Lakhachak, tharthri Nalanda, लखाचक, थरथरी, नालंदा
जन्मेजय का नाग यज्ञ, क्या हुआ था ?
Shiv mandir, Lakhachak
लखाचक ग्राम थरथरी प्रखंड के दक्षिणी भाग में स्थित है। वर्तमान में इस ग्राम की उन्नति हुई है जो यहां आने पर सहज ही दिखाई देती है। पक्की सड़क, लगभग बीस घंटे बिजली, घर घर नल, आने जाने की सुविधा देखकर मैं प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका। जानते हैं क्यों ?
सबसे पहली बार 1985 ई में जब मैं यहां आया था तो लगभग कुछ नहीं था यहां। थरथरी थाना, और इक्का दुक्का दुकान। सड़कों का बुरा हाल। चले जाएंगे, लौटकर जब नूरसराय पहुंच जाते तब जान में जान आ जाती। कुछ पुरानी जर्जर बसें बिहार से थरथरी तक, लेकिन मुख्य साधन टमटम। मरीयल जैसे घोड़े, और लगभग वैसे ही इकवान। बच्चों के साथ जाते तो टमटम की सवारी करते हुए बच्चे खूब मजे लेते। लेकिन मैं सतर्क रहता कहीं टमटम उल्टा तो क्या होगा। लेकिन इकवान बड़ी सावधानी से रास्ता पार करा देता। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। सरकार ने अच्छी सड़क बनवा दी है। नूरसराय से हिलसा तक बसें चलने लगी है । लखाचक जाने के लिए बस से थरथरी बाजार पर उतर जाइए, वहां से मुश्किल से एक किलोमीटर, पैदल या अब आटो से लखाचक शिव मंदिर उतर जाइए।
लखाचक शिव मंदिर का बड़ा महात्म्य है। सुरम्य वातावरण में भगवान शिव विराजमान हैं। लोगों की भीड़ रहती है। भक्त जन आते हैं, मन्नतें मांगते हैं और पूरी होने पर पुनः आते हैं। इस तरह भक्तों का आना जाना लगा रहता है। ग्राम वासी भी आगंतुकों का खूब ख्याल रखते हैं और पूजा पाठ में उनकी सहायता करते हैं। यहां एक आई टी आई कालेज भी है।
लखाचक ग्राम के आस पास में कनक बिगहा, छरियारी, महानीचक आदि गांव है।
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