ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी का परिचय, Brahmakumari Shivani didi ka parichay

ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी

 ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी का परिचय, Brahmakumari Shivani didi ka parichay


1 .ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी का जीवन परिचय

2.ब्रह्मकुमारी संस्था का संक्षिप्त परिचय

3. ब्रह्मकुमारी शिवानी दीदी के अमृत वचन

4.ब्रह्मकुमारी शिवानी द्वारा लिखित पुस्तकें और टीवी सीरियल।

5. देश - विदेश की यात्राएं और निष्कर्ष।


1. ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी का परिचय --- ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी का जन्म 19 मार्च 1972 को पुणे , महाराष्ट्र में हुआ। इनका असली नाम शिवानी वर्मा है।  इनके परिवार के सभी सदस्य बड़े ही धार्मिक प्रवृत्ति के लोग थे। इन्होंने 1994 में पूणे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ स्नातक किया है। शिवानी दीदी ने भारती विद्यापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज में दो वर्षों तक अध्यापन कार्य किया है। लोग आदर से इन्हें शिवानी दीदी कहते हैं। शिवानी दीदी बचपन से ही अपने माता-पिता के साथ ब्रह्म कुमारी विश्वविद्यालय  भाषण सुनने जाया करती थी। वहां का भाषण इन्हें बहुत अच्छा लगता था। इन भाषणों ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वे इस संस्था के प्रति पूरी तरह समर्पित हो गई। ये राजयोग ध्यान की शिक्षिका भी है। 

2. ब्रह्म कुमारी संस्था का संक्षिप्त परिचय - - ब्रह्म कुमारी एक ऐसी संस्था है जिसमें पहले सिर्फ महिलाएं ही हुआ करती थीं , जिन्हें ब्रह्म कुमारी कहा जाता है,  परन्तु अब इसे पुरुष भी चलाते हैं, जिन्हें ब्रह्म कुमार कहा जाता है। इस संस्था की स्थापना 1936 ई . में दादा लेखराज कृपलानी ने की थी। वे एक मशहूर व्यवसायी थे । उनका मन प्रारंभ से ही  धर्म कर्म में रमा रहता था। हम उन्हें प्रजापति ब्रह्मा के नाम से जानते हैं।   इसकी स्थापना कलकत्ता ( कोलकाता ) में हुई थी। ब्रह्म कुमारी संस्था का मुख्यालय माउन्ट आबू , राजस्थान में है। आज विश्व भर में इसकी करीब 8500 से अधिक शाखाएं हैं जो जन जन में शिक्षा और आध्यात्म का प्रकाश फैला रहीं हैं।

3. ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी के अमृत वचन


ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी एक प्रखर वक्ता और आध्यात्मिक गुरु है। इन्होंने भारत सहित दुनिया के अनेक देशों का भ्रमण किया है तथा लोगों के बंद ज्ञान चक्षुओं को खोलने का काम किया है। उनकेे श्री मुख से निकले अमृत वचन इस प्रकार हैं ---

1. यदि आप शांति चाहते हैं तो दूसरों को बदलने की आशा मत रखो, स्वयं बदलो , जैसे कंकड़ से बचने के लिए स्वयं को जूते पहनना उचित है,न कि पूरी धरती पर कारपेट बिछाने के।

2. यदि कोई व्यक्ति आपके काम में कमियां निकालता है तो परेशान न हों, कमियां अक्सर उन लोगों की निकाली जाती है, जिनमें औरों से ज्यादा गुण होते हैं।

3. पाप करना नहीं पड़ता है, हो जाता है और पुण्य होता नहीं, करना पड़ता है।
एक अच्छे इंसान की यही पहचान है कि
वह किसी की बुराई की तुलना में अच्छाई को ज्यादा देखता है।

4. आज के समय में ज्यादातर लोग इसलिए दुखी और असफल हैं कि वे अपने अक्ल के उपयोग के बजाय दूसरों की नकल ज्यादा करते हैं।

5.क्रोध और गुस्सा इंसान को तभी आता है जब वह अपने को कमजोर और हारा हुआ मान लेता है। छोटी सी लडाई से हम अपना प्यार खत्म कर लेते हैं, लेकिन इससे अच्छा तो यह है कि प्यार से हम अपनी लड़ाई ही खत्म कर लें।

6. जब हम I को we में बदलते है तो illness भी wellness में बदल जाएगा।

7. जो सुख में साथ दे वे रिश्ते होते हैं और जो दुःख में साथ दे वे फरिश्ते होते हैं।हमारा पड़ोसी देश नेपाल, क्लिक करें और देखें 

8 हम सोचते हैं कि भगवान को याद करने से वह मेरा काम कर देगा , लेकिन ऐसा नहीं है। हम जब भी भगवान की याद में कोई काम करते हैं तो वे हमारी शक्ति को बढा देते हैं और असंभव कार्य भी संभव हो जाता है।

9. यदि आप किसी की खुशियां लिखने वाले पेंसिल नहीं बन सकते तो कम से कम एक अच्छा सा इरेजर तो बन ही सकते हैं, जो उनके दुखों को मिटा सके।

10. किसी भी चीज का उदाहरण देना बहुत सरल है, लेकिन किसी के लिए खुद उदाहरण बनना बहुत ही मुश्किल है।

11. जब हम मजबूत सोच के साथ किसी भी कमजोरी को कम करने या खत्म करने की कोशिश करते हैं तो हमें अपने आप ही कुछ सदाचारी गुण उपहार स्वरूप प्राप्त होते हैं। कमजोरी को खत्म करने की कोशिश ही हमारे अंदर गुण लाते हैं,  लेकिन हम ऐसा सोचते हैं कि हम में कुछ परिवर्तन नहीं हो रहा है,  लेकिन अंत में निश्चित रूप से हमारे अंदर कुछ सदाचारी गुण प्राप्त होते हैं।

12. किसी ने खूब लिखा है,  तू कर ले हिसाब अपने हिसाब से,  लेकिन ऊपरवाला लेगा हिसाब अपने हिसाब से।

13. हम औरों को दुख देते नहीं है लेकिन उनके व्यवहार से उनसे दुख  ले लेते हैं और फिर कई घंटे दिन या साल अपने को दुख देते रहते हैं।

14. कुछ समय रोज अपने साथ बताइए,  खुद को समझने से औरों को समझना बहुत आसान हो जाएगा।

15. जन्म और मृत्यु के बीच में एक छोटा सा अंतराल है । इसलिए इस अंतराल में खुश रहिए और दूसरों को खुश रखिए। जीवन के हर पल का आनंद लीजिए।
16 किसी को अपनी वाणी से कष्ट मत पहुंचाइए । आप में भी गलतियां हैं। दूसरों के पास भी जुबान है । तो सावधान रहिए।

4. ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी द्वारा लिखित पुस्तकें और टीवी सीरियल


ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी 1995 से ब्रह्म कुमारी संस्था से सक्रिय रूप से जुड़ गयींऔर लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान की ओर उन्मुख करने का पावन कार्य कर रही हैं। हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उनके सिरियल के नाम हैं - डिप्रेशन, इनर व्यूटी, विजडम आफ दादी जानकी, हैप्पिनेस अनलिमिटेड आदि। पुस्तकें -- असीम आनन्द की ओर,  Happiness unlimited - aweking with Brahmakumari .


ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी की देश विदेश यात्राएं और निष्कर्ष

ब्रह्म कुमारी शिवानी दीदी अपने आध्यात्मिक विचारों से भारत सहित अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, अफ्रीका आदि देशों में घूम घूमकर लोगों के मन की चिंता, तनाव, गंदी आदतों, नाखुश रिश्ते, आदि से संबंधित समस्याओं को सुलझा कर लोगों का कल्याण कर रही हैं।  तनाव भरी दिनचर्या में शिवानी दीदी का मार्गदर्शन भटके हुए लोगों के लिए बहुत लाभदायक बन रहा है।  उनके अमृत तुल्य अनमोल वचन सदियों तक मानव जाति का मार्गदर्शन करता रहेगा।

Posted by Dr.Umesh Kumar Singh, Bhuli Nagar Dhanbad, Jharkhand, India

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