Bade Ghar ki Beti , story, बड़े घर की बेटी, कहानी , प्रेमचंद
बड़े घर की बेटी , कहानी Bade Ghar ki Beti, story, premchand "बड़े घर की बेटी" प्रेमचंद द्वारा रचित एक आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानी है। यह कहानी सर्वप्रथम 1910 ई में जमाना नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई थी । परन्तु इस कहानी की प्रासंगिकता आज और बढ़ गई है, क्योंकि संयुक्त परिवार का विघटन दिन पर दिन बढता जा रहा है। इस कहानी में प्रेमचंद ने उच्च वर्ग की पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों और मूल्यों का यथार्थ चित्रण प्रस्तुत किया है। लेखक ने आनंदी का चरित्र प्रस्तुत कर यह बताने का प्रयास किया है कि बड़े घर की बेटियां तभी बड़े घर की बेटी कहलाने की हकदार हैं जब उनमें ससुराल के प्रति ममता, सहिष्णुता और संयुक्त परिवार के प्रति मोह हो। यहां हमने बड़े घर की बेटी कहानी का सारांश, कहानी का उद्देश्य, प्रमुख पात्रों का चरित्र चित्रण, शीर्षक की सार्थकता और प्रमुख प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, जिससे पाठकों को कहानी समझने में मदद मिलेगी। Table of contents प्रेमचंद का जीवन परिचय, a biography of premchand, बड़े घर बड़े घर की बेटी कहानी का सारांश, summary of story Bade G...
Blog banae hai sir
जवाब देंहटाएंYes
हटाएंAachi baatein me kuch aaya nahi
जवाब देंहटाएंComming soon
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