सिद्धार्थ का गृह - त्याग, Siddharth ka grih tyag

 

सिद्धार्थ का गृह त्याग , Siddharth ka grih tyag

Mahatma Buddha ka jiwan, Mahatma Buddha ke updesh , Buddha Dharm 

महात्मा बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु में हुआ था। उनके पिता महराज शुद्धोधन कपिलवस्तु के राजा थे। राजकुमार सिद्धार्थ सिद्धि प्राप्त करने के लिए अपने घर का त्याग किया था। वे भूखे - प्यासे वन - वन भटकते रहे, अंत में उन्हें बोधगया में बोधी वृक्ष के नीचे तपस्या करते हुए ज्ञान की प्राप्ति हुई उन्होंने अहिंसा का उपदेश दिया। आइए, इस समय हम सिद्धार्थ के गृह त्याग संबंधी प्रसंग का अध्ययन करें।

महात्मा बुद्ध का जीवन परिचय, महात्मा बुद्ध का संदेश, महात्मा बुद्ध का उपदेश, महात्मा बुद्ध का जन्म कहां हुआ। महात्मा बुद्ध के पिता कौन थे ?


सिद्धार्थ का गृह त्याग


सिद्धार्थ कौन थे ?  Siddharth kaun the, सिद्धार्थ किनका नाम था ? सिद्धार्थ के पिता कौन थे ? सिद्धार्थ के जन्म के समय किसने भविष्यवाणी की थी ? महर्षि आसित ने क्या भविष्यवाणी की थी ? यशोधरा कौन थी? सिद्धार्थ कहां के राजकुमार थे ? सिद्धार्थ के पुत्र का क्या नाम था ? बौद्ध धर्म के संस्थापक कौन थे ?


सिद्धार्थ के जन्म के समय ही उस समय के प्रसिद्ध भविष्य ज्ञाता महर्षि आसित ने यह भविष्यवाणी की थी कि यह बालक महान तपस्वी बनकर अपने ज्ञान से समस्त विश्व का मार्गदर्शन करेगा।  महर्षि आसित के इस भविष्यवाणी से सिद्धार्थ के पिता महाराज शुद्धोधन डर गये। उन्हें भय था कि उनका इकलौता बेटा यदि संन्यासी बन जाएगा तो मेरे राज-पाट के क्या होगा ? इसलिए उन्होंने शीघ्र ही सिद्धार्थ को यशोधरा नाम की एक सुन्दर कन्या से विवाह कर दिया जिससे सिद्धार्थ का मन घर संसार में रमा रहे। कुछ समय के लिए हुआ भी ऐसा ही। सिद्धार्थ पिता बन गये। राजा शुद्धोधन को लगा कि महर्षि आसित की भविष्यवाणी असत्य हो जाएगी। परन्तु होनी को  तो कुछ और ही मंजूर था।

यशोधरा के शयन कक्ष में दीपक जल रहा था। कमरे का दरवाजा खुलने से वह हल्का सा चौक जाती है। अपने पति राजकुमार सिद्धार्थ को देखकर वह पूछती है, आर्य पुत्र अभी तक आप सोये नहीं। सिद्धार्थ ने कहा - "अभी तक तो मैं सोया ही था, अब तो जगने की बेला आ गई है। पर तुम अभी क्यों जाग रही हो।"

" राहुल अभी - अभी सोया है। बैठिए न ! आर्य पुत्र " सिद्धार्थ ने कहा , " जगने के बाद फिर सोया नहीं जाता। राहुल तुम्हारे अंक में सुख की नींद सो रहा है । तुम भी सो जाओ। " फिर कमरे से निकल जाते हैं। 

सभी सो गए लेकिन आज सिद्धार्थ की आंखों में नींद कहां ? कुछ देर बाद जाकर देखा तो राहुल और यशोधरा गहरी नींद में सो रहे थे। अन्य स्थानों पर परिचारिकाएं भी जैसे - तैसे निद्रा में निमग्न थी। यह देखकर उनके मन में और विरक्ति भर गई। उनकी इच्छा थी कि एक बार राहुल का मुख देखने की, परन्तु यशोधरा न उसका मुख अपनी हथेली से ढक रखा था। यदि हथेली हटाने का प्रयास करते तो उन्हें जगने की संभावना थी।

सिद्धार्थ ने अपने सारथी छंदक को बुलाया और अपना प्रिय अश्व कंदक को लाने की आज्ञा दी। वे अपने प्रिय अश्व पर सवार होकर अपने राज्य कपिलवस्तु की सीमा पर आ गये। उन्होंने अपना राजसी वेश त्याग कर चीवर धारण कर लिया। नदी में प्रवेश कर बाल मुंडवाए और छंदक को कंदक के साथ वापस जाने को कहा। अपने राजकुमार के इस निर्णय से छंदक फूट- फूटकर रोने लगा। वह बार - बार उनसे घर वापस चलने का आग्रह करता रहा लेकिन सिद्धार्थ नहीं माने। कंदक की आंखों से भी अश्रु धारा बहने लगा। रोते-रोते छंदक घोड़े पर सवार होकर वापस लौट आता है और सिद्धार्थ तपस्या के लिए घनघोर वन में प्रवेश कर गए।


Siddharth ka grih tyag

 


                      प्रश्न- उत्तर


1. सिद्धार्थ कौन थे ? 

उत्तर - सिद्धार्थ महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम है। वे कपिलवस्तु के राजकुमार थे ।

2. सिद्धार्थ के पत्नी और पुत्र के नाम लिखे।

उत्तर - सिद्धार्थ के पत्नी का नाम यशोधरा और पुत्र का नाम राहुल था।

3. सिद्धार्थ क्यों जाग रहे थे ?

उत्तर - सिद्धार्थ को संसार से विरक्ति हो गई थी। वे रात्रि में चुपके से तपस्या के लिए घर त्यागना चाहते थे। इसलिए जाग रहे थे।

4. यशोधरा ने अब तक न सो पाने का क्या कारण बताया ?

उत्तर - राहुल जाग रहा था इसलिए यशोधरा भी जगी थी।

5. सिद्धार्थ ने यशोधरा को भाग्यवती क्यों बताया ?


उत्तर - राहुल यशोधरा की गोद में सुख की नींद सो रहा था। इसलिए सिद्धार्थ ने यशोधरा को भाग्यवती बताया।

6. छंदक से सिद्धार्थ ने क्या कहा ?

उत्तर - छंदक से सिद्धार्थ ने कहा - " मैं आज से तुम्हरा प्रभु नहीं हूं। मैं भिक्षुक का जीवन बिताऊंगा। मैं सिद्ध प्राप्त कर सका तो फिर लौटूंगा।

7. सिद्धार्थ के मन में उभरने वाली भावों का वर्णन करें।

उत्तर - सिद्धार्थ संसार की अनुरक्ति से दुखी थे। वह संसार का मार्गदर्शन करना चाहते थे। वह चाहते थे कि संसार में कोई दुखी नहीं रहे। जगत का कल्याण हो।

8. बौद्ध धर्म के संस्थापक कौन थे ?

उत्तर - बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध थे।

9. सिद्धार्थ कहां के राजकुमार थे ?

उत्तर - सिद्धार्थ कपिलवस्तु के राजकुमार थे।

इसे भी पढ़ें

Bal ki khal utarna, बाल की खाल उतारना मुहावरा

सच्चा हितैषी निबन्ध । क्लिक करें और पढ़ें।

  Republic Day Essay 

डॉ उमेश कुमार सिंह हिन्दी में पी-एच.डी हैं और आजकल धनबाद , झारखण्ड में रहकर विभिन्न कक्षाओं के छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन करते हैं। You tube channel educational dr Umesh 277, face book, Instagram, khabri app पर भी follow कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।







टिप्पणियाँ

Recommended Post

Bade Ghar ki Beti , story, बड़े घर की बेटी, कहानी , प्रेमचंद

फूल और कांटा (Phul aur Kanta) poem

1.संपादन ( sampadan) 2. संपादन का अर्थ एवं परिभाषा तथा कार्य 3.संपादन के सिद्धांत

चेतक ( कविता ) Chetak horse

बच्चे काम पर जा रहे हैं , कविता, कवि राजेश जोशी, भावार्थ, व्याख्या, प्रश्न उत्तर, राजेश जोशी का जीवन परिचय, Bachche kam pr ja rhe hai poem, 9th class hindi