Mannar ki khadi, मन्नार की खाड़ी

 मन्नार की खाड़ी;  Mannar gulf

खाड़ी किसे कहते हैं ? What is gulf, khadi kise kahte hai, मन्नार की खाड़ी किस राज्य में स्थित है, मन्नार की खाड़ी में अभ्यारण्य, रामेश्वर मंदिर, तुतूकोडि बंदरगाह। Mannr ki khari kis rajya me hai, mannr ki khari 


खाड़ी किसे कहते हैं ?

समुद्री पानी के जलाशयों को खाडी कहते हैं जहां सागर या महासागर हो लेकिन वहां बहुत दूर तक धरती का घेरा हो।

मन्नार की खाड़ी


मन्नार की खाड़ी भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है। खाड़ी के द्वार पर ही तटवर्ती शहर तिरूचेंदूर बसा है। यहां पर भगवान सुब्रमण्यम या मुरुग का प्रसिद्ध मंदिर है। इसका द्वार समुद्र की ओर खुलता है। कहा जता है कि मूल मंदिर हजार साल पहले बना था लेकिन लगभग 300 वर्ष पहले नया विशाल मंदिर बनवाया गया जिसका गोपुर 9 मंजिला है। यहां दूर-दूर से भक्त कावर लेकर आते हैं।

भारत का दसवां बंदरगाह

तिरुचेंदूर से कुछ दूर तुतूकुडि अथवा ट्यूटोकोरिन बंदरगाह है। सन् 1974 में इसे भारत का दसवां बंदरगाह घोषित किया है। तमिल नाडु देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें दो बड़े बंदरगाह हैं। इसके उत्तर और दक्षिण में दो बड़ी समुद्री दीवारें हैं जो लहरों से बंदरगाह की रक्षा करती हैं। 4096 मीटर लंबी उत्तरी दीवार विश्व के दूसरे नंबर की सबसे लंबी समुद्री दीवार है। ट्यूटोकोरिन मोतियों के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। वैसे इसकी ख्याति नमक , उर्वरक , भारी पानी और ताप ऊर्जा के कारखानों के कारण भी है।


मन्नार की खाड़ी के उत्तरी छोर पर पवित्र रामेश्वरम द्वीप है। यह हिंदुओं के चार पवित्र धामों में से एक है। रामेश्वरम में भगवान राम ने पवित्र शिवलिंग की स्थापना की थी।

रामेश्वरम मंदिर किसने बनवाया

15 वीं सदी में रामनाथ के सेतुपति वंश के राजा उदयन ने रामेश्वरम का वर्तमान मंदिर बनवाया। यह मंदिर ठीक उसी जगह स्थित है जहां समुद्र पर सेतुबंध निर्माण के समय श्री राम ने शिवलिंग स्थापित किया था। इस मंदिर में 1200 मीटर का एक गलियारा है जिसमें पत्थर के 1000 खम्भे लगे हैं। सिक्खों के गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह जी भी यहां पधारे थे इसलिए  सिक्ख धर्म के लोग भी रामेश्वरम को पवित्र स्थल मानते हैं।


इतना ही नहीं रामेश्वरम टापू के चारो ओर मूंगे की चट्टानें जिनमें तरह-तरह के समुद्री जीवो का बसेरा है। इन जीवों के बारे में अध्ययन करने के लिए जीव विज्ञान यहां आते हैं।

धनुष कोड़ी कहां है ? विभीषण श्रीराम से कहां मिलने आए ?

रामेश्वरम की दक्षिणी छोर पर धनुषकोडी स्थित है जहां से श्रीलंका थोड़ी दूर पर ही है।  धनुष कोटि का अर्थ है श्रीराम का धनुष। यहां तट धनुष की तरह मुड़ा हुआ है। यहां कोदंडा रामस्वामी का मंदिर है। कहा जाता है कि रावण का भाई विभीषण यहीं पर श्रीराम की शरण में आए थे।


रामेश्वरम से पाक खाड़ी में होकर पाक जलडमरूमध्य पार करके बंगाल की खाड़ी में प्रवेश किया जाता है। यहां पर कोडिक्करै            ( पाइंट कैलिमीयर) है जहां पर फ्लेमिंगो ( हंसावर)  पंछी बहुत अधिक है। यहां पंछी अभ्यारण्य है जहां तरह तरह के पंछी देखने को मिलते हैं।


FAQ

1.तिरुचेंदूर में कौन सा मंदिर है ? इसकी विशेषता लिखें।

उत्तर -- तिरुचेंदूर में भगवान सुब्रमण्यम या मुरुग का प्रसिद्ध मंदिर है। इसके द्वार समुद्र की ओर खुलता है। इसके गोपूर नौ मंजिला है।दूर दूर से भक्त यहां कांवर लेकर आते हैं।

2. रामेश्वरम का वैज्ञानिक महत्व बताईए।

उत्तर -- रामेश्वरम मंदिर के टापू के चारो ओर मूंगे की चट्टानें है जिसमें तरह तरह के समुद्री जीवो का बसेरा है। उनका अध्ययन करने के लिए जीव वैज्ञानिक यहां आते हैं।

3.वेदारण्यम् का आजादी के इतिहास से क्या संबंध है ?

उत्तर -- वेदारण्यम् समुद्र तट पर स्थित एक कस्बा है जहां  स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। वेदारण्यम् को दक्षिणी कैलाश भी कहा जाता है।

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