वर्षा -ऋतु(Varsha Ritu) हिंदी- निबंध
वर्षा ऋतु निबंध, Varsha Ritu nibandh, rainy season essay,
ऋतुओं की रानी वर्षा, वर्षा का आगमन, वर्षा का प्रकृति पर प्रभाव, वर्षा से लाभ, वर्षा से नुकसान, वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियां, निष्कर्ष
यदि बसंत ऋतुओं का राजा है तो वर्षा ऋतुओं की रानी है। वर्षा -ऋतु के आते ही आसमान में काले- काले बादल छा जाते हैं। मेघ घमंडी हाथियों की तरह गरज- गरज कर लोगों को डराने लगता है। घनघोर वर्षा होने लगती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। मानो प्रकृति रानी ने जैसे हरी चादर ओढ़ ली हो। काले- काले बादल देख मोर अपने पंख फैलाकर वनों में नाचने लगते हैं। पपीहे, दादुर, झींगुर की आवाज़ें प्रकृति में गूंज उठती है। ताल तलैया भर जाते हैं।
ग्रीष्म ऋतु की मार से तपति धरा तृप्त हो जाती है। बागों में झूले लग जाते हैं। नव तरुणियों के मन उल्लसित हो जाते हैं। नदियों में जल भर जाता है और उनका वेग भी बढ़ जाता है। मानो इतराती हुई अपने प्रियतम सागर से मिलने जा रही हो। और किसानों की खुशियों की तो बात ही ना पूछो। वह हल बैल के लेकर अपने खेत की ओर निकल पड़ते हैं। धान की बुवाई प्रारंभ हो जाती है।
लेकिन जहां फूल है, कांटे भी हैं, जहां सुख है वहां दुख भी है। वर्षा -ऋतु के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। कुछ बीमारियों की भी चर्चा होती है। वर्षा ऋतु में मक्खी -मच्छर कीट- पतंग का प्रभाव बहुत ( मित्रता, रक्षा, निबंध भी देखें) अधिक बढ़ जाता है।
वर्षा रितु के लिए YouTube सूची
(यह भी पढ़ें) बसंत ऋतु निबंध
मलेरिया, डेंगू जैसी घातक बीमारियां लोगों को ग्रसित करने लगती हैं। अतिवृष्टि से नदियों के किनारे बसे लोगों को भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ता है। किसानों के लहलहाते फसल नष्ट हो जाते हैं। तट बंधो के ऊपर नदियों का दबाव बहुत बढ़ जाता है और जान- माल का बहुत बड़ा नुकसान होता है।] रास्ते कीचड़ से भर जातें है। सड़कों और रेल्वे पर पानी भरने जाता है, जिससे कई प्रकार की परेशानी होती हैं। फिर भी वर्षा -ऋतु
जीवनदायिनी ऋतु है।
मीराबाई के पद "कविता भी पढ़ें) यहां क्लिक करें
नेताजी का चश्मा "कहानी भी पढ़ें
सच्चा हितैषी निबन्ध । क्लिक करें और पढ़ें।
nice sir
जवाब देंहटाएंNice sir
जवाब देंहटाएंPlease follow me sir
http://avbeducationblogging.blogspot.com/2021/05/blog-post_31.html