उत्साह कविता , कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, utsah kavita class tenth, suryakant Tripathi Nirala

 


         by Dr.Umesh Kumr Singh


उत्साह कविता , कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, utsah kavita class tenth, suryakant Tripathi Nirala class tenth 


बादल, गरजो !-
घेर घेर घोर गगन, धराधर ओ !
ललित ललित , काले घुंघराले,
बाल कल्पना के से पाले,
विद्युत छवि उर में, कवि नवजीवन वाले !
व्रज छिपा , नूतन कविता 
फिर भर दो - बादल, गरजो !
विकल विकल , उन्मन थे उन्मन 
विश्व के निदाघ के सकल जन ,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!
तप्त धरा, जल से फिर
शीतल कर दो - बादल गरजो !


शब्दार्थ

गगन - आकाश। धराधर - बादल। ललित - सुन्दर। विद्युत छवि - बिजली की चमक। नूतन - नया। विकल - परेशान। उन्मन - अनमनापन भाव। निदाघ - गर्मी । सकल - सब। तप्त - तपती हुई।

कविता का अर्थ एवं भावार्थ उत्साह कविता 


कवि बादलों से आग्रह करता है -- से बादल खूब गरजो। आकाश में घिर घिर कर खूब बरसों। हे बादल ! काले काले, घुंघराले बादल! तुम बाल कल्पना के जैसे हो। तुम्हारे भीतर नव जीवन और बिजली की चमक छिपी है, व्रज भी छिपा है, तुम एक नयी कविता को जीवन दो। 

हे बादल ! इस गर्मी से तप्त धरती के लोगों को राहत दो। तुम अज्ञात दिशा से आकर गरजो, बरसो। जल भर दो, शीतल कर दो। हे बादल ! गरजो , बरसो।

कविता का भाव 


इस कविता के माध्यम से क्रांति का संदेश दिया गया है। बादल की गरज अर्थात क्रांति की आवाज। जिस तरह बादल की गरज के बाद वर्षा होती है और धरती की प्यास बुझ जाती है, उसी प्रकार क्रांति के बाद लोगों की इच्छाओं की पूर्ति होती है।

शिल्प और काव्य सौंदर्य उत्साह कविता 


खड़ी बोली हिन्दी का प्रयोग किया गया है।
घेर घेर, ललित ललित विकल विकल में पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार है।
वीर रस है।

  उत्साह कविता का प्रश्न उत्तर 


कवि ने बादलों को ही क्यों संबोधित किया है ?

उत्तर - कवि बादलों को जीवनदाता मानता है। बादल उसे बहुत प्रिय है। बादल क्रांति का प्रतीक है। क्रांति से लोगों की इच्छाओं की पूर्ति होती है।

कवि ने बादल की क्या विशेषताएं बताई है ?

उत्तर -- कवि बादल की विशेषताएं बताते हुए कहता है कि बादल सुंदर , काले घुंघराले हैं। ये बाल कल्पनाओं जैसे है। इनके भीतर बिजली की चमक है। कवि बादलों को नूतन जीवन और नयी कविता के प्राण मानते हैं। वे बादलों को क्रांति का प्रतीक मानते हैं।

कवि ने बादलों को अनंत के घन कहकर क्यों संबोधित किया है ?

उत्तर - बादल अनंत है, न उनका आदि है न अंत है। बादल किस दिशा से आते हैं किसी को पता नहीं। इसलिए बादलों को अनंत के घन कहकर पुकारते हैं।

कविता का नाम उत्साह क्यों रखा गया है ?

उत्तर - क्रांति लाने के लिए उत्साह की जरूरत होती है। बादल उत्साह से भरे हुए नव जीवन तथा नवीन कविता का संदेश देते हैं। क्रांति उत्साह के बिना नहीं हो सकती। यहां बादलों को माध्यम बनाकर क्रांति का संदेश दिया गया है।

प्रश्न - कवि बादल से फुहार , रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए क्यों कहता है ? 

उत्तर - कवि द्वारा बादलों को गरजने के लिए कहना क्रांति का सूचक है। बदलाव के लिए क्रांति जरूरी है। बरसने या रिमझिम फुहारों से क्रांति नहीं आती । इसके लिए तो गर्जना होता है।

प्रश्न -- उत्साह कविता में बादल किन किन अर्थों की ओर संकेत करता है ?

  उत्तर -उत्साह कविता में बदल भिन्न भिन्न अर्थ की ओर संकेत करते हैं 

1. बादल द्वारा क्रांति लाने के अर्थ में।
2. नवजीवन लाने के लिए।
3. नूतन कविता के लिए।

प्रश्न -- उत्साह कविता किस प्रकार की रचना है ?

उत्तर -- उत्साह कविता एक आह्वान गीत है। बादलों के माध्यम से कवि समाज में क्रांति लाना चाहते हैं। 

उत्साह कविता में नवजीवन वाले किसको कहा गया है और क्यों ?

उत्तर - उत्साह कविता में बादल को नवजीवन वाले कहा गया है क्योंकि बादल तप्त धरती को शीतलता प्रदान करता है।

उत्साह कविता में कवि ने बादलों को क्या क्या कहा है ?

उत्तर - उत्साह कविता में कवि ने बादलों को नवजीवन, धराधर, अनंत के घन कहा है।

विकल विकल, उन्मन थे उन्मन में कौन सा अलंकार है ? 

उत्तर - पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार, अनुप्रास अलंकार।

उत्साह कविता हिन्दी साहित्य की किस धारा से संबंधित है ?

उत्तर -- उत्साह कविता छायावाद से संबंधित है।

उत्साह कविता में बादलों को किसके समान बताया गया है ?

उत्तर - उत्साह कविता में बादलों को बाल कल्पना जैसे बताया गया है।

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डॉ उमेश कुमार सिंह हिन्दी में पी-एच.डी हैं और आजकल धनबाद , झारखण्ड में रहकर विभिन्न कक्षाओं के छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन करते हैं। You tube channel educational dr Umesh 277, face book, Instagram, khabri app पर भी follow कर मार्गदर्शन ले सकते हैं।



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