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माटीवाली,  कहानी , लेखक विद्यासागर नौटियाल, भूख मीठा  कि भोजन मीठी Matiwali, story, vidyasagar Nautiyal, ninth class hindi माटी वाली कहानी और प्रश्न उत्तर 


माटी वाली कहानी

" माटीवाली " कहानी विद्यासागर नौटियाल की बहुचर्चित कहानी है। इस कहानी में लेखक ने विस्थापितों की समस्या को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। गरीब और श्रमिक वर्ग को इस समस्या ने कैसे प्रभावित किया है और वे इससे कैसे जूझ रहे हैं, लेखक ने माटीवाली कहानी के माध्यम से बहुत ही मार्मिक और संवेदनशील ढंग से हमारे सामने रखा है।


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Matiwali story summary

माटी वाली कहानी का सारांश

Summary of story matiwali


माटी बेचने वाली महिला शहर के तप्पड़ मोहल्ले में  रहती है। उसका मकान मोहल्ले के अंत में है। उसे शहर के प्रत्येक लोग जानते हैं क्योंकि हरेक घर में उसका आना जाना है। वह चूल्हे चौके लीपने के लिए लाल मिट्टी प्रत्येक घर में पहुंचाती है । लाल मिट्टी पहुंचाना ही उसकी रोजी-रोटी कमाने का जरिया है। लाल मिट्टी चूल्हे चौके लीपने के साथ-साथ साल - दो साल में मकान के कमरे, दीवारों की लिपाई के काम आती है। शहर में कोई माटाखाना ( मिट्टी की खान ) नहीं है। वह घर घर जाकर मिट्टी बेचती है। 

शहरवासी माटीवाली को और साथ ही साथ उसके कनस्टर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं। उसके कनस्टर पर ढक्कन नहीं होता क्योंकि इससे उसे मिट्टी भरने और खाली करने में आसानी होती है। 

एक दिन वह जैसे ही कनस्टर रखी कि सामने के घर से एक नौ - दस साल की एक छोटी लड़की कामिनी दौड़ी हुई आई और बोली कि जरा हमारे यहां भी आना। माटी वाली बुढ़िया ने कहा कि अभी आती हूं।

घर की मालकिन ने मिट्टी आंगन में उड़ल देने के लिए कहा। उसने कहा तुम बड़ी भाग्यवान है जो चाय के समय आई है। वह रसोई में गई और दोोरोटियां लाकर उसे दे दी। रोटियां देकर वह फिर रसोई में घुस गई। माटी वाली ने एक रोटी लपेट कर कपड़े में बांध ली। घर की मालकिन पीतल के बर्तन में चाय लेकर  आई। उसने माटी वाली से चाय के साथ बिस्कुट खाने को कही।

पीतल के गिलास को देखकर माटी वाली बोली, तुमने पीतल के गिलास को अभी तक सम्भाल कर रखी है। पूरे बाजार में ऐसा चीज़ नहीं मिलेगा। मालकिन बोली कि इसके खरीदने वाले कई चक्कर लगा कर चले गए। ये व्यापारी कांसे के एक एक बर्तन बाजार से खरीद लिये। अब प्रत्येक घर में सिर्फ स्टील या चीनी मिट्टी के ही बर्तन मिलते हैं।
माटी वाली कहती है कि अपने चीज का मोह बहुत बुरा होता है। वह यह सोचकर पागल हो जाती है कि उसे इस उम्र में शहर छोड़कर बाहर जाना पड़ेगा। वह कहां जाएंगी अब ?

सामने वाले घर से भी उसे दो रोटियां मिल जाती है। इसे वह अपने बुड्ढे के लिए रख लेती है। वह सोचती है कि इसे वह अपने बुड्ढे के लिए रख लेगी। वह मन ही मन सोचती है कि तीन रोटियां देखकर बुड्ढे का दिल खिल उठेगा। साथ  ही वह कह देगी कि सांग तो नहीं है, तो वह कह देगा ' भूख मीठी कि भोजन मीठा ' । 

वह मिट्टी लेने के लिए सुबह निकल जाती है। और विभिन्न स्थानों पर मिट्टी देकर रात तक अपने झोपड़ी में लौटती है। उसके पास न अपना खेत है न कोई जमीन। उसकी झोपड़ी भी ठाकुर की जमीन पर है। उसे बेगारी भी करनी पड़ती है। 

वह सोचती हुई जाती है कि बुड्ढे को सब्जी के साथ रोटियां परोसेंगी। वह तो केवल एक - डेढ़ रोटी ही खाएगा। बाकी से वह अपना भी गुजारा कर लेगी। 

वह घर पहुंची तो देखती है कि बुड्ढा मर चुका था। अब उसके बुड्ढे को रोटी की कोई आवश्यकता नहीं है। 

टिहरी बांध परियोजना के पुनर्वास साहब ने उससे पूछा कि तुम कहां रहती है ? वह उसे तहसील से घर का प्रमाण पत्र लाने को कहती है। बुढ़िया ने कहा, मेरी जिन्दगी तो इस शहर के घरों में माटी देने में गुजर गई।
साहब ने पूछा, माटी कहां से लाती हो ? बुढ़िया ने उत्तर दिया , माटखाना से। साहब ने पूछा, माटखाना चढ़ी है तेरे नाम ? माटीवाली ने कहा, माटखाना तो मेरी रोजी है साहब। साहब ने कहा , हमें ज़मीन का कागज चाहिए, रोजी का नहीं। बुढ़िया ने कहा , बांध बनने के बाद मैं क्या खाऊंगी साहब ?  साहब ने कहा, यह तो तुम्हें सोचना चाहिए। 

टिहरी बांध की दो सुरंगों को बंद कर दिया गया। शहर में पानी भर गया। शहर वाले घर छोड़कर भागने लगे। माटी वाली झोपड़ी के बाहर बैठी प्रत्येक व्यक्ति से कहती है, ' गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए '।


माटी वाली कहानी का प्रश्न उत्तर

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1. ' शहर वासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं।' आपकी समझ से वे कौनसी कारण रहे होंगे , जिनके रहते  माटी वाली को सब पहचानते थे ?

उत्तर - शहर वासी केवल माटी वाली को ही नहीं, उसके कनस्टर को भी भली प्रकार से पहचानते थे। हमारे विचार से इसका कारण यह रहा होगा कि उस महिला द्वारा बेची जाने वाली मिट्टी की सबको जरूरत रही होगी। सभी उसी से मिट्टी मंगवाते थे। इसलिए सभी मिट्टी वाली को पहचानते थे और उसके कनस्टर को भी। एक कारण यह भी हो सकता है कि उस इलाके में उस बूढ़ी औरत के अलावा कोई अन्य यह काम करने वाले नहीं थे।

2. माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में सोचने का ज्यादा समय क्यों नहीं था ?

उत्तर -  माटी वाली के पास अपने भाग्य के अच्छे या बुरे सोचने का समय ही नहीं था। वह सुबह से शाम तक अपने काम में ही व्यस्त रहती थी। अगर वह काम नहीं करे तो वह और उसके बूढ़े पति क्या खाएं।

3. 'भूख मीठी कि भोजन मीठा ' से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर - जब बुढ़िया चाय को साग के समान बताती है ,तब मालकिन कहती हैं कि भूख तो स्वयं साग होती है। भूख के समय भोजन की मिठास नहीं देखी जाती क्योंकि भूख लगने पर सभी भोजन मीठा ही लगता है। इसलिए पहले भूख मिटाने का उपाय किया जाता है। भोजन की मिठास की बात बाद में आता है।

4. ' पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता है ' - मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर - 'पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता है' मालकिन के इस कथन में उसका विरासत अर्थात पूर्वजों द्वारा हासिल की गई सम्पत्ति के प्रति लगाव और आदर का भाव झलकता है। मालकिन कहती है कि हमारे पूर्वजों ने तंगी के दौरान बड़ी मेहनत से इन चीजों को खरीदा होगा। इसे हम यूं ही नहीं हटा सकते। इस बात से पूर्वजों के प्रति लगाव और आदर का भाव झलकता है। वह घर के पीतल के बर्तनों को सम्हाल कर रखीं थीं।

5. माटी वाली का 

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 को इस तरह सम्हाल कर रखना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है ?

उत्तर - माटी वाली का इस तरह रोटियों का हिसाब लगाना और सम्हाल कर रखना उसकी घोर दरिद्रता को प्रकट करता है। उसके सामने अपने और अपने बूढ़े पति का पेट भरना मुख्य प्रश्न है। जब उसे किसी घर से रोटी मिलती है तो कुछ रोटी वह अपने बूढ़े के लिए भी बचा लेती है। 

6. आज माटी वाली बूढ़े पति को कोरी रोटियां नहीं देगी -- इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर - माटी वाली गरीब और बूढ़ी औरत है। उसका पति बूढ़ा और बीमार है।  माटी वाली मिट्टी बेचती है और अपना और अपने बूढ़े पति का पेट भरती है। उसके पास और कोई साधन नहीं है। वह अपने बूढ़े पति का बहुत ख्याल रखती है। जब उसे कहीं कुछ रोटी मिल गई तो वह सोचती है कि उसे कुछ पैसे मिल जाते तो अपने पति के लिए थोड़ा प्याज खरीद लेगी। उसे सूखी रोटियां नहीं खानी पड़ेगी। इस बात से माटी वाली का अपने बूढ़े पति के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त हुई है।

7. " गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए " -- इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - टिहरी बांध की सुरंगों के बंद होने से शहर में पानी भरने लगा। लोगों के घर तो बाढ़ में डूबे ही , साथ ही साथ श्मशान घाट भी डूबने लगा। इस पर माटी वाली ने कहा - " गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए। " इस कथन का आशय है कि बाढ़ जैसी आपदाओं से गरीब की झोपड़ी नष्ट नहीं होनी चाहिए। उनकी झोपड़ी तो पहले ही श्मशान बनी हुई है। वहां लोग मर मर कर जी रहे हैं। झोपड़ी उजड़ जाएगी तो वे कहां रहेंगे।

8.विस्थापन की समस्या पर एक अनुच्छेद लिखें।

उत्तर - नदियों पर आज बड़े बड़े और ऊंचे-ऊंचे बांध बनाए जा रहे हैं। इसके कारण हजारों परिवार बेघर हो रहे हैं। इससे एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है, विस्थापन की समस्या। सरकार उनका घर और जमीन तो छिन लेती है पर उनके विस्थापन की ओर ध्यान नहीं देती। बहुत हुआ तो थोड़ी मुआवजा देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। देश की न्यायपालिका ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है। इस समस्या का स्थाई समाधान निकलना चाहिए।


9. माटी वाली की चरित्र की कौन सी विशेषता आपको प्रभावित करती है ?

उत्तर - माटी वाली एक गरीब और लाचार महिला है फिर भी वह अपने बूढ़े पति का भरपूर ख़्याल रखती है। वह कहीं से रोटी मिलने पर स्वयं से ज्यादा अपने बूढ़े पति को खिलाने की चिंता करती है। उसे अपने पति की बड़ी चिंता है।
वह एक कर्मठ महिला है। वह दूर से मिट्टी खोदकर लाती है और बेचकर अपना और अपने बूढ़े पति का पेट भरती है। कर्मठता और पति प्रेम दो ऐसे गुण हैं जो हमें प्रभावित करते हैं।

MCQ


1. तुमने अभी तक पीतल के गिलास सम्हाल कर रखे हैं ! यह वाक्य किसने कहा था ?

क. जमींदार ने
ख. मालकिन ने
ग. बुढ़िया ने
घ. लेखक ने

2. माटी वाली किस रंग की मिट्टी बेचती थी ?

क. पीले
ख. लाल
ग. काली
घ. भूरी

3. भूख मीठी कि भोजन मीठा, इस वाक्य का क्या आशय है ?

क. भूख लगना पाप है।
ख. भूख लगने पर हर खाना अच्छा लगता है ।
ग. भूख का उपाय होना चाहिए।
घ. सरकार को भोजन बांटने का उपाय करना चाहिए।

4. टिहरी बांध के कितने सुरंगों को बंद कर दिया गया ?

क. एक
ख. दो
ग. तीन
घ. चार

5. माटी वाली कहानी के लेखक कौन है ?

क. प्रेम बाजपेई
ख. राहुल गांधी
ग. विद्या बालन
घ. विद्या सागर नौटियाल


उत्तर -- 1. ग, 2. ख, 3. ख, 4. ख, 5. घ

       

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Dr. Umesh Kumar Singh

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