शीत ऋतु , ठंड में बच्चों की देखभाल
शीत ऋतु (ठंड) में बच्चों की देखभाल तो शीत ऋतु हर्षोल्लास और मौज-मस्ती करने की ऋतु है लेकिन बच्चों, खाशकर पांच साल से कम अवस्था के बच्चों की देखभाल अधिक करनी पड़ती है। ऐसे बच्चे थोड़ी सी असावधानी से बीमार पड़ सकते हैं। अतः उनके खान-पान, पहनावे और देखभाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। तो आइए, शीत ऋतु आई गई है, इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें। भारत में शीत ऋतु का आगमन नवंबर में होता है। भारत गर्मी प्रमुख देश है, फिर यहां भी पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ती है। छोटे बच्चे बीमार होने लगते हैं। इसलिए उनकी देखभाल कुछ इस तरह करने की आवश्यकता होती है --- 1 धूप का नियमित सेवन - बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जाड़े की धूप का प्रतिदिन सेवन आवश्यक है। इससे हडि्डयों को मजबूती मिलती है। धूप विटामिन डी का बढ़िया स्रोत है। इससे बच्चों में रोग निरोधक क्षमता का विकास तो होता ही है, शरीर को आवश्यकता के अनुसार गर्मी और ऊर्जा प्राप्त होती है। हां, एक बात का अवश्य ध्यान रखें, जब तेज हवा चले तो बच्चे को बाहर नहीं निकलना चाहिए। 2. मसाज ---- मसाज से हमारा तात्प