भारूण्ड पंछी की कथा, दो मुख और एक पेट वाले पंछी की कथा ,


भारूण्ड पंछी की कथा, दो मुख और एक पेट वाले पंछी की कथा , आपस की फूट जानलेवा साबित हो सकती है। शिक्षा प्रद कहानी


दो मुख और एक पेट वाले पंछी



किसी तालाब में एक पेट तथा अलग-अलग गर्दन वाला भरूण्ड नाम का पक्षी रहता था। समुद्र के किनारे घूमता हुआ पानी मैं उसे अमृत के जैसा कुछ फल प्राप्त हुआ। उस फल को खाते हुए उसने दूसरे मुख से  कहा-- अरेे मैंने समुद्र की लहरों के द्वारा लाए अमृत जैसा बहुत से फल खाए , लेकिन इस फल का स्वाद बड़ा अद्भुत है। ऐसा फल कभी नहीं खाया। लगता है जैसे यह फल पारिजात या हरिश्चंद्र वृक्ष से उत्पन्न हुआ है। अथवा अमृत के जैसा यह ब्रह्मा जी के द्वारा बनाया हुआ अद्भुत फल है। इसका स्वाद बेजोड़ है। तुम्हारे भाग्य में ऐसा फल पाना नहीं लिखा है। 


पहले मुख की ऐसी  बातें सुनकर दूसरा मुख ने कहा, - अरे भाई , यदि ऐसा है तो मुझे भी वह अद्भुत फल का कुछ हिस्सा दो जिससे मेरी जीहवा भी उसका स्वाद चख सके । उसकी बातें सुनकर पहले मुख ने हंसकर कहा,  हम दोनों का एक ही पेट है और एक ही तृप्ति होती है , पत्नी भी एक है,तो अलग-अलग खाने से क्या लाभ  ? अच्छा है कि इन शेषफल द्वारा अपनी प्रिया को संतुष्ट किया जाए। ऐसा कह कर उसने बचे हुए फल का भाग  पत्नी भारुंडी को दे दिया। पत्नी भी उसका स्वाद लेकर बहुत खुश हुई। उसने पहले मुख को प्यार से चूमकर अपना प्रेम प्रकट किया।  दूसरा मुख बेचारा चुपचाप निराश होकर रह गया। पत्नी ने भी उसे तिरस्कार जो किया था। 


 इसी तरह दिन बीतते गए । एक दिन दूसरे मुंह को विष फल मिल गया। उसने पहले मुख से कहा, देखो भाई मैंने विष फल पाया है। अब मैं इसका पान करता हूं। इस विष फल को खाता हूं । तब पहले मुख ने कहा अरे मूर्ख ऐसा मत कर । इसे खाने से तो हम दोनों का ही विनाश हो जाएगा।  लेकिन दूसरे मुख ने उसकी बात नहीं माना उसने अपमान के कारण उस विष फल को खा लिया और दोनों नष्ट हो गए।


इसीलिए कहा गया है कि किसी स्वादिष्ट चीज को अकेले नहीं खाना चाहिए । सोए हुए व्यक्ति को एकाएक नहीं जगाना चाहिए । अकेला रास्ता तय नहीं करना चाहिए और अर्थ के लिए एकाएक चिंतन नहीं करना चाहिए।


अनिद्रा, कारण, प्रभाव और समाधान


डॉ उमेश कुमार सिंह हिन्दी में पी-एच.डी हैं और आजकल धनबाद , झारखण्ड में रहकर विभिन्न कक्षाओं के छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन करते हैं। You tube channel educational dr Umesh 277, face book, Instagram, khabri app पर भी follow कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।




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