जब राजा जय सिंह छोटी रानी के प्रेम में---

                          महाराजा जय सिंह
राजा जय सिंह बड़ा प्रतापी राजा थे। कहते हैं, जब उनकी नयी नयी शादी हुई थी, तो वे अपनी छोटी रानी के प्रेम में इतने आसक्त हो गये थे  कि नयीनवेली दुल्हन को छोड़कर कभी रंगमहल से बाहर निकलते ही नहीं थे। नतीजा, राज्य का बुरा हाल हो रहा था।सब कुछ ठप। मंत्री-दरबारी सब बेचैन। अब क्या होगा? परन्तु राजा  के भोग विलास में खलल डालकर मृत्यु को कौन आमंत्रित करें। संपूर्ण राज्य में एक अजीब सी उदासी छाई थी। तभी एक सुप्रसिद्ध कवि बिहारी लाल कहीं से घूमते हुए वहां आ पहुंचे। मंत्रिपरिषद ने उन्हें सब हाल से अवगत करा कर कुछ करने का आग्रह किया। कवि बिहारी ने एक दोहा लिखकर राजा के अंत:पुर में भिजवाया।दोहा था---"नहीं पराग नहीं मधुर मधु, नहीं विलास यही काल।अली कली ही सो बध्यो , आगे कौन हवाल।।" अर्थात यदि भौंरा(राजा) कली (रानी) के प्रेम में ही बंधा  रहे तो फिर आगे क्या होगा ? जादू सा असर इस दोहे का राजा पर हुआ।वे तत्काल रंगमहल से बाहर निकल आए। जैसे गहरी  नींद से जागे, फिर सब कुछ ठीक हो गया।                                                             
महाकवि बिहारीलाल
  

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कलम की शक्ति अपरंपार है।"कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली।दिल ही 4 , दिमागों में भी आग लगाने वाली।। तो भाई बुद्धि और कलम के धनी कहीं बेकार नहीं होते। बिहारी के बनाए दोहे से राजा इतने प्रसन्न हुए कि उन्हें हरेक दोहे की कीमत एक एक असर्फी मिलने लगी।                                                                 पुस्तकें पढ़िए,धन कमाइए,मान सम्मान के साथ। इसीलिए ज्ञानी मनुष्य सदा पुस्तकों का सम्मान करते हैं। पढ़िए, सीखिए और धन अर्जित कर सुखी जीवन बनाइए।(डॉ उमेश कुमार सिंह,, educational dr Umesh, also available on YouTube, Facebook and Twitter)  

(  Click करें और इसे भी पढ़ें ) Republic Day Essay 

टिप्पणियाँ

Recommended Post

Bade Ghar ki Beti , story, बड़े घर की बेटी, कहानी , प्रेमचंद

फूल और कांटा (Phul aur Kanta) poem

1.संपादन ( sampadan) 2. संपादन का अर्थ एवं परिभाषा तथा कार्य 3.संपादन के सिद्धांत

चेतक ( कविता ) Chetak horse

बच्चे काम पर जा रहे हैं , कविता, कवि राजेश जोशी, भावार्थ, व्याख्या, प्रश्न उत्तर, राजेश जोशी का जीवन परिचय, Bachche kam pr ja rhe hai poem, 9th class hindi