1.लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म
2. लाल बहादुर शास्त्री जी का राजनैतिक सफर
3. लाल बहादुर शास्त्री जी भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के रूप में
4. लाल बहादुर शास्त्री जी का "जय जवान जय किसान" का नारा
लाल बहादुर शास्त्री
भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 02 अक्टूबर 1904 ई में बनारस के निकट मुगलसराय नामक स्थान में हुआ।] उनके पिता जी का नाम शारदा प्रसाद और माता जी का नाम श्रीमती दुलारी देवी था। उनके पिता जी एक शिक्षक थे। उनके घर की स्थिति ठीक नहीं थी। केवल डेढ़ वर्ष की अल्प अवस्था में ही उनके शिशु सिर से पिताजी का साया उठ गया लेकिन इनकी माताजी अत्यंत सहसी महिला थी। उन्होंने बड़े साहस और लगन से लाल बहादुर का लालन-पालन किया।लाल बहादुर शास्त्री जी की शिक्षा दीक्षा बनारस में हुई। वे बनारस के हरिश्चंद्र विद्यालय के छात्र थे। आर्थिक अभाव के कारण उन्हें अपने गाँव से विद्यालय जाने के लिए गंगा नदी तैरकर पार करना पढ़ता था। जब यह केवल 17 वर्ष के थे तब महात्मा गांधी के आह्वान पर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें कई वर्षों तक जेल की यातना भी सहनी पड़ी थी। ज्ञान अर्जन के लिए यह फिर काशी विद्यापीठ में चले आए। वहाँ उन्होंने दर्शन और संस्कृत साहित्य का गहन अध्ययन किया।
शास्त्री जी का सक्रिय राजनीतिक जीवन इलाहाबाद से शुरू हुआ। इलाहाबाद कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे। वे 1937 ई में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
लालबहादुर शास्त्री भारतीय राजनीति के सच्चे साधक थे। उनकी साधना ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से प्रभावित होकर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें दिल्ली बुलाकर कांग्रेस संगठन की महती जिम्मेवारी सौंपी। शास्त्री जी नेहरू जी के विश्वास पर पूरी तरह खरे उतरे। 1952 में स्वतंत्र भारत के वे रेल मंत्री और परिवहन मंत्री बने । उन्होंने आम आदमी के लिए जनता गाड़ी चलवाई। उसी समय अरियालपुर नामक स्थान में भयंकर रेल दुर्घटना हुई। इस भीषण दुर्घटना की जिम्मेवारी लेते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 1957 ई में शास्त्री जी इलाहाबाद से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए । इन्हें संचार तथा परिवहन मंत्री का दायित्व मिला। 27 मई 1964 ईस्वी को पंडित नेहरू के देहावसान होने पर लाल बहादुर शास्त्री जी को देश का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया गया। शास्त्री जी के कुशल नेतृत्व में देश विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर होने लगा। तभी 1965 ईस्वी में पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण कर दिया। शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा देकर भारतीय सैनिक के साथ-साथ समस्त देशवासियों का मनोबल बढ़ाया। इस युद्ध में भारत विजयी हुआ। शास्त्री जी अमन-चैन के समर्थक थे। वे चाहते थे कि भारत पाकिस्तान दोनों देशों में अमन चैन रहे। वे शांति वार्ता के लिए ताशकंद गए और वही 11 जनवरी 1966 को हमें सदा के लिए छोड़ कर स्वर्ग सिधार गए। शास्त्री जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका संदेश सदा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा।।
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प्रश्न उत्तर
1. जब नन्हें पांच छः बर्ष का था तब उसके साथ क्या घटना घटी ?
उत्तर - लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम नन्हें था। जब वह पांच छः वर्ष के थे तो कुछ कुछ सहपाठियों के कहने पर उनके साथ आम के बगीचे में आम तोड़ने चले गए। वे ऐसा सहपाठियों के बहकावे में आकर करने लगे। इतने में भाग का मालिक उन्हें पकड़ लिया और दो तमाचे जड़ दिए। नन्हे सुबकने लगे, उन्होंने कहा , मेरे पिताजी नहीं है, फिर तुम मुझे क्यों मार रहे हो । माली ने कहा, तब मैं तुम्हें और मारूंगा, क्योंकि पिताजी के नहीं रहने से तुम्हारी जिम्मेदारी और जवाबदेही और बढ़ गई है। यह बात नन्हें को हमेशा याद रहा।
2. '" नन्हें को लगा जैसे माली के रूप में उसको जीवन की दिशा बताने वाले कोई गुरु खड़ा है"" - इसका क्या आशय है।
उत्तर - माली ने कहा, जब तुम्हारे पिताजी नहीं है तब तुम्हारी जिम्मेदारी और जवाबदेही बढ़ गई है। इस बात ने नन्हें की आंखें खोल दीं। वह अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही के प्रति जागरूक हो गया।
3. बालक लालबहादुर ने माली से क्या शिक्षा ली ?
उत्तर - बालक लालबहादुर ने माली से यह शिक्षा ली कि वह अच्छा बच्चा बनकर दिखाएगा।
4. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कब और कहां हुआ ?
उत्तर - लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ।
5. बालक लालबहादुर शास्त्री की शिक्षा कहां कहां हुई ?
उत्तर - बालक लालबहादुर शास्त्री की शिक्षा अपने नाना के घर, फिर मौसा के घर काशी हरिश्चंद्र हाई स्कूल, तथा काशी विद्यापीठ में हुई।
डॉ उमेश कुमार सिंह हिन्दी में पी-एच.डी हैं और आजकल धनबाद , झारखण्ड में रहकर विभिन्न कक्षाओं के छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन करते हैं। You tube channel educational dr Umesh 277, face book, Instagram, khabri app पर भी follow कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।
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