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Sharad Purnima,शरद पूर्णिमा

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शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर, 2021 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस लेख में शरद पूर्णिमा के बारे में जानकारी प्राप्त करें।  यूं तो हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने के पूर्णिमा को पवित्र दिन माना गया है, लेकिन शरद पूर्णिमा यानी अश्विन मास के पूर्णिमा को बहुत पवित्र माना गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसका पवित्रता के निम्नलिखित कारण है ---        चन्द्रमा से अमृत की वर्षा शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ आकाश में विराजमान रहता है। इस दिन यह पृथ्वी के सबसे निकट रहकर पृथ्वी पर अमृत की बूंदे बरसाता है। इसलिए दूध में बने खीर रात्रि के समय खुले आसमान के नीचे रखने की खाने की परंपरा है। दूध को भी अमृत माना गया है। खीररण    को आकर्षित करता है। ऐसी मान्यता है कि रात्रि के समय खुले आसमान के नीचे खीर खाने से मनुष्य बलवान और निरोग बना रहता है।      धन की देवी माता लक्ष्मी का धरती पर आगमन ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में माता लक्ष्मी का पृथ्वी पर शुभ आगमन होता है। वह रात्रि में अपने भक्तों के घर-घर जाना यह देखती है कि रात्रि जागरण द्वारा कौन-

जापान: उगते सूरज का देश(Japan,The country of rising Sun)

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 जापान , उगते सूरज का देश, Japan the country of rising Sun जापान को उगते सूरज का देश कहा जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जो विनाश लीला जापान ने झेला है, उसके बाद भी वहाँ के लोग अपनी मेहनत और लगन से जापान को एक समृद्धि का प्रतीक देश बना दिया। वहाँ के लोग मानवीय भावनाओं का बहुत सम्मान करते हैं। भारत के प्रति उनके मन में अपार श्रद्धा है। प्रत्येक जापानी महात्मा बुद्ध का भक्त है और वे एक बार भारत अवश्य आना चाहते हैं।     जापान की रेलगाड़ियाँ विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां हवाई अड्डे के टर्मिनल के नीचे भूमिगत रेलवे स्टेशन है जिसे "सबवे" कहा जाता है। तीन तीन तल्लों के सबवे धरती के नीचे हैं। सभी रेलगाड़ियाँ एयरकूलित हैं और समय से चलती है। हिबिया, गिज़ान, मारुनोची, तजाई नामों की ट्रेनें हैं । कहीं भी टिकट चेकर नहीं है, फिर भी लोग ईमानदारी से यात्रा करते हैं। "नेताजी का चश्मा" कहानी भी पढ़ें गिंजान टोकियो का सबसे शानदार और उत्कृष्ट इलाका है । वहाँ की सड़कें सुंदर, साफ और चौड़ी है। यहां बड़े-बड़े फैशन स्टोर हैं, जिनमें दुनिया भर के सामान मिलते हैं। महिलाओं के लिए यह बह

मीराबाई के पद, Mirabai ke pad, मेरे तो गिरधर गोपाल

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मीराबाई के पद , भावार्थ, व्याख्या, प्रश्न उत्तर By Dr.Umesh Kumar Singh    १ मीराबाई: जीवन परिचय, Mirabai  २.  पद - मेरे तो गिरधर,पग घुंघरू बांध  ३  पद का भावार्थ, ४.प्रश्न- उत्तर Mirabai ke pad, mira kiski diwani thi, Mirabai ka janm sthan,mira ka janm kab hua, mira ka arth, mira Bai ke Guru Kaun the. Mira ke pati Kaun the, mira ka sasural Kha tha.mira ko jahar kisne diya. मीरा के पद, हिंदी ग्यारहवीं कक्षा,आरोह भाग 1, मीरा बाई के पद, मीरा बाई की जीवनी, मीरा का ससुराल, मीरा बाई का जन्म स्थली,  मीरा बाई के पद का भाव और कला पक्ष,  11 हिंदी,  पग घुंघरू बांध मीरा नाची, मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई। **********"************************************* मीराबाई का जीवन- परिचय -- - मीराबाई सगुण भक्ति धारा की प्रमुख भक्त कवयित्री हैं। ये श्रीकृष्ण की अनन्य साधिका थी और श्रीकृष्ण को ही अपना पति मानती थीं और श्री कृष्ण की दीवानी थी।  इनका जन्म कुर्क गांव, (मारवाड़ रियासत) 1498 ई  में और मृत्यु 1546 ई  में हुआ था। मीराबाई के मूल नाम के संबंध में भी विद्वानों ने अपने-अपने तर्क