अगस्त क्रांति August Kranti


 अगस्त क्रांति (August Kranti )

अगस्त क्रांति क्या थी ? 26 अप्रैल 1942 को क्या हुआ ? हरिजन पत्र के बारे में बताएं। भारत छोड़ो आंदोलन का नारा किसने दिया ?  9 अगस्त 1942 को क्या हुआ ?


क्रिप्स योजना के असफल होते ही सारे देश में विद्रोह और असंतोष की लहर फैल गई। इस संबंध में गांधी जी ने 26 अप्रैल 1942 को ' हरिजन' पत्र में कहा कि यदि अंग्रेजों ने भारत को उसके भाग्य के भरोसे सिंगापुर की तरह छोड़ भी दिया तो अहिंसक भारत को इससे कोई भी हानि न होगी। उन्होंने इसी पत्र में भारत छोड़ो का नारा दिया था।

भारत छोड़ो आंदोलन

महात्मा गांधी जी के ' भारत छोड़ो ' नारे के महत्व को सबने एक स्वर से स्वीकार कर लिया। 14 जुलाई, 1942 को वर्धा में एक स्वर से सभी ने भारत छोड़ो का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया कहा गया कि भारत में ब्रिटिश शासन का अंत शीध्र होना चाहिए।


8 अगस्त 1942 को ' भारत छोड़ो ' का नारा बुलंद करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति की एक बैठक मुंबई मैं बुलाई गई। गांधी जी ने अपने भाषण में यह घोषणा की, कि इस क्षण से आप में से हर एक अपने को आजाद आदमी या आजाद औरत समझे। हम भारत को आजाद कराएंगे या इस कोशिश में मर जाएंगे। उसी रात यह प्रस्ताव भारी बहुमत से पास हुआ कि यदि अंग्रेज भारत को शीघ्र स्वतंत्र नहीं कर देते तो हमें अपनी आजादी की लड़ाई अभी से प्रारंभ कर देनी चाहिए।

दो बैलों की कथा      (क्लिक करें और पढ़ें)

इस प्रस्ताव से ब्रिटिश सत्ता का सिंहासन हिल गया। इस प्रस्ताव को ठुकरा कर 8 अगस्त 1942 को आधी रात  के बाद और 9 अगस्त के सूर्योदय से पूर्व गांधीजी,  कांग्रेस अध्यक्ष मौलाना आजाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल तथा अन्य प्रमुख नेता गिरफ्तार कर लिए गए और उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर नजरबंद कर लिया गया। 1 सप्ताह के भीतर कांग्रेस के सभी छोटे बड़े नेता कार्यकर्ता जेलों में बंद कर दिए गए। पूरे देश में गिरफ्तारीओं का दौर शुरू हो गया परिणाम था की सारे देश में जबरदस्त विद्रोह की लहर दौड़ गई।

अगस्त क्रांति के इतिहास में मुंबई के गवालिया मैदान का बहुत महत्व है।
9 अगस्त 1942 को सारे स्वयं सेवक बंधु भगिनी नारंगी रंग के पोशाक में वहां जमें थे। भूलाभाई देवासी के सुपुत्र अपने हाथों में तिरंगा लिए हुए थे। श्रीमती अरुणा आसफ अली का ओजस्वी भाषण हुआ। उन्होंने वहां तिरंगा झंडा भी फहरा दिया। अंग्रेजी सार्जेंट ने अश्रुगैअस के गोले छोड़े पर जनता टस से मस नहीं हुई। जब अश्रुगैस का जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा तो पुलिस लड़ियां बरसाने लगी। सरदार पटेल की सुपुत्री सुश्री मणिबेन को कई लाठियां लगी।

इस घटना की खबर सारे देश में फैल गया। हड़ताल आगजनी और तोड़फोड़ का दौर शुरू हो गया। बसें जलाकर यातायात ठप कर दिया गया। टेलिफोन के खंभे उखाड़ दिए गए। सारा देश लहर उठा।

नंदरबर  की  घटना


इसी बीच एक और घटना घटी। मुंबई के धूलिया जिले में नंदरबर नामक जगह में कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में विद्यार्थियों ने एक जुलूस निकाला। इस जुलूस में पांच वर्ष से लेकर पन्द्रह वर्ष के छात्र थे। इस दल में कुछ बच्चियां भी थी। जब जुलूस बाजार से निकल रहा था तो वहां के पुलिस ने उन मासूमों पर गोलियां चलाने का आदेश दे दिया। एक चौदह वर्ष के मासूम को गोलियों से भून डाला गया। अंग्रेजी सरकार के अत्याचार बंद होने का नाम ही नहीं था।

मुम्बई की क्रांति की ज्वाला संपूर्ण भारत में फैल गई । भारत छोड़ो का नारा आजादी का नारा बन गया और संपूर्ण भारत वासी ने करो या मरो का मन बना लिया।


प्रश्न उत्तर

1. क्रिप्स योजना के असफल होते ही क्या हुआ ?

उत्तर - क्रिप्स योजना के असफल होते ही संपूर्ण भारत में असंतोष और विद्रोह की लहर दौड़ गई। महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू कर दिया।

2. महात्मा गांधी ने कब सर्वप्रथम भारत छोड़ो पर अपने विचार प्रकट किए ?

उत्तर -  26 अप्रैल 1942 को सर्वप्रथम भारत छोड़ो पर महात्मा ने अपने विचार प्रकट किए। यह बात उन्होंने हरिजन पत्र में लिखी थी।

3. भारत छोड़ो का नारा बुलंद करने के लिए कब और कहां बैठक आयोजित की गई ?

उत्तर - भारत छोड़ो का नारा बुलंद करने के लिए 8 अगस्त 1942 को मुम्बई में बैठक आयोजित हुई।


4. गांधी जी ने बैठक में क्या घोषणा की ?

उत्तर - गांधी जी ने घोषणा की, इस क्षण से हर आदमी और औरत अपने को आजाद समझे। हम भारत को आजाद कराएंगे या मर मिटेंगे।

5. गवालिया मैदान के अभूतपूर्व दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में करें।

उत्तर -- अगस्त क्रांति के इतिहास में मुंबई के गवालिया नामक मैदान का विशेष स्थान है।  9 अगस्त 1942 को वहां का दृश्य कुछ अलग ही था। सुबह से ही हजारों स्वयं सेवक बंधु भगिनी नारंगी रंग के पोशाक पहनें वहां डटे रहे । वे हाथ में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। बौखलाई अंग्रेजी फौजें उन पर अश्रुगैस और फिर लाठियां बरसाई, परन्तु इससे वे बिल्कुल नहीं घबराए।

6. ब्रिटिश पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया ?

उत्तर - गवालिया मैदान में श्रीमती अरुणा आसफ अली का ओजस्वी भाषण हुआ और उन्होंने तिरंगा झंडा फहराया। इससे अंग्रेजी सार्जेंट बौखला गया और उसने अश्रुगैस के गोले छोड़े जाने का आदेश दे दिए। जब अश्रुगैस से जनता नहीं हटी तो उसने लाठियां बरसाने का आदेश दे दिया।


7.नंदरवर स्थान में क्या घटना घटी ?

उत्तर - मुम्बई के धुलिया जिले में नंदरवर नामक एक स्थान है। जब अधिकांश नेताओं को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया तो वहां के विद्यार्थियों ने इसके खिलाफ एक जुलूस निकाल कर विरोध जताने का प्रयास किया। जुलूस जब शहर के चौराहे पर आईं तो पुलिस ने उन पर गोलियां बरसाई, जिससे एक चौदह वर्ष का मासूम शहीद हो गया।  


समझो और बताओं

इस क्रांति को अगस्त क्रांति क्यों कहा गया ?
उत्तर - इस क्रांति को अगस्त क्रांति कहा गया क्योंकि  यह अगस्त महीने में हुई। इसी में लगातार घटती घटनाओं ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी।

भारत छोड़ो का नारा किनके लिए था ?

उत्तर - अंग्रेजों के लिए था।

' करो या मरो' से क्या आशय है ?

उत्तर - अपने कर्तव्य पथ पर सफलता हासिल करो या अपने प्राणों को बलिदान कर दो। करो या मरो से यही आशय है।


निम्नलिखित तिथियां क्यों प्रसिद्ध है ?

26 अप्रैल 1942 -- महात्मा गांधी ने हरिजन पत्र में भारत छोड़ो 
का सर्वप्रथम विचार दिया।

14 जुलाई 1942 -- वर्धा में नेताओं ने भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

8अगस्त 1942 - भारत छोड़ो का नारा बुलंद करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बम्बई में बैठक हुई।
9 अगस्त 1942-- नंदरबर की घटना , जिसमें अंग्रेजों ने मासूम की हत्या कर दी।

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लेखक

डॉ उमेश कुमार सिंह, भूली धनबाद झारखंड।

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