रजनी, एकांकी , लेखिका मन्नू भंडारी, Rajni ,Mannu Bhandari
रजनी, एकांकी, लेखिका मन्नू भंडारी, Rajni, Mannu Bhandari
रजनी सुप्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध एकांकी है जिसमें विभिन्न विद्यालयों में ट्यूशन के नाम पर छात्रों के शोषण का जीवन्त वर्णन किया गया है। साथ ही शासन - प्रशाासन की अकर्मण्यता भी दर्शाया गया है। यहां एकांकी का सारांश, प्रश्न उत्तर, शब्दार्थ और संदेश का वर्णन किया गया है जिससे पाठकों में जागरूकता पैदा हो। ग्यारहवीं कक्षा में इसका अध्यापन होता है।
रजनी एकांकी का सारांश, रजनी एकांकी का पात्र परिचय, रजनी एकांकी पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? रजनी पाठ का प्रश्न उत्तर, ग्यारहवीं कक्षा हिन्दी प्रश्न उत्तर, लेखिका मन्नू भंडारी का जीवन परिचय। शिक्षक ट्यूशन की लालच में छात्रों का शोषण कैसे करते हैं ?
लेखिका मन्नू भंडारी का जीवन परिचय
मन्नू भंडारी का असली नाम महेंद्र कुमारी था। इनका जन्म 1931 ई. में राजस्थान के भानपुरा नामक स्थान में हुआ था। नई कहानी के आंदोलन में इनका विशेष योगदान रहा है। इनकी कहानियों में पारिवारिक, सामाजिक और खाशकर नारी विसंगतियों को बड़ी बखूबी से उभारा गया है।
रजनी एकांकी का सारांश
रजनी मन्नू भंडारी द्वारा रचित एक उत्कृष्ट एकांकी है जिसमें स्कूलों में होने वाले काले धंधे का भंडाफोड़ किया गया है। एकांकी का सारांश इस प्रकार है -
पहला दृश्य
स्थान : लीला का घर
रजनी लीला बेन के घर आती है और उससे बाजार चलने को कहती हैं। दोनों में गहरी दोस्ती है। लीला बेन रजनी को बताती है कि आज उसके बेटे अमित का परीक्षा परिणाम घोषित होने वाले हैं। अमित रिजल्ट लेने स्कूल गया है। अब वह आता ही होगा , इसलिए वह घर पर ही रहेगी। रजनी कहती हैं कि तब तो मैं मीठाई खाकर ही जाऊंगी। उसे पूरा विश्वास था कि अमित जरूर फस्ट आएगा।
अमीत रिजल्ट लेकर घर आता है तो उसका मुंह लटका हुआ है। वह अपनी मां से बोला , " ट्यूशन नहीं करने से मैथ्य में 72 अंक ही आए।" लीला आश्चर्य में पड़ जाती है। वह रजनी को बताती है कि अमीत ने सारे प्रश्न सही सही बनाए थे। उसने अपने पापा को भी दिखाए थे। रजनी रिपोर्ट कार्ड देखती है। वह कहती है कि यह सब उसके मैथ्य टीचर की बदमाशी है। वह स्कूल जाकर सर से मिलेगी। अमीत डर जाता है । उसे लगता है कि रजनी आंटी के ऐसा करने से स्कूल में उसे आगे परेशान किया जाएगा। रजनी उसे निडर बनने की प्रेरणा देती है।
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दूसरा दृश्य
स्थान - हैडमास्टर का कमरा
रजनी हैडमास्टर के कार्यालय में जाती है। वह अमीत के गणित की कापी देखने की मांग करती है। हेडमास्टर साहब कहते हैं कि कापी दिखाने का नियम नहीं है। रजनी हैडमास्टर को बहुत समझाती है लेकिन वह तैयार नहीं होते। रजनी स्कूल के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कहती है कि मैथ टीचर ट्यूशन के लिए परेशान करते हैं और आप कुछ नहीं कर सकते। छोड़ दीजिए यह कुर्सी। हैडमास्टर आग बगुला होकर रजनी को चले जाने को कहते हैं। रजनी बाहर निकल जाती है।
तीसरा दृश्य
रजनी का घर
रजनी के पति का नाम रवि है। वह दोनों पति-पत्नी बैठकर बातें कर रहे हैं। रजनी पति को सारी बातें बताती है। रवि कहते हैं कि यदि मास्टर ट्यूशन पढ़ाते हैं तो इसमें तुम्हरा क्या जाता है। हमारे बेटे तो अभी स्कूल में नहीं पढ़ते हैं न ? तुम क्यों परेशान होती है ? रजनी बिगड़ जाती है। अमीत के लिए आवाज क्यों नहीं उठानी चाहिए। वह कहती है, तुम्हारे और लीला बेन जैसे लोगों के कारण ही यह सब होता है ।
चौथा दृश्य
स्थान - डायरेक्टर आफ एजुकेशन का दफ्तर
रजनी डायरेक्टर के कार्यालय के बाहर रखे बेंच पर बैठी है। तीन - चार लोग और हैं। वे सब भी डायरेक्टर से मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रजनी प्रतीक्षा करते करते तंग आ जाती है। तभी एक आदमी आता है और चपरासी को पांच रुपए का नोट देकर अंदर चला जाता है। यह देखकर रजनी गुस्से से लाल हो गई और धड़धड़ाती हुई कमरे के अंदर चली जाती है। डायरेक्टर खाली बैठे हैं और पेपरवेट हिला रहे हैं। वह रजनी को सलाह देते हैं कि उन्हें घंटी बजने पर अंदर आना चाहिए। वह डायरेक्टर से कहती है कि बोर्ड और प्राइवेट स्कूलों के संबंध कैसे हैं ? डायरेक्टर को लगता है कि रजनी कोई रिपोर्टर है, इसलिए वह खुश होकर कहता है कि बोर्ड प्राइवेट स्कूलों को 90 प्रतिशत ग्रांट देता है। इसके बदले वह परीक्षाएं लेता है, सिलेवश बनाता है, नियंत्रण रखता है। आदि आदि।
रजनी डायरेक्टर के सामने प्राइवेट ट्यूशन का मामला उठाती है। इस बात पर निदेशक कहता है कि ट्यूशन कोई धंधा नहीं है, बल्कि कमजोर बच्चे को ट्यूशन लेना जरूरी है। यदि कोई बच्चा ट्यूशन नहीं लेना चाहता तो नहीं ले। उसकी मर्जी। रजनी कहती है कि स्कूल में मैथ टीचर बच्चों को ट्यूशन के लिए परेशान करते हैं। तो डायरेक्टर कहते हैं कि इस बात पर हैडमास्टर को एक्शन लेना चाहिए। और अपनी व्यस्तता का भी ज़िक्र करता है। रजनी कहती है कि अब आपके पास शिकायतों की ढेर लग जाएगी।
पांचवां दृश्य
अखबार का दफ्तर
अखबार के संपादक रजनी की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि उन्होंने तो ट्यूशन के विरोध में एक आंदोलन ही खड़ा कर दिया है। रजनी कहती है कि यदि समाचार पत्र इस तरह के आंदोलन को प्रकाशित करे तो सारे समाज का साथ मिल जाएगा। इससे अभिभावकों को राहत मिलेगी और न जाने कितने बच्चों का भविष्य सुधर जाएगा। समाचार पत्र का भी साथ मिलता है। बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाता है और अंत में यह नियम बन जाता है कि कोई भी शिक्षक अपने विद्यालय के बच्चों को ट्यूशन नहीं पढ़ाएंगे। रजनी की जीत होती है। मिठाइयां भी बांटी जाती हैं।
रजनी पाठ का प्रश्न उत्तर
1. रजनी ने अमीत के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि -
क. वह अमीत से बहुत स्नेह करती थी ।
ख. अमीत उसकी मित्र लीला का बेटा था।
ग. वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी ?
घ. उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था।
उत्तर - ग. वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी।
2. जब किसी का बच्चा कमजोर होता है, तभी उसके मां बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है , तो उस टीचर से न ले ट्यूशन। किसी और के पास चले जाएं - यह कोई मजबूरी तो है नहीं - प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएं कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या ग़लत लगता है, तर्क दीजिए।
उत्तर - प्रसंग - कहानी की नायिका रजनी जबरदस्ती ट्यूशन पढ़ाने की समस्या को लेकर पहले स्कूल के हैड मास्टर के पास जाती है। वे इसे शिक्षकों और छात्रों के बीच की समस्या का कहकर टाल जाते हैं। फिर वह शिक्षा निदेशक से मिलने जाती है । शिक्षा निदेशक तर्क देते हैं कि ट्यूशन करने में कोई मजबूरी तो है नहीं। यदि बच्चे को लगता है कि कोई अध्यापक उसे लूट रहा है तो वह किसी और अध्यापक के पास चले जाएं।
टिप्पणी -- शिक्षा निदेशक का यह संवाद बिल्कुल ग़लत है । उनकी बातों में कोई गंभीरता नज़र नहीं आती। ऐसा लगता है कि वह समस्या दूर करने की जगह बला टालने की कोशिश कर रहे हैं।
3.गलती करने वाला तो है ही गुनहगार , पर उसे बर्दाश्त करने वाले लोग भी कम गुनहगार नहीं है, इस संवाद के संदर्भ में आप किसे और क्यों सबसे ज्यादा गुनहगार मानते हैं ?
उत्तर - मेरी दृष्टि में गुनहगार दोनों ही हैं। ट्यूशन के लिए दबाव बनाने वाले शिक्षक भी और छात्र भी। अन्याय सहने वाले अगर चुप रहें तो अन्नयायी का मनोबल बढ जाता है।
4. रजनी एकांकी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर - रजनी एकांकी से हमें शिक्षा मिलती है कि यदि हम शिक्षक हैं तो ट्यूशन पढ़ने के लिए छात्रों को परेशान नहीं करें। पढ़ाने में इमानदारी बरतें।
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Dr.Umesh Kumar Singh
M.A. ( Hindi ) Ph- D
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