मत करो परेशान, मच्छरों
मच्छर बढ़ने की ऋतु
वैसे तो मच्छर प्रत्येक ऋतुओं में हमें परेशान करते हैं, लेकिन बरसात में इनका आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। आप जानते हैं इसका क्या कारण है । इसका कारण है चारों ओर जल जमाव। बरसात में हमारे चारों ओर जल जमाव और जंगल झार बढ़ जाता है और इन्हीं जगहों पर मच्छर पनपते हैं। इसलिए बरसात के मौसम में मच्छर सबसे ज्यादा हमें परेशान करते हैं।
मच्छर बढ़ने की एक और ऋतु है - बसंत। कड़ाके की ठंड में मच्छर भी पंगु हो जाते हैं, लेकिन न ठंड थोड़ी कमी कि बस कान में मच्छरों की आवाज आंधी शुरू।
कड़ाके की ठंड जैसे जैसे दूर होती जा रही है, मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही। जहां देखो वहीं मच्छर। मलेरिया, डेंगू का डर सताने लगा है। दिन में मक्खी तो रात में मच्छर। न दिन में चैन, न रात में नींद। गंदे जल और गंदगी को दूर करके ही इससे बचा जा सकता है।
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एक बार की बात है। दीनू बिस्तर पर लेटा ही था कि मच्छरों ने उस पर हमला कर दिया। काटने वाले मच्छर, गीत गाने वाले मच्छर। चुम्बन लेने वाले मच्छर, नाक पर बैठने वाले मच्छर। दीनू गिरगिराने लगा , मुझे माफ़ करो मच्छरों, मुझे अब सोने दो। मुझे सुबह से ही बहुत काम करने है। मुझे पर दया करो । परन्तु भला खून चूसने वाले मच्छर उसकी विनती कब सुनने वाले थे।
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अब दीनू को तैश आ गया। उसका पौरूष जाग उठा। वह बड़बड़ाया, ठहरो मैं तुम्हें अभी मजा चखाया हूं। उसने बत्ती जलाई तो देखा दीवार पर अनगिनत मच्छर बैठे हैं। उसने आव देखा न ताव और दनादन दीवार पर हाथ मारने लगा। परन्तु मुश्किल से पांच सात मच्छर ही मर सके। उल्टे दीनू के हाथ में चोट लगी।
मलेरिया फैलने के कारण
सुबह में मलेरिया की चर्चा करते हुए कुछ लोग आ गए। तब उसने जाना कि मलेरिया में ज्वर होता है। इसे एनाफिलीज नामक मच्छर फैलाते हैं। जब वह मलेरिया के मरीज को काटते हैं तो उसके रोग के जीवाणु को चूसकर दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंचा देते हैं। रोगी को बहुत सर्दी और बुखार लगती है।मरीज को जबरदस्त जाड़ा लगता है। मच्छर के कारण ही डेंगू फैलता है। इस बीमारी में प्लेटलेटस घट जाता है। समय से इलाज हो तो रोगी ठीक हो जाता है। साफ सफाई और डी डी टी के छिड़काव से मच्छर मर जाते हैं।
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