वेद में वर्णित यह युद्ध भरत जनजाति और दस राजाओं के गठबंधन के बीच लड़ा गया था, जिसमें भरत विजयी हुए थे।  * हाइडस्पेस का युद्ध (326 ईसा पूर्व): सिकंदर और पोरस के बीच झेलम नदी के किनारे लड़ा गया, जिसमें सिकंदर विजयी हुआ।  * कलिंग का युद्ध (261 ईसा पूर्व): सम्राट अशोक और कलिंग के राजा के बीच लड़ा गया, जिसके बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया।  * सेल्यूसिड-मौर्य युद्ध (305-303 ईसा पूर्व): चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस I निकेटर के बीच लड़ा गया, जिसके परिणामस्वरूप मौर्य साम्राज्य का विस्तार हुआ। मध्यकालीन भारत की लड़ाइयाँ:  * तराइन का प्रथम युद्ध (1191 ई.): पृथ्वीराज ...

पर्यायवाची शब्द , समानार्थी शब्द

          पर्यायवाची शब्द                 अथवा  समानार्थी शब्द किसे कहते हैं  हिंदी व्याकरण में पर्यायवाची शब्द उन शब्दों को कहते हैं जिनका अर्थ लगभग समान होता है, लेकिन वे अलग-अलग होते हैं। इन्हें समानार्थी शब्द भी कहा जाता है। भाषा में पर्यायवाची शब्दों का बहुत महत्व है। इससे शब्द संपदा में वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए:  * पानी के पर्यायवाची शब्द हैं: जल, नीर, वारि, तोय।  * आँख के पर्यायवाची शब्द हैं: नेत्र, लोचन, चक्षु, दृग।  * खुशी के पर्यायवाची शब्द हैं: प्रसन्नता, आनंद, हर्ष, उल्लास। * घर के पर्यायवाची शब्द : महल, भवन, निकेतन। * कमल के पर्यायवाची शब्द : नीरज, पंकज, जलज, अम्बूज। * देवता शब्द के पर्यायवाची शब्द: देव, सुर, अमर। * इंद्र के पर्यायवाची शब्द : सुरपति, देवेन्द्र, देवेश। * आम का पर्यायवाची शब्द : आम्र, रसाल। * हाथी का पर्यायवाची शब्द : गज, हस्ति। *हवा का पर्यायवाची शब्द : पवन, वात, वायु। * सूर्य का पर्यायवाची शब्द: सूरज, रवि, दिनकर। *बादल का पर्यायवाची शब्द : घन, मेघ, जलद  ...

संपादक किसे कहते हैं? संपादक के कार्य क्या है। Editor kise kahte hai. Editor ke karya

  संपादक किसे कहते हैं ? What do you mean by editor  Work of editor,  संपादक (Editor) वह व्यक्ति होता है जो किसी समाचार पत्र, पत्रिका, वेबसाइट या अन्य प्रकाशन के लिए सामग्री का चयन, संपादन और समीक्षा करता है। संपादक का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रकाशन की सामग्री सटीक, निष्पक्ष और पठनीय हो। यह सामग्री पाठकों के रूचि के अनुकूल है या नहीं। संपादक समाचार पत्र, पत्रिका अथवा प्रकाशन का मुखिया होता है। संपादक के कार्य:  * सामग्री का चयन:    * संपादक यह तय करता है कि किस प्रकार की सामग्री प्रकाशित की जाएगी।    * वे समाचार, लेख, चित्र और अन्य सामग्री का चयन करते हैं जो प्रकाशन के लिए सबसे उपयुक्त हैं।  * संपादन:    * संपादक सामग्री की सटीकता, व्याकरण और शैली की जांच करते हैं।    * वे सामग्री को स्पष्ट और संक्षिप्त बनाने के लिए संपादित करते हैं।    * आवश्यकता पड़ने पर लेखक को सुझाव देना।  * समीक्षा:    * संपादक यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रकाशन की सामग्री प्रकाशन के मानकों को पूरा करती है।   ...