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सौर्य ऊर्जा निबंध, उपयोगिता और महत्व, उत्पादन और लाभ, सौर्य उर्जा कैसे लगाएं
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हमारे जीवन में बिजली और उर्जा का महत्व
हमारे जीवन में ऊर्जा का बहुत महत्व है। जब हमारे घरों की बिजली कुछ देर के लिए बंद हो जाती है तो हमें कैसा महसूस होता है, यह सब आप लोग अच्छी तरह जानते हैं। गर्मियों में यदि पंखे, कूलर ना चलाए जाएं तो बहुत बुरा हाल हो जाता है। रात को यदि बिजली ना हो तो बच्चों की पढ़ाई कैसे हो ? कार्यालय और फैक्ट्रियों में तो बिजली के बिना सारा कामकाज ही ठप पर जाता है।
बिजली से रोशनी आती है और तमाम तरह की मशीनें चलती हैं। इतना तो आप जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिजली आती कहां से हैं ? बिजली आती है ताप विद्युत गृहों से जिन्हें थर्मल पावर स्टेशन कहा जाता है। यहां कोयले को भारी मात्रा में जलाकर बिजली तैयार की जाती है ।
ऊर्जा अथवा बिजली उत्पादन के साधन
बिजली के अन्य स्रोत परमाणु बिजली घर, जलविद्युत, पवन ऊर्जा तथा डीजल एवं पेट्रोल चलित जनरेटर हैं। जलविद्युत, पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा को ऊर्जा प्राप्ति का गैर पारंपरिक स्रोत कहा जाता है। यह स्रोत पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। बिजली पैदा करने के अन्य स्रोत ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत कहलाते हैं जिनसे हमारे पर्यावरण को भारी क्षति होती है। सौर पैनल घरों की छतों पर, बंजर जमीन में अथवा समुद्र या नदी तट की खाली जमीन में लगाए जा सकते हैं। सूरज की गर्मी प्राप्त करने के लिए हमें कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती है , इसलिए प्रयास करके उससे कितनी ही मात्रा में बिजली तैयार करके घर-घर में विद्युत आपूर्ति की जा सकती है।
सौर्य ऊर्जा की विशेषताएं
सूर्य से सीधे प्राप्त होने वाली ऊर्जा की कुछ खास विशेषताएं हैं जो इस स्रोत को आकर्षक बनाती है। इनमें उसका अत्यधिक विस्तारित होना, प्रदूषण मुक्त होना एवं कभी समाप्त ना होना। संपूर्ण भारतीय भूभाग पर 5000 लाख करोड़ किलो वाट घंटा प्रति वर्ग मीटर के बराबर उर्जा आती है जो विश्व की संपूर्ण विद्युत खपत से कई गुना अधिक है । पूरे देश में वर्ष में लगभग 250 से 300 दिन ऐसे होते हैं जब सूर्य की रोशनी दिनभर उपलब्ध रहती है।
सोलर कुकर द्वारा खाना पकाने से विभिन्न प्रकार के परंपरागत इन इंधनों की बचत होती है। बॉक्स सोलर कुकर, वाष्प सोलर कुकर , कार्डबोर्ड सोलर कुकर और डीश सोलर कुकर आदि अनेक तरह के सोलर कुकर विकसित किए गए हैं। इनमें बॉक्स टाइप सोलर कुकर आज शहरों और गांवों दोनों जगहों पर लोकप्रिय हैं। ऐसे बॉक्स कुकर विकसित किए गए हैं जो बरसात या धुंध के दिनों में भी काम में लाए जा सकते हैं।
सौर वायु उष्मन एक ऐसी प्रणाली है जिसका प्रयोग कटाई के बाद कृषि उत्पादों एवं अन्य पदार्थों को सुखाने के लिए किया जाता है। इससे खुले में अनाजों तथा अन्य उत्पादों को सुखाते समय होने वाले नुकसान कम किए जा सकते हैं। चाय की पत्तियों, लकड़ी मसालों आदि को सुखाने के लिए इनका व्यापक प्रयोग किया जा रहा है।
भारत में सौंदर्य ऊर्जा
भारत अग्रणी देशों में है जहां फोटोवोल्टिक प्रणाली का समुचित विकास किया गया है एवं इस पर आधारित विद्युत उत्पादक इकाइयों द्वारा अनेक प्रकार के कार्य संपन्न किए जा रहे हैं । देश की कई कंपनियां सौर्य सेलों और फोटो वोल्टिक मॉड्यूलों का निर्माण कर रही है। भारत सरकार का अपारंपरिक ऊर्जा मंत्रालय सौर लालटेन सौर गृह और सार्वजनिक प्रकाश प्रणाली, जल पंप एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एकल फोटोवोल्टिक उर्जा संयंत्रों के विकास , संस्थापन आदि को प्रोत्साहित कर रहा है । यदि हमारे प्रत्येक घर में सौर ऊर्जा का कोई न कोई संयंत्र लगा हो तो बढ़ते हुए पर्यावरणीय संकट से छुटकारा मिल सकता है। हमें इस दिशा में आगे बढ़कर काम करने की आवश्यकता है।
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