विज्ञान से लाभ- हानि/विज्ञान के चमत्कारvigyan ke Labh Hani


Vigyan Ke Chamtkar, विज्ञान के चमत्कार, विज्ञान के लाभ और हानि, vigyan ke Labh aur hani, science, merits and demerits



१.विज्ञान का अर्थ २.विज्ञान के साधन ३.आज का युग विज्ञान का युग ४। विज्ञान के कुछ नुकसान ५.उपसंहार


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विज्ञान लाभ हानि


विज्ञान का अर्थ विशिष्ट ज्ञान है। मनुष्य आदि काल से ज्ञात प्रवृत्ति का रहा है। वह अपने जीवन को सरल और सुगम बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रही है। इसी खोज की प्रवृत्ति ने विज्ञान को जन्म दिया है।
   
आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने हमें कई साधन प्रदान किए हैं। सुबह जगने से लेकर रात में सोने तक हम ना जाने कितने वैज्ञानिक साधनों का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं। इसीलिए आज के युग को विज्ञान का युग कहा जाता है।

            विज्ञान के साधनों में यातायात के साधन सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसने हमें यातायात के कई साधन प्रदान किए। साइकिल, मोटरसाइकिल कारे, बस, रेल, वायुयान,  जैसे अनगिनत साधन विज्ञान के चमत्कार हैं। (रक्षा बंधन, वर्षा ऋतु, मित्रता पर निबंध भी यही देखें)

    यातायात के ये साधन सारी दुनिया को एक आंगन में लाकर खड़ा कर दिया है। यदि हम नाश्ता भारत में करते हैं तो दोपहर का भोजन रूस में कर सकते हैं। हेलिकॉप्टर, वायुयान  से मनुष्य पक्षियों की तरह आकाश में उड़ान भर सकता है। समुद्री जहाज, मोटर बोट, पनडुब्बी के द्वारा हम समुद्री यात्राएं सुगमता से कर सकते हैं। विज्ञान के अविष्कारों ने किसी को भी स्थान को दुर्गम नहीं छोड़ा है।

       संचार के क्षेत्र में विज्ञान के साधनों ने अद्भुत क्रांति ला दी है। रेडियो, टेलीविजन,  मोबाइल, इंटरनेट आदि ऐसे वैज्ञानिक उपकरण है जिनकी सहायता से हम संसार में कहीं भी घटने वाली घटनाओं के बारे में तुरंत जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

    कंप्यूटर और मोबाइल के माध्यम से संसार के किसी भी कोने में बैठे अपने परिवार या संबंधियों से बातें कर सकते हैं। उनका चेहरा देख सकते हैं। टेलीविजन के द्वारा कहीं भी घटित घटनाओं को तुरंत अपनी आँखों से देख सकते हैं।

दैनिक उपयोग की वस्तुएं या मनोरंजन के साधन सब ओर विज्ञान के चमत्कार ही चमत्कार दिखाई देते हैं। बिजली के आविष्कार ने हमारे जीवन को और भी सुगम बना दिया है। इसके बलबूते में हमने अंधेरे पर विजय प्राप्त कर ली है। यह उर्जा का महत्वपूर्ण साधन है।

       बिजली वैज्ञानिक साधनों की रीढ है। प्रेशर कुकर, वॉशिंग मशीन इलेक्ट्रिक आयरन, फ्रिज, मसाले पीसने की मशीन, इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन जैसे अनेकानेक दैनिक उपयोग की वस्तुएं विज्ञान ने प्रदान की हैं।

     मनोरंजन और खेलकूद के क्षेत्र में विज्ञान ने कई साधन प्रदान किए हैं। सिनेमा, टीवी, रेडियो, रिकॉर्ड प्लेयर या नाना प्रकार के वाद्य यंत्र विज्ञान ने ही प्रदान किए हैं।

                 कंप्यूटर विज्ञान की एक अनुपम देन है। कंप्यूटर  ने मानव जीवन में एक गजब की क्रांति ला दी ।स्कूल, कालेज हो या रेलवे स्टेशन, युद्ध का मैदान हो या घर, सब जगह कंप्यूटर की उपयोगिता देखी जा सकती है।

     चिकित्सा के साधनों में विज्ञान की देन अनुपम है। विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों का इलाज आधुनिक चिकित्सा अविष्कारों के कारण ही सुगम और सुलभ हो गया है। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड शरीर के अंदर की कठिनाइयों को आसानी से उजागर कर देता है। सीटी स्कैन दिमाग के अंदर की परेशानियों को उजागर कर इलाज करने में सक्षम है।

          विभिन्न प्रकार के टीके और वैक्सीन ने कई प्रकार के महामारी रोगों की रोकथाम में सहायक बनाया है। प्लेग, टी वी, मलेरिया, कैंसर जैसी बीमारियां अब मामूली समझी जाती है।

कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति वैज्ञानिक चमत्कारों की ही देन है। उत्तम कृषि यंत्र, बीज रसायनिक खाद ने हमारे कृषि पैदावारो में काफी वृद्धि ला दी है जिससे हम विश्व के एक विशाल जनसंख्या की आवश्यकता के अन्न उपजाने में सक्षम हो सकते हैं।

  हालांकि, विज्ञान ने हमें कई विनाशक और विध्वंसक यंत्र भी प्रदान किए हैं। बंदूक की गोली, बम, परमाणु बम बड़े-बड़े टैंकर, तोपे, मिसाइलें विज्ञान की ही देन है, जिसे विज्ञान का अभिशाप ही कहा गया है।

 विज्ञान से हानि

    जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों की दुर्दशा का जिम्मेदार ऐसे ही विनाशक हथियारों का जन्मदाता विज्ञान है। विज्ञान का यह दुःख  दायक पक्ष आज तो और भी भयानक होता जा रहा है। विज्ञान की सहायता से इस तरह के मारक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण हो रहा है जिसके प्रयोग से मानव के साथ सभी प्राणी और वनस्पतियों तक समूल नष्ट हो सकते है। पृथ्वी पर प्रलय आ सकती है।

       निश्चित रूप से विज्ञान ने हमें कई सुंदर और आनंददायक वस्तुएं प्रदान की है। लेकिन कुछ विनाशक और विध्वंसक वस्तुएं भी दी हैं। आवश्यकता है, अच्छी तरह से सूझबूझ से उनके उपयोग की। विज्ञान का सही उपयोग हो तो यह वरदान है, वरना अभिशाप है।

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