काकी कहानी, सियाराम शरण गुप्त,Kaki
काकी ( कहानी ) लेखक सियाराम शरण गुप्त
Kaki story, shiyaram sharan gupt
Questions answers
काकी कहानी लेखक सियाराम शरण गुप्त, काकी कहानी का सारांश, काकी कहानी का उद्देश्य, काकी कहानी से क्या शिक्षा मिलती है। श्यामू कौन था। श्यामू की मां को क्या हुआ। पतंग किसलिए खरीदा गया था। विश्वेश्वर कौन थे। श्यामू आकाश की ओर क्यों देखा करता था । सुखिया दासी के लड़के का क्या नाम था ? पतंग के लिए पैसे कहां से आए।
काकी कहानी में लेखक ने बाल मनोविज्ञान का सुन्दर और यथार्थ वर्णन किया है। बच्चों का मन कितना भावुक होता है, इसे बहुत गंभीरता के साथ समझने की आवश्यकता होती है। इस कहानी में लेखक सियाराम शरण गुप्त ने पाठकों को बताने का प्रयास किया है कि हमें अपने बच्चों के प्रति संवेदनशील और सजग रहने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में इस कहानी की सार्थकता और अधिक बढ़ गई है।
काकी कहानी का सारांश kaki story summary
श्यामू नाम का एक बालक है। वह अबोध है। उसकी मां का देहांत हो गया है। परन्तु उसे मृत्यु का अर्थ नही मालूम है। घर के सारे लोग विलाप कर रहे हैं। उसकी मां मृत्यु शैय्या पर लेटी हुई है। जब उसकी मां को लोग श्मशान घाट ले जा रहे हैं, तब वह बहुत परेशान होता है। वह अपनी मां के शव पर गिर जाता है और लोगों को अपनी मां को ले जाने से रोकने का असफल प्रयास करता है। एक दासी उसे संभालती है। उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि वह अपनी मां के अग्नि संस्कार में भी न जा सका।
गुरुजनों ने उसे समझाया कि उसकी मां , जिसे वह काकी कहता था वह कहीं और नहीं, उसके मामा के घर गयी है। लेकिन कुछ ही दिनों में उसे पता चल गया कि उसकी काकी और कहीं नहीं, ऊपर राम के यहां गयी है। दिन बीतते गए, लेकिन काकी के लिए उसका मन शोकाकुल रहता था। वह प्रायः एकांत में बैठकर आकाश की ओर ताका करता था।
एक दिन की बात है। वह आकाश की ओर चुपचाप देख रहा था कि उसे आकाश में कुछ पतंग उड़ते दिखाई दिए। कुछ सोचकर उसका बाल मन खुशी से झूम उठा। वह दौड़ कर अपने पिता के पास गया और बोला , काका , मुझे पतंग मंगा दो। अभी मंगा दो।
पत्नी की मृत्यु के बाद उसके पिता विश्वेश्वर भी अनमने से रहते थे। ‘ अच्छा मंगा दूंगा,' ऐसा कहकर वे कहीं चले गए। वे बच्चे की भावना को समझ नहीं सके।
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श्यामू पतंग के लिए उतकंठित था। उसने देखा कि खूंटी पर पिता जी की कोट टंगी है। उसने चुपके से वहां से पैसे लेकर सुखिया दासी के लड़के भोला से पतंग और डोर मंगा लिया। उसने भोला से अपने मन का रहस्य बताया कि यह पतंग ऊपर राम के यहां भेजूंगा। इसको पकड़ कर काकी नीचे उतरेगी। मैं लिखना नहीं जानता हूं नहीं तो इस पर काकी का नाम भी लिख देता।
भोला श्यामू से अधिक समझदार था। उसने कहा कि सब बातें तो ठीक है लेकिन यह डोर बड़ी पतली है।इसे पकड़कर काकी उतर नहीं सकती, डोर टूट जाएगी। यदि मोटी रस्सी हो तो बात बन जाए।
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श्यामू रात भर चिंता में सो न सका। अब मोटी रस्सी कहां से आए। उसने फिर काका के कोट से पैसा निकाल कर बोला से दो मोटी मोटी रस्सियां मंगवाया। उसने जवाहर भैया से एक कागज पर काकी भी लिखवा लिया। अब भोला और श्यामू एक अंधेरी कोठरी में बैठकर पतंग में रस्सी बांधने का काम कर रहे थे कि अकस्मात ही विश्वेश्वर इस शुभ कार्य में विघ्न की तरह आ पहुंचे और दोनों को डांट कर पूछा, तुमने कोट से रूपए निकाले हैं। भोला डरकर बोल दिया कि श्यामू ने पतंग और रस्सी के लिए रूपए निकाले हैं।
विशेश्वर ने श्यामू को दो तमाचे जड़ दिए और कहा कि चोरी सीखकर जेल जाओगे। उन्होंने पतंग फाड़ दिए । वह फिर पूछा, रस्सियों का क्या होगा ? भोला ने कहा, श्यामू कहते हैं कि पतंग के सहारे काकी को राम के यहां से नीचे उतारेंगे। उसने पतंग की ओर देखा जिस पर लिखा था “काकी “ । विशेश्वर हतबुद्धि होकर वहीं खड़े रह गये।
काकी कहानी का प्रश्न उत्तर
1. सवेरे नींद खुलने पर श्यामू ने क्या देखा ?
उत्तर - सवेरे नींद खुली तो श्यामू ने देखा कि घर में कोहराम मचा हुआ है। उसकी मां ज़मीन पर कपड़े ओढ़े कंबल पर पड़ी है और लोग उसे घेरकर करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं।
2. श्यामू ने उपद्रव क्यों मचाया ?
उत्तर - जब लोग श्यामू की मां को श्मशान ले जाने लगे तो वह उपद्रव मचाने लगा। वह अपनी मां के ऊपर गिरकर रोने लगा और कहने लगा कि मैं इस तरह अपनी काकी को न ले जाने दूंगा।
3. बुद्धिमान गुरु जनों ने श्यामू को क्या विश्वास दिलाया था ? क्या वह बात श्यामू के गले उतर सकी ?
उत्तर - बुद्धि मान गुरु जनों ने श्यामू को विश्वास दिलाया कि उसकी काकी उसके मामा के यहां गयी है। परन्तु यह बात उसके गले नहीं उतर सकी।
4. श्यामू आकाश की ओर क्यों ताका करता था ?
उत्तर - अपनी मां की याद में वह हमेशा ऊपर आकाश की ओर देखा करता था।
5. श्यामू ने पिता के पास जाकर क्या कहा ?
उत्तर - श्यामू ने पिता जी को कहा कि मुझे पतंग मंगा दीजिए। अभी मंगा दीजिए।
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6. श्यामू ने काकी को नीचे उतारने की क्या योजना बनाई ?
उत्तर - श्यामू ने पतंग की डोर के सहारे काकी को नीचे उतारने की योजना बनाई।
7. श्यामू ने अपनी योजना में किसको शामिल किया ?
उत्तर - श्यामू ने अपनी योजना में भोला को शामिल किया।
8. श्यामू किस बात से गंभीर हो गया ?
उत्तर - जब भोला ने कहा कि पतंग की डोर बहुत कमजोर है, इसके सहारे काकी को उतरने में दिक्कत हो सकती है। मोटी रस्सी चाहिए। तो श्यामू गंभीर हो गया वह सोचने लगा कि अब और पैसे कहां से आएंगे।
9. श्यामू ने पिता के कोट से एक रुपए क्यों निकालें?
उत्तर - मोटी रस्सी खरीदने के लिए श्यामू ने पिता जी के कोट से एक रुपए निकाल लिए।
10. श्यामू की पतंग देखकर विश्वेश्वर पर क्या प्रभाव पड़ ?
उत्तर - श्यामू की पतंग पर काकी लिखा था, यह देखकर विशेश्वर हतबुद्धि होकर वहीं खड़े रह गये।
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