Din jaldi jaldi dhalta hai, 12th poem, दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है ! कविता, कवि - हरिवंश राय बच्चन
Din jaldi - jaldi dhalta hai poem, poet - Harivansh Rai Bachchan
1. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता, 2. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता का भावार्थ, 3. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता का कवि हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय, 4. कक्षा बारहवीं हिन्दी कविता प्रश्न उत्तर, MCQ कविता दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
हो जाय न पथ में रात कहीं
मंजिल भी तो है दूर नहीं -
यह सोच थका दिन का पंथी जल्दी जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ो से झांक रहे होंगे -
यह ध्यान परो में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है !
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !
मुझसे मिलने को कौन विकल ?
मैं होऊं किसके हित चंचल ?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को,भरता मन में विह्वलता है !
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता का भावार्थ एवं व्याख्या
कवि कहता है - दिन भर चलकर अपनी मंजिल पर पहुंचने वाला यात्री देखता है कि अब मंजिल पास ही है। वह अपने प्रिय के पास पहुंचने वाला ही है। उसे डर लगता है कि कहीं चलते - चलते रात न हो जाए। इसलिए वह और तेज चलता है। प्रिय मिलन की आतुरता से उसे लगता है कि दिन जल्दी-जल्दी ढलता है।
इस काव्यांश का भावार्थ यह है कि लक्ष्य को पाने के लिए यात्री
तेज गति से चलता है और व्यग्रता के कारण उसे लगता है कि दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। दिन अपने स्वाभाविक गति से तेज गति से चलता है।
चिड़िया जब दिन भर दाना चुनकर शाम को अपने घोंसले की ओर जा रही होती है तो उसे लगता है कि उसके बच्चे उसकी राह देख रहे होंगे। घोंसले से वे बाहर झांक रहे होंगे। वे मेरी प्रतीक्षा में होंगे। जैसे ही चिड़िया को इस बात का अंदाजा होता है उसके पंखों को और गति लग जाती है। यहां चिड़िया के माध्यम से मानव ममता का चित्रण किया गया है।
कवि अंत में कहता है कि इस दुनिया में मेरा कोई अपना नहीं है जो मुझसे मिलने के लिए व्याकुल हो। फिर मेरा चित्त किसके लिए चंचल हो। यह विचार मेरे मन को शिथिल कर देता है। मेरे मन में उदासी छा जाती है। यह प्रेम ही तो है जिसके कारण दिन जल्दी-जल्दी व्यतीत हो जाता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता के कवि हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय
हालावाद के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन का जन्म इलाहाबाद में 1907 ई और मृत्यु मुम्बई में 2003 ई में हुई थी। इनकी प्रमुख रचनाएं हैं - मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, एकान्त संगीत,मिलनयामिनी, सतरंगिनी, आरती और अंगारे आदि।
1942 से 1952 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापक, आकाशवाणी के साहित्यिक कार्यक्रमों से संबंधित, विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ रहे। व्यक्तिगत जीवन में घटी घटनाओं की सहज अभिव्यक्ति ही हिन्दी साहित्य जगत में इनकी लोकप्रियता का आधार है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता का प्रश्न- उत्तर, questions answers
1. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता में प्रेम की अभिव्यक्ति हुई है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर - दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता में प्रेम की अभिव्यक्ति हुई है। कवि के अनुसार प्रेम ही मनुष्य के मन में उत्साह और उमंग पैदा करता है। प्रेम के कारण ही मनुष्य का दिन जल्दी-जल्दी व्यतीत होता है। अपने प्रिय जनों से मिलने के लिए उसके कदमों में तेजी आ जाती है । पक्षियों के पर तेजी से चलते हैं। यदि जीवन में कोई प्रिय प्रतीक्षा करता हुआ न मिले तो जीवन शिथिल हो जाता है।
2. उन स्थितियों को स्पष्ट कीजिए जिसके कारण पथिक जल्दी जल्दी चलता है ।
उत्तर - थका हुआ यात्री अपने प्रिय जनों से शीघ्र मिलना चाहते हैं। उसे अपना मंजिल नजदीक दिखाई देता है। तब उसकी गति और तेज हो जाती है। उसके मन में यह डर लगा रहता है कि कहीं रात न हो जाए। यह डर भी उसके कदमों को तेज कर देता है।
3. कौन सा विचार दिन ढलने के बाद लौट रहे पंथी के कदमों को धीमा कर देता है ?
उत्तर - कवि के मन में यह विचार आते ही कि घर में उसकी प्रतीक्षा करने वाला कोई नहीं है । यह सोच कर उसके कदम ढीले पर जाते हैं।
MCQ , din jaldi jaldi dhalta hai, वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर
1. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता में किस बात का वर्णन किया गया है ?
क. भक्ति
ख. प्रेम
ग. खेल
घ. इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ख. प्रेम
2. चिड़िया शाम में कहां लौटकर आती है ?
क. घर
ख. पेड़
ग. घोंसला
घ. आकाश
उत्तर - ग. घोंसला
3. कवि को जब पता चलता है कि उसका इंतज़ार करने वाला कोई नहीं है तो उसके पैरों की गति
क. तेज हो जाती है।
ख. शिथिल हो जाती है।
ग. कुछ नहीं होता है।
घ. इनमें से कोई नहीं।
उत्तर - ख. शिथिल हो जाती है।
4. दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता के रचयिता कौन हैं ?
क. रविन्द्र जडेजा
ख. रामधारी सिंह दिनकर
ग. हरिशंकर परसाई
घ. हरिवंश राय बच्चन
उत्तर - घ. हरिवंश राय बच्चन
5. पथिक को किस बात का डर सताता है ?
क. रात न हो जाए
ख. रास्ता न भूल जाएं
ग. वर्षा न आ जाए।
घ. इनमें से कोई नहीं।
उत्तर - क. रात न हो जाए।
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