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सितंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Lankadahan ki katha, लंका दहन की कथा

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       लंका - दहन की कथा,            हनुमानजी ने लंका जला दी।           Lankadahan ki katha श्रीराम कथा में सुन्दर कांड का स्थान हनुमानजी का विभीषण से मुलाकात हनुमानजी जी का सीता माता से आशीर्वाद रावण - पुत्र अक्षय कुमार का वध हनुमानजी द्वारा ब्रह्मास्त्र में बंध जाना हनुमानजी का रावण के दरबार में आना। हनुमानजी द्वारा लंका दहन Lanka Dahan , Ramcharitmanas  श्रीराम कथा प्रसंग में सुन्दर कांड का अपना एक विशिष्ट स्थान है क्योंकि कथा के  इसी सोपान में महाबली हनुमानजी सीता माता की खोज में लंका गये थे और सीता माता का पता लगाने के साथ-साथ लंका दहन कर श्रीराम की शक्ति का पूर्वाभास लंका वासियों को दे दिया था। इतना ही नहीं, भक्त विभीषण को भी यह पूरा विश्वास हो गया था कि उनके आराध्य देव श्रीराम अब लंका पधारेंगे और उनका भी उद्धार करेंगे। तो आइए, आज हम आपको हनुमानजी ने लंका दहन कैसे किया था,इसकी कथा संक्षेप में बता रहा हूं। लंकापति रावण की अशोक वाटिका बहुत सुंदर और नाना प्रकार के फूलों और फलों से सुसज्जित थी। उस वाटिका की रखवाली में शक्तिशाली राक्षस वीर लगे रहते थे। क्या मजाल कि उसमें कोई अन्य जीव

Yogyata adharit shiksha, योग्यता आधारित शिक्षा के विषय में जानकारी

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          योग्यता आधारित शिक्षा,                     Yogyata Aadharit Shiksha             ( नई शिक्षा - नीति  2020 ) किसी भी देश का भविष्य वहां के युवा पीढ़ी की योग्यता और क्षमता पर निर्भर करता है और युवा पीढ़ी का भविष्य उस देश की शिक्षा नीति और शिक्षण - पद्धति पर निर्भर करता है। इसलिए किसी देश का भविष्य सुन्दर और सुदृढ़ बनाने के लिए एक अच्छी और दूरदर्शी शिक्षा नीति का होना आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति लाकर देश को सुन्दर, सुदृढ़, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। तो आइए, नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत योग्यता आधारित शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हैं। Table of contents योग्यता आधारित शिक्षा क्या होगा है, yogyata adharit shiksha kya hai, योग्यता आधारित शिक्षा की विशेषता, योग्यता आधारित शिक्षा के लाभ, योग्यता आधारित शिक्षण विधियों की विशेषता, yogyata adharit shiksha ki visheshta, योग्यता आधारित शिक्षा में मूल्यांकन, yogyata adharit shiksha me mulyanakan, पारंपरिक शिक्षा और योग्यता आधारित शिक्षा में अंतर। योग्यता आधारित श

Nawdha bhakti by Shree Ram शबरी को नवधा भक्ति की शिक्षा

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  श्रीराम ने शबरी को नवधा भक्ति की शिक्षा दी। नवधा भक्ति क्या है। भक्ति के नौ सोपान। भक्ति कैसे करें। ईश्वर प्राप्ति के कई माध्यम है, उनमें ज्ञान और भक्ति प्रमुख हैं। ज्ञान मार्ग और भक्ति मार्ग में भक्ति मार्ग सरल है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने स्वयं अपने श्रीमुख से भीलनी शबरी को भक्ति मार्ग की शिक्षा दी है। यह नवधा भक्ति है। शबरी को नवधा भक्ति की शिक्षा ,  Shabri ko Nawdha bhakti ki shiksha Nawdha bhakti ki shiksha by Shree Ram ( Shree Ram charit Manas) अपने आश्रम में श्री राम और लक्ष्मण को आए देखकर शबरी खुशी से पागल हो गई। उसे मतंग ऋषि की बातें याद आ गई। उन्होंने शबरी से कहा था कि एक दिन श्री राम यहां आकर तुम्हें दर्शन देंगे। तब से शबरी यहीं रहकर श्रीराम की राह देख रही थी। आज वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हुई और श्री राम उसके सामने खड़े हैं। सरसिज लोचन बाहु बिसाला। जटा मुकुट सिर उर बनमाला।। स्याम गौर सुन्दर दोऊ भाई। सबरी परी चरण लपटाई।। शबरी के सामने कमल जैसे नेत्रों और विशाल भुजा वाले, सिर पर जटाओं का मुकुट और हृदय पर वनमाला धारण किए  श्री राम खड़े थे।  सुन्दर सांवले और गोरे दोनों भ

Apathit Bodh, अपठित बोध, अपठित गद्यांश और पद्यांश पर आधारित प्रश्न कैसे हल करें

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 अपठित बोध का तात्पर्य ऐसे गद्यांश अथवा पद्यांश से है जिसे विद्यार्थियों ने पाठ्यक्रम में शामिल किसी पाठ्य-पुस्तकों में नहीं पढ़ा हो। ऐसे गद्यांश अथवा पद्यांश किसी भी पुस्तक या पत्र - पत्रिकाओं से लिया जा सकता है। विद्यार्थियों को अपनी सूझबूझ से उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देना होता है।  अपठित गद्यांश अथवा पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए जानने योग्य बातें 1. एकाग्र होकर पढ़ना -  प्रश्न - पत्र के अपठित गद्यांश अथवा पद्यांश को दो - तीन बार ध्यान से पढ़ें और इसके भाव को समझने का प्रयास करें। यदि निहित भाव समझ में नहीं आए तो पुनः पढ़ कर समझने का प्रयास करें। रेखांकित शब्दों का अर्थ - कभी कभी अपठित गद्यांश अथवा पद्यांश में कुछ शब्द रेखांकित किया रहता है। इनके अर्थ अथवा भाव लिखना होता है। कभी कभी इन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं। इसलिए यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रसंग के अनुसार अर्थ लिखें। प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें - पूछे गए प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें। प्रश्नों द्वारा क्या पूछा जा रहा है। प्रश्नों के क्या अर्थ है , इसे अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। अपठित गद्यांश अथवा पद्यां

Shani grah, शनिग्रह,

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शनि किनके पुत्र माने जाते हैं ? शनि के अन्य नाम, पृथ्वी से शनि की दूरी, शनि के वलय, शनि ग्रह के रिंग, शनि की सुन्दरता, शनि ग्रह का प्रभाव। शनिग्रह से बचने के उपाय । Shani grah, shani garh ki khoj, Shani grah ke satilight, Shani grah ke ring, shani ka effect,  शनि ग्रह को शनिचर अथवा सनीचर,  के नाम से भी जानते हैं। 'सनीचर ' शब्द ' शनैश्चर'  शब्द का बिगड़ा हुआ रूप है। आकाश में यह बहुत धीमी गति से चलता हुआ प्रतीत होता है। इसलिए इसका नाम शनैश्चर , अर्थात धीमी गति से चलने वाला पड़ा। पौराणिक कथाओं में शनि को सूर्य का पुत्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को अशुभ ग्रह माना गया है। वास्तव में , शनि सौरमंडल का सबसे सुन्दर ग्रह है , आइए, इस लेख में शनि ग्रह के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें। शनि ग्रह Shani grah, के बारे में जानकारी  सौरमंडल में शनि का स्थान सबसे बड़ा ग्रह वृहस्पति के बाद आता है। प्राचीन काल में ज्योतिषियों ने भी इसे पहचान लिया था। यह पीला चमकने वाला ग्रह है। इस तरह यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। शनि ग्रह का व्यास 116 हजार किलोमीटर है। यह पृ

Hindi diwas 2021, हिन्दी दिवस , निबंध, भाषण

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         हिन्दी दिवस , निबंध, भाषण,                      Hindi diwas 2021 14 सितंबर 1949 ई का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जानेवाला दिन है, क्योंकि इसी दिन जन - जन की भाषा भारत की बिंदी हिन्दी को भारतीय गणराज्य की राजभाषा घोषित की गई थी। ' इसलिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन सरकारी , अर्ध सरकारी, प्राइवेट कार्यालयों, स्कूलों- कालेजों आदि में हिंदी दिवस मनाकर हिन्दी में काम करने का संकल्प लिया जाता है। इस वर्ष 14 सितंबर 2021 दिन मंगलवार है। राजभाषा किसे कहते हैं ?  राजभाषा' का तात्पर्य उस भाषा से है जिस भाषा का प्रयोग राजा         ( शासक ) अथवा राज्य  ( सरकार ) के द्वारा हो तथा संविधान द्वारा सरकारी  काम-काज , प्रशासन, संसद और  विधानमंडलो तथा न्यायिक कार्यकलापों के लिए स्वीकृत भाषा हो। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि राजकीय कामकाज के लिए जिस भाषा का प्रयोग हो वह उस देश की राजभाषा कहीं जाती है। राजभाषा हिंदी पर पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार 1937 ई में भारत में जब पहली बार आम चुनावों के आधार पर सरकारें बनीं तब एक अखिल भारतीय स्तर की

Bagulo ke Pankh , Umashankar Joshi

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बगुलों के पंख, कविता, 12वीं कक्षा हिंदी , कवि उमाशंकर                     जोशी Bagulo ke Pankh , poem, Umashankar Joshi बगुलों के पंख कविता, कवि उमाशंकर जोशी ******************************************************* बगुलों के पंख, कविता, आरोह 2, कवि उमाशंकर जोशी, बुगुलों के पंख का भाव और शिल्प सौंदर्य, 12 class poem, NCERT solutions, प्रश्न उत्तर, बगुलों के पंख कविता का प्रश्न उत्तर  Bagulo ke Pankh (बगुलों के पंख ) सुप्रसिद्ध कवि उमाशंकर जोशी की सौन्दर्य परख कविता है। काले - काले बादलों से भरे आकाश में कवि सफेद पंखों वाले बगुलों को उड़ते देखकर मोहित हो जाता है। वे सफेद पंखों वाले बगुले काले कजरारे बादलों के बीच उड़ते हुए सांझ की सफेद काया की तरह प्रतीत होते हैं। बगुलों के पंख कविता गुजराती से हिन्दी में रूपांतरित किया गया है। बगुलों के पंख, कविता, Bagulo ke Pankh, poem नभ में पांती बांधे बगुलों के पंख, चुराए लिए जातीं वे मेरी आंखें। कजरारे बादलों की छाई नभ छाया, तैरती सांझ की सतेज श्वेत काया। हौले - हौले जाती मुझे बांध निज माया से। उसे कोई तनिक रोक रक्खो। वह तो चुराए लिए जाती मेरी आंखें

Balance diet, संतुलित आहार, कुपोषण

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  Balance diet, santulit ahar, kuposhan संतुलित आहार और कुपोषण कहते हैं, स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। इतना ही नहीं अच्छे स्वास्थ्य के बिना न तो अच्छा सोचा जा सकता है और न ही अच्छा कुछ किया ही जा सकता है । इसलिए हमें सदा अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए चिंतन - मनन करते रहना चाहिए। अब सबसे पहला प्रश्न है कि अच्छे स्वास्थ्य का राज क्या है ? अच्छा स्वास्थ्य हो कैसे ?  इसका सबसे अच्छा जवाब है कि हमें अपने उम्र के अनुसार पोषक तत्वों को अपने भोजन में सामिल करना चाहिए। अर्थात हमें संतुलित भोजन (balance diet ) की आवश्यकता होती है जिसमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज आदि मौजूद हों। आइए, इस लेख में हम balance diet के निम्नलिखित बिंदुओं पर  विचार करते हैं -- संतुलित आहार किसे कहते हैं ,define balance diet, संतुलित आहार के लाभ, , benifit of balance diet food, balance diet food,  balance diet example, balance meal, संतुलित भोजन के फायदे,  गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार की उपयोगिता, संतुलित आहार योजना, plan for balance diet, कुपोषण, find balance diet chart. संतुलित आह

Namak story, नमक कहानी

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 नमक कहानी, Namak story नमक कहानी, आरोह भाग 2, 12 वीं हिन्दी, नमक कहानी का सारांश, नमक कहानी का प्रतिपाद्य, जन्म भूमि से प्रेम, नमक कहानी की लेखिका रज़िया सज्जाद ज़हीर का जीवन परिचय। Namak story, Aroh 2, 12th Hindi, Rajia Sajjad jahir jiwani नमक कहानी भारत - पाकिस्तान विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ के विस्थापित और पुनर्वासित लोगों के दिलों को टटोलती एक मार्मिक कहानी है। विस्थापित होकर आई सिख बीबी आज भी लाहौर की यादों को भुला नहीं सकी और लाहौर को ही अपना वतन मानती है। लाहौर से वह नमक लाने की फरमाइश कर देती है। इसी तरह एक कस्टम अधिकारी भी देहली  को अपना वतन बताते हुए गैरकानूनी होते हुए भी नमक ले जाने की इजाजत दे देता है। सिख बीबी की मुलाकात साफिया से एक कीर्तन में होता है। बातचीत के दौरान दोनों में परिचय बढ़ जाता है। साफिया कहती है कि वह अपने भाईयों से मिलने कल ही लाहौर जाने वाली है। अगर आपको वहां से कुछ सौगात मंगाना है तो हमें बताइए। सिख बीबी पुरानी यादों में खो गई । उसने कहा , यदि ला सके तो लाहौर से थोड़ा नमक मेरे लिए ला देना। साफिया लाहौर अपने भाईयों से मिलने चली गई। पंद्रह दिन वहां

Jaliyawala bag me Basant, poem, जालियांवाला बाग में बसंत

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 जालियांवाला बाग, jaliyawala bag me hatyakand  जालियांवाला बाग में बसंत, jaliyawala bag me Basant, जालियांवाला बाग कहां है, जालियांवाला बाग हत्या काण्ड, जालियांवाला बाग में बसंत कविता, जालियांवाला बाग में बसंत कविता का भावार्थ, जनरल डायर, सरदार ऊधम सिंह, जालियांवाला बाग में बसंत कविता का प्रश्न उत्तर, questions answers of jaliyawala bag me Basant poem, subhadra kumari chauhan, सुभाद्रा कुमारी चौहान की जीवनी। जालियांवाला बाग में बसंत कविता, Jaliyawala bag me Basant poem यहां कोकिला नहीं, काक है शोर मचाते। काले - काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियां भी अधखिली, मिली हैं कंटक - कुल से। वे पौधे, वे पुष्प , शुष्क हैं अथवा झुलसे।। परिमल - हीन पराग दाग -सा बना पड़ा है। हां ! यह प्यारा बाग खून से सना पड़ा है। आओ, प्रिय ऋतुराज ! किंतु धीरे से आना। यह है शोक - स्थान यहां मत शोर मचाना।। वायु चले, पर मंद चाल से उसे चलाना। दुख की आहें संग उड़ाकर मत ले जाना। कोकिल गावे, किंतु राग रोने का गावे। भ्रमर करे गुंजार , कष्ट की कथा सुनावै।। लाना संग में पुष्प , न हों वे अधिक सजीले। हो सुगंध भी मंद , ओस से