Uttrakhand Chief minister Mahalakshmi Yojna

 उत्तराखंड मुख्य मंत्री महालक्ष्मी योजना , Uttrakhand Chief minister                    Mahalakshmi Yojna

उत्तराखंड मुख्य मंत्री महालक्ष्मी योजना


उत्तराखंड का नाम भारत के ऐसे राज्यों में लिया जाता है जो लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रदेश के विकास में वहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व का भी बहुत बड़ा हाथ है। केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड में  एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर प्रदेश के विकास के मार्ग को प्रशस्त किया है। मुख्यमंत्री  महालक्ष्मी योजना मां और बच्चे दोनों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के अवसर पैदा करने की दिशा में एक सार्थक पहल है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना शुरू की है जिसके तहत पहली दो कन्याएं अथवा जुड़वां कन्याओं के जन्म पर मां और नवजात कन्या को ' मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट ' प्रदान की जा रही है। इस योजना का लक्ष्य मां और बच्चे का पालन-पोषण कर स्वस्थ्य राज्य का निर्माण करना है।

यह सच है कि किसी भी राष्ट्र के नवनिर्माण में वहां के नवजात शिशु और मां का विशेष योगदान होता है। स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ्य राज्य के प्रतीक हैं। इसलिए राज्य के सभी जिलों के कुल 16,929 लाभार्थियों को इस योजना से लाभ पहुचाई गई है। यह योजना प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को मजबूती प्रदान करता है। इस योजना से लिंगानुपात के अंतर में भी सुधार होगा। इस योजना के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी आशावान हैं। वे कहते हैं कि आजकल देखा जा रहा है कि बेटों के बजाय बेटियां ही मां बाप का अधिक ख्याल रख रही हैं।  इसलिए बेटियों के पालन पोषण और पढ़ाई-लिखई
 का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत मां और नवजात बालिकाओं को विशेष सुविधा के लिए प्रसव के बाद मां और कन्या शिशु के पोषण और देखभाल के लिए  पहली दो बालिकाओं /जुड़वां बालिकाओं के जन्म पर मां और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जाती है।

कैसे करें आवेदन

* आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्ट्रेशन।
* सरकारी और प्राइवेट सेवा में कार्यरत माता शिशु रक्षा कार्ड की प्रति ( एम. सी. पी.कार्ड ) का होना जरूरी।
* संस्था गत प्रसव प्रमाण पत्र ( यदि किसी कारणवश रास्ते में या घर में प्रसव हुआ है तो आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ मिनी कार्यकत्री/ आशा वर्कर/ चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र )
*परिवार रजिस्टर की प्रति
* पहली दो बालिकाओं/ जुड़वां कन्या के जन्म का स्वअभिप्रमानित धोषणा पत्र।
* नियमित सरकारी / अर्ध सरकारी सेवक या आयकरदाता न होने का विषयक प्रमाण पत्र।


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