Sabse khatarnak 11 hindi, सबसे ख़तरनाक,पाश
blog post writer Dr.Umesh Kumar Singh
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ग्यारहवीं कक्षा , आरोह भाग 1
सबसे ख़तरनाक (कविता ) Sabse khatarnak Poem
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी - लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे बिठाए पकड़े जाना -- बुरा तो है
सहमी - सी चुप में जकड़े जाना- बुरा तो है
पर सबसे ख़तरनाक नहीं होता
कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो है
किसी जुगनू की लौ में पढ़ना - बुरा तो है
मुट्ठियां भींचकर बस वक्त निकाल लेना - बुरा तो है
सबसे खतरनाक नहीं होता।
सबसे खतरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प का सब सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है
आप की कलाई पर चलती हुई भी जो
आपकी निगाह में रुकी होती है
सबसे खतरनाक वह आंख होती है
जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है
जिसकी नजर दुनिया को मोहब्बत से चूमना भूल जाती हैं
जो चीजों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है
जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुई
एक लक्ष्य हीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है
सबसे खतरनाक वह चांद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आंगनों में चढता है
पर आपकी आंखों को मिर्ची की तरह नहीं गडता है
सबसे खतरनाक वह गीत होता है
आपके कानों तक पहुंचने के लिए
जो मरसिए पढ़ता है
आतंकित लोगों के दरवाजे पर
जो गुंडों की तरह अकडता है
सबसे खतरनाक वह रात होती है
जो जिंदा रूह के आसमानों पर ढलती है
जिसमें सिर्फ उल्लू बोलते और हुआं हुआं करते गीदड़
हमेशा के अंधेरे बंद दरवाजों- चौगाठों पर चिपक जाते हैं
सबसे खतरनाक वह दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
और उसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाए
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी - लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती।
सबसे ख़तरनाक कविता का मूल भाव , main them of Poem Sabse khatarnak
' सबसे ख़तरनाक ' कविता का मूल भाव यह बताना चाहिए है कि आजकल लोग सामाजिक दायित्व से निष्क्रिय होते जा रहे हैं। लोगों के दिलों में सामाजिक संवेदना क्षीण हो रही है। बगल में अन्याय हो रहा है, बगल में अत्याचार हो रहा है, और हमारी कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। यह स्थिति बहुत अधिक खतरनाक है। इससे समाज टूट कर बिखर जाएगा।
सबसे ख़तरनाक कविता का सार या सारांश
सबसे ख़तरनाक प्रगतिवादी चेतना की प्रसिद्ध कविता है। यहां कवि पाश ने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ डटकर खड़े होने की प्रेरणा देता है।
मेहनत की लूट , पुलिस की मार, गद्दारी लोभ का शिकार होना उतना खतरनाक नहीं होता, सहमी सी चुप्पी में सिमटे रहना भी उतना खतरनाक नहीं होता, कपट के शोर में दब जाना, संघर्ष के लिए कसमसा कर रह जाना भी उतना बुरा नहीं है, जितना कि मुर्दा होकर शांत जीवन यापन करते रहना। सब कुछ सहन करना, रोजमर्रा के जीवन में खोया रहना।
सपने मर गये, विकास की गति ठप पड़ गई, आंखों के सपने मर गये। यह सबसे ख़तरनाक स्थिति है। वह चांद खतरनाक होता है जो हत्याकांड के बाद भी कचोटता नहीं है। वह गीत खतरनाक है जो करुणा रस का भाव व्यक्त करके ही सहमे हुए लोगों को डराता है।
वह रात खतरनाक होती है जो जिंदा आत्माओं पर उल्लू और गीदड़ की तरह चिपकी रहती है। वह दिशा खतरनाक होती है जो आत्मा के सूरज को खिलाने के बजाय मुर्दा धूप के टूकडों को ही अपना लेती है। यहां कवि के कथन का अभिप्राय है कि मुर्दा संस्कारों को ढोते रहने के बजाए आत्मा की पुकार का रास्ता चुनना ही श्रेष्ठ है।
सबसे ख़तरनाक कविता की सप्रसंग व्याख्या Sabse khatarnak poem hindi explanation
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी - लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे बिठाए पकड़े जाना -- बुरा तो है
सहमी - सी चुप में जकड़े जाना- बुरा तो है
पर सबसे ख़तरनाक नहीं होता
प्रसंग --
प्रस्तुत पद्यांश 'सबसे ख़तरनाक' नामक कविता से ली गई है। इसके रचयिता प्रसिद्ध प्रगति वादी कवि पाश है। यहां कवि ने देशवासियों को जड़ न होकर संघर्षशील होने की प्रेरणा दी है। वे कहते हैं कि समाज में कुछ ऐसी खतरनाक स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं जिसे समाप्त करना बहुत जरूरी है।
व्याख्या
कवि पाश जी कहते हैं -- यह ठीक है कि मेहनत के बदले उचित मूल्य नहीं मिलना खतरनाक है, परंतु यह सबसे खतरनाक बात नहीं है। यह भी माना कि पुलिस की मार पड़ना खतरनाक है लेकिन इस से भी खतरनाक बातें कुछ और है। लोभ में पड़कर देश के विरुद्ध षड्यंत्र करना खतरनाक काम है। परंतु यह भी संसार का सबसे खतरनाक काम नहीं है।
संघर्ष किए बिना पुलिस द्वारा पकड़े जाना और जेल में डाल दिए जाना बुरी बात है। अन्याय के विरुद्ध चुपचाप पड़े रहना बुरी बात है, लेकिन यह भी सबसे ख़तरनाक नहीं है।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
1. 'सबसे खतरनाक नहीं होती' यह कह कर कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर -- वाक्यांश की आवृत्ति कर कवि यह बताना चाहता है कि यहां बताए गए स्थितियां अधिक खतरनाक नहीं है। कुछ और बातें हैं, जिनकी ओर कवि ध्यान आकर्षित करना चाहता है।
2. गद्दारी और लोभ की मुट्ठी में भी कवि को कौन सी अच्छाई नजर आती है ?
उत्तर -- कवि गद्दारी और लोभ की मुट्ठी को भी इसलिए सबसे ख़तरनाक नहीं मानता है क्योंकि इसमें दोष तो है, लेकिन इसमें जड़ता या संवेदन शून्यता नहीं है।
3. बैठे बिठाए पकड़े जाना तथा सहमी सी चुप में जकड़ना से भी ज्यादा खतरनाक क्या है ?
उत्तर -- बैठे बिठाए पकड़े जाना और सहमी सी चुप्पी में जकड़ना से भी खतरनाक है कुछ और। इसमें विरोध की प्रतिक्रिया तो है, लेकिन सबसे ख़तरनाक वह स्थिति है जिसमें मनुष्य की आत्मा ही मर जाती है। प्रतिक्रिया शांत हो जाती है।
कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो है
किसी जुगनू की लौ में पढ़ना - बुरा तो है
मुट्ठियां भींचकर बस वक्त निकाल लेना - बुरा तो है
सबसे खतरनाक नहीं होता।
प्रसंग
प्रस्तुत पंक्तियां कवि पाश द्वारा रचित सबसे ख़तरनाक नामक कविता से उद्धृत की गई है। इन पंक्तियों में कवि ने देशवासियों को संघर्षशील होने की प्रेरणा दी है।
व्याख्या
कभी कहते हैं कि चारों ओर छल कपट को देखकर चुप रह जाना गलत बात है। उसके विरुद्ध आवाज ना उठाएं, यह भी पूरी बात। जुगनू की प्रकाश में पढ़ें अर्थात अज्ञानी गुरु से ज्ञान प्राप्त करें , यह भी बुरी बात है लेकिन इससे भी खतरनाक बातें हैं , जिसका परिणाम आगे चलकर बहुत बुरा होता है।
महत्व पूर्ण प्रश्न उत्तर
1. कवि सही आवाज के दब जाने को भी सबसे खतरनाक क्यों नहीं मानता ?
उत्तर - कवि के अनुसार सही आवाज को सही जगह पर प्रस्तुत करना चाहिए। परंतु यह आवाज कपट के शोर में दब जाती हैं। यह सबसे खतरनाक इसलिए नहीं है की लोगों में कम से कम आवाज उठाने की थोड़ी बहुत दम तो है।
2. किसी जुगनू की लौ में पढ़ना बुरा क्यों कहा गया है ?
उत्तर -- ' किया जुगनू की लौ में पढ़ना ' का आशय है कि साधन के बिना जीवन जीना। ऐसी मरियल जिन्दगी बेकार है।
3. कवि के अनुसार सबसे खतरनाक क्या है ?
उत्तर -- कवि के अनुसार सबसे खतरनाक है संवेदनहीन होना। मुर्दा शांति से भर जाना।
सबसे खतरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प का सब सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है
आप की कलाई पर चलती हुई भी जो
आपकी निगाह में रुकी होती है
प्रसंग
सबसे ख़तरनाक कविता में रचित इन पंक्तियों में कवि पाश कहते हैं कि देशवासियों को जड़ मानसिकता न रखकर संघर्ष शील। होना चाहिए।
व्याख्या
जीवन में सबसे खतरनाक है निष्क्रिय होकर चुपचाप बैठे रहना। लाख संकट आए फिर भी चुपचाप शांत रहना। अन्याय और अत्याचार को सहते रहना। अपने काम से केबल मतलब रखना।
सबसे खतरनाक स्थिति होती है सपनों का मर जाना। चेतना और सोच का मर जाना ही सबसे खतरनाक बातें हैं। कलाई पर बंधी घड़ी चलती देखकर भी सोचना कि जीवन स्थिर है। अर्थात प्रतिदिन होने वाले परिवर्तन को भी देख कर चुपचाप बैठे रहना ही सबसे खतरनाक बात है।
यहां कवि संघर्ष और प्रगति को जीवन के लिए आवश्यक मानता है इसलिए वह जड़ता और निष्क्रियता की निंदा करता है।
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
1.कवि के अनुसार जीवन में सबसे खतरनाक स्थिति कौन सी होती है ?
उत्तर - कवि के अनुसार सबसे ख़तरनाक स्थिति तब है जब आदमी निष्क्रिय हो जाता है। इच्छाएं , कामनाएं मर जाती हैं। सपने मर गये हों, मुर्दा शांति को ही जीवन मान लिया हो।
2. ' सपनों का मर जाना' का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर - सपनों का मर जाना का आशय है कि मन में नई आशाएं , उमंगे, कामनाएं नहीं जन्मती। इसलिए मनुष्य अपने दैनिक जीवन में ही संतुष्ट हो जाता है।
3. मुर्दा शांति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -- मुर्दा शांति का अर्थ है जड़ता और निष्क्रियता से उत्पन्न शांति। ऐसी शांति मृत्यु का संदेश देती है।
सबसे खतरनाक वह आंख होती है
जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है
जिसकी नजर दुनिया को मोहब्बत से चूमना भूल जाती हैं
जो चीजों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है
जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुई
एक लक्ष्य हीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है
प्रसंग
प्रस्तुत पंक्तियां प्रगतिवादी कवि पास द्वारा रचित सबसे खतरनाक नामक कविता से ली गई है। इन पंक्तियों में कवि ने देशवासियों को संघर्षशील होने की तथा कुछ करने की प्रेरणा दी है।
व्याख्या
जीवन में सबसे खतरनाक वह दृष्टि होती है जो सब कुछ देख कर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं करती, केवल जमी हुई वर्फ के समान बनी रहती है। जो दृष्टि संसार को प्रेम नहीं करती । जो अंधेपन और कट्टरता को ही सच मान लेती है। जो दृष्टि बिना किसी लक्ष्य के प्रतिदिन बेकार की बातों को दोहराती चली जाती है । वह खतरनाक होती।
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
1. कवि किस आंख को सबसे खतरनाक मानता है?
उत्तर - कवि उस आंख को खतरनाक मानता है जो सब प्रकार के परिवर्तन को देखते हुए भी चुपचाप रहता है। वह ना तो संसार से प्रेम करता है और नहीं अंधविश्वासों को प्रतिकार करता है।
2.आंख का अंधेपन की भाप पर ढुलक जाना किस व्यंग्य को बताता है ?
उत्तर -- कुछ लोग दृष्टि होते हुए भी कट्टरता और अंधविश्वास पर मर मिटते हैं। वे उन्हीं के चलन पर मर मिटते हैं।
सबसे खतरनाक वह चांद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आंगनों में चढता है
पर आपकी आंखों को मिर्ची की तरह नहीं गडता है
व्याख्या
वह चांद सबसे खतरनाक होता है जो हर हत्याकांड के बाद हत्या के शिकार लोगों के सूने आंगन पर चढ़ते जाता है। फिर भी वह आंखों में खटकता नहीं है। कहने का आशय है कि जब लोगों के साथ घोर अन्याय और अत्याचार होता है तब भी उसके आंगन में आस्था , विश्वास , शांति और भगवान की भक्ति के नाम पर मनमोहक बातें की जाती है। लोगों को हत्यारे को दंडित करने केलिए भड़काया नहीं जाता है। ऐसी शांति बहुत खतरनाक होती है । इससे माननीय समस्याओं का हाल नहीं निकलता।
सबसे खतरनाक वह गीत होता है
आपके कानों तक पहुंचने के लिए
जो मरसिए पढ़ता है
आतंकित लोगों के दरवाजे पर
जो गुंडों की तरह अकडता है
सबसे खतरनाक वह रात होती है
जो जिंदा रूह के आसमानों पर ढलती है
जिसमें सिर्फ उल्लू बोलते और हुआं हुआं करते गीदड़
हमेशा के अंधेरे बंद दरवाजों- चौगाठों पर चिपक जाते हैं
सबसे खतरनाक वह दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
और उसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाए
प्रसंग
प्रस्तुत पंक्तियां प्रगतिवादी कवि पाश द्वारा रचित सबसे ख़तरनाक कविता से उद्धृत किया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने देशवासियों को जड़ न होकर संघर्षशील होने की प्रेरणा दी है।
व्याख्या
सबसे खतरनाक ऐसे गीत होते हैं जो आपका ध्यान खींचने के लिए करुणा भरे स्वर व्यक्त करते हैं। जो डरे हुए लोगों को गुंडों की तरफ और अधिक डराते हैं और भयभीत करते हैं कहने का आशय है कि गीतकार का यह दायित्व बनता है की वह डरे हुए लोगों को सहारा और प्रेरणा दें। वह रात सबसे खतरनाक होती है जो जीवित आत्माओं के संसार पर आग घिरती है। जिसमें सिर्फ उल्लू और गीदड़ बोलते हैं। कहने का आशय है की वह अंधी रूढ़ियां सबसे खतरनाक है जो जीवित मनुष्यों के मन पर सवार हो जाती हैं। ऐसे लोग रूढ़ियां तोड़ कर कभी बाहर नहीं निकल पाते।
जीवन की वह दिशा सबसे खतरनाक होती है जो आत्मा के सूरज को अस्त कर देती है । आशय यह है कि आत्मा की आवाज को अनसुना करने वाली सोच बहुत खतरनाक होती है। वह विचारधारा सबसे खतरनाक होती है जो मुर्दा धूप की तरह है तथा मनुष्य के शरीर में कांच के टुकड़ों की तरह चुभी रहती हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
1. कवि किस गीत को सबसे ख़तरनाक मानता है और क्यों ?
उत्तर -- कवि उस गीत को सबसे खतरनाक मानता है जो ध्यान खींचने के लिए शोक गीत गाता है। इससे लोग भयभीत होते हैं। उन्हें कोई प्रेरणा नहीं मिलती।
2. कवि किस रात को सबसे खतरनाक मानता है और क्यों?
उत्तर -- कवि उस रात को सबसे ख़तरनाक मानता है जो जीवित और जिंदादिल इंसान को निराश कर देती है। इससे लोग कट्टर वादी बन जाते हैं।
3. आत्मा का सूरज डूबने का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर -- आत्मा का सूरज डूबने का आशय है आत्मा की आवाज का मंद पड़ जाना। आत्मा की आवाज को अनसुना कर देना।
सबसे ख़तरनाक कविता का प्रश्न उत्तर Sabse khatarnak Poem ka questions answers
1. कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी लोभ को सबसे ख़तरनाक नहीं माना ?
उत्तर - कवि मेहनत की लूट, पुलिस की मार या गद्दारी लोभ को बुरा तो मानता है किंतु सबसे खतरनाक नहीं मानता। इसका कारण है कि इसका प्रभाव कभी-कभी होता है। इनसे उबरा जा सकता है। इनके विरुद्ध संघर्ष किया जा सकता है। परंतु कुछ खतरनाक बातें ऐसी होती हैं जो मनुष्य के मन में कु संस्कारों के रूप में इस तरह जम जाती हैं कि मनुष्य को छुटकारा नहीं मिल पाता। उनकी तुलना में यह बातें सबसे खतरनाक नहीं होती हैं।
2. सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ?
उत्तर -- सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से खतरनाक बातों के प्रति पाठकों का ध्यान अधिक गया है। वह कथन के मूल में जाने को अधिक तत्पर हुए। उनमें जिज्ञासा उत्पन्न हुई।
3. कवि ने कविता में कई बातों को बुरा है ना कह कर बुरा तो है कहा है। तो के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है?
उत्तर -- बुरा है तथा बुरा तो है दो अलग-अलग कथन भंगी माय हैं। बुरा है में स्पष्ट रूप से आरोप है। बुरा तो है में कोई न कोई बचाने वाला कारण भी है। बुरा तो है कहने से एक अज्ञात कारण इसके साथ आ जाता है । बुरा है कहने से वाक्य पूर्ण हो जाता है। बुरा तो है कहने से पाठक के मन में एक जिज्ञासा जग जाती है।
4. मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और यह क्यों सबसे खतरनाक है?
उत्तर -- यह दोनों ही स्थितियां सबसे खतरनाक मानी गई है। मुर्दा शांति से भर जाने का अर्थ है एकदम निष्क्रिय और बेकार बैठ जाना। हमारे सपनों के मर जाने का आशय है कुछ कर गुजरने की उमंग का ना होना। यह दोनों स्थितियां सबसे खतरनाक है और एक जैसी है।
5. सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है जो आपकी कलाई पर चलती हुई आपकी निगाहों में रुकी होती है। इन पंक्तियों में घड़ी शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए।
उत्तर -- इन पंक्तियों में घड़ी कलाई घड़ी ना होकर जीवन की प्रतीक है। जैसे घड़ी लगातार चलती रहती है उसी प्रकार जीवन भी निरंतर प्रगतिशील होता है। कवि ऐसे लोगों पर व्यंग करता है जो जीवन की गति को निरंतर देखते हुए भी यथास्थिति वादी और अपरिवर्तनीय बने रहते हैं।
6. वह चांद सबसे खतरनाक क्यों होता है जो हर हत्याकांड के बाद आपकी आंखों में मिर्ची की तरह नहीं गडता है ?
उत्तर -- यहां चांद हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक है जो हर हत्याकांड के बाद भी ज्यों का त्यों बना रहता है। हम हत्याकांड जैसे अत्याचार सहन करके भी अपने आस्था को डगम गाने नहीं देते। होना यह चाहिए कि हत्याकांड होने पर हमारी आस्था और विश्वास डोल जाए। हमें क्रोध आए।
कवि पाश का जीवन परिचय A biography of poet Pash
मूल नाम - अवतार सिंह संधू
जन्म तिथि 1950
जन्म स्थान - तलवंडी सलेम गांव, जिला जालंधर, पंजाब।
मृत्यु तिथि - 1988 ई
प्रमुख रचनाएं - लौह कथा, उड़दें बाजार मगर, साडै सामिया विच, लड़ेंगे साथी, बीच का रास्ता नहीं होता,लहू है कि तब भी गाता है।
पाश पंजाबी साहित्य के महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। इनका जन्म मध्य वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। पाश जन आन्दोलन से जुड़े रहे। इनकी कविताएं जन आंदोलनों से प्रभावित विचारधारा लिए हुए हैं। पाश की कविताओं में विचार और भाव के सुंदर संयोजन से बनी गहरी राजनीतिक भाव हैं जिनमें लोक संस्कृति और परंपरा का गहरा बोध मिलता है। इन्होंने सिआड़, हेमज्योति आदि पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
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