हम असत्य से बचें, सत्य पर चलें


 हम असत्य से बचें,

 सत्य पर चलें ,

प्रभो ! ऐसा वर दो।

अंधकार से हमें उबारो,

ज्योतिर्मय मानस कर दो।


आत्मपरिचय (क्लिक करें और पढ़ें)

कपट मृग (क्लिक करें और पढ़ें)

विजय मृत्यु पर प्राप्त हमें हो,

देव ! अमरता का दो दान

सत्य मार्ग पर चलकर पाएं,

अमर ज्योति का नया विहान।।


शांति और सुख मिले सभी को,

सबका जीवन मंगलमय हो।

नहीं दुखी कोई भी जन हो,

नहीं किसी को कोई भय हो।।


शब्दार्थ

असत्य -  झूठ। वर – वरदान। ज्योतिर्मय – रोशनी से भरपूर। मानस – मन , हृदय। विजय -  जीत । मृत्यु – मौत। अमरता – नहीं मरना। ज्योति – प्रकाश । मंगलमय – कल्याणकारी । जन – व्यक्ति  , भय – डर ।

हम असत्य से बचें सत्य पर चलें
भावार्थ

कवि कहते हैं, से प्रभु ! मुझे सत्य की राह दिखाओ। मुझे सत्य की राह पर चलने का आशीर्वाद दो। मुझे असत्य से बताओ। असत्य ही सबसे बड़ा पाप है। सत्य से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है। सत्य ही ईश्वर है।


कवि आगे कहते हैं, से प्रभु ! मुझे अमरता का वरदान दो। हमरी कीर्ति अमर रहे। मैं सत्य के मार्ग पर चलकर एक नया और अमर कीर्तिमान स्थापित करूं।

 वह आगे कहते हैं, से प्रभु ! अपनी कृपा संपूर्ण विश्व पर बनाए रखना। संपूर्ण विश्व में सुख शांति और समृद्धि छाए। ऐसा वरदान दो।


प्रश्न उत्तर

1. कवि ईश्वर से क्या वरदान मांगता है ?

उत्तर – कवि इस कविता में सत्य के मार्ग पर चलने का वरदान मांगता है। वह चाहता है कि संपूर्ण विश्व में सुख शांति और समृद्धि छाए। कहीं किसी को कोई भय न हो।

 

2. कवि किस प्रकार के मार्ग पर चलने की इच्छा प्रकट करता है ?

    उत्तर – कवि सत्य के मार्ग पर चलकर अमरता को प्राप्त करना चाहता है।

3. अन्य लोगों के लिए कवि क्या कामना करता है ?

4. *उत्तर- सभी सुख शांति और समृद्धि से जीवन व्यतीत करें। कवि सबके लिए यही कामना करते हैं।


निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखे

असत्य – सत्य।

अमर – मृत्यु

सुख – दुख

भय – अभय

अंधकार – प्रकाश

शांति – अशांति

मंगल – अमंगल

******""**"*********

नेताजी का चश्मा "कहानी भी पढ़ें

सच्चा हितैषी निबन्ध । क्लिक करें और पढ़ें।

  Republic Day Essay 

https://www.bimalhindi.in/2021/04/12-1950-1981-2019.html।    रजनीकांत एक सामान्य परिचय

Science : Pros & Cons- Essay essay      (क्लिक करें और पढ़ें)

शरद पूर्णिमा" पर्व के बारे में भी जानें Sharad Purnima


नेताजी का चश्मा "कहानी भी पढ़ें

सच्चा हितैषी निबन्ध । क्लिक करें और पढ़ें।

  Republic Day Essay 


Science : Pros & Cons- Essay essay      (क्लिक करें और पढ़ें)

शरद पूर्णिमा" पर्व के बारे में भी जानें Sharad Purnima


----- डॉ. उमेश कुमार सिंह

भूली नगर, धनबाद झारखंड, भारत


टिप्पणियाँ

Recommended Post

Bade Ghar ki Beti , story, बड़े घर की बेटी, कहानी , प्रेमचंद

फूल और कांटा (Phul aur Kanta) poem

1.संपादन ( sampadan) 2. संपादन का अर्थ एवं परिभाषा तथा कार्य 3.संपादन के सिद्धांत

चेतक ( कविता ) Chetak horse

बच्चे काम पर जा रहे हैं , कविता, कवि राजेश जोशी, भावार्थ, व्याख्या, प्रश्न उत्तर, राजेश जोशी का जीवन परिचय, Bachche kam pr ja rhe hai poem, 9th class hindi