संगम, बलाघात, अनुतान Sangam, Balaghat,Anutan, hindi grammar

 

 संगम, बलाघात, अनुतान Sangam, Balaghat,Anutan, hindi grammar

संगम -- किसी शब्द के उच्चारण करते समय दो ध्वनियों के बीच किए जाने वाले हल्के विराम को संगम कहते हैं। दो भिन्न स्थान पर विराम  ( संगम) से भिन्न अर्थ सामने आते हैं। जैसे - सिरका - एक प्रकार का तरल पदार्थ। सिर + का -- सिर से संबंधित। कम बल -- कम बल वाला । कंबल -- जाड़े में ओढ़ने वाला। मनका -- माला का मोती। मन + का -- मन से संबंधित।

बलाघात -- ( स्वराघात ) -- शब्दों के उच्चारण करते समय अक्षर विशेष पर जो विशेष बल पड़ता है उसे बलाघात कहते हैं। इसी प्रकार कभी कभी एक वाक्य के शब्द विशेष पर भी बल पड़ता है ‌। यही प्रक्रिया बलाघात है। अक्षर के स्वर पर बल पड़ने के कारण इसे स्वराघात कहते हैं।

बलाघात दो प्रकार से होता है --

1. शब्द बलाघात

2. वाक्य बलाघात


1. शब्द बलाघात -- शब्द बलाघात से अर्थ में परिवर्तन नहीं होता है। इस प्रकार के बलाघात में शब्द के किसी एक अक्षर पर विशेष बल पड़ता है। जैसे इंद्र शब्द में संयुक्त अक्षर से पहले वाले अक्षर ई पर जोर दिया गया है। इसी प्रकार कमल शब्द के उच्चारण में म पर अधिक बल पड़ता है ।

धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का मुुुुुहावरा

2.  वाक्य बलाघात --  एक ही वाक्य में किसी विशेष शब्द पर बल देने से अर्थ में परिवर्तन आ जाता है। ऐसे वाक्यों में किसी शब्द विशेष पर बल देना वाक्य बलाघात कहलाता है। जैसे -- आज मैं आम खा लूंगा अर्थात आम ही खाऊंगा कोई अन्य फल नहीं। इसी प्रकार यदि आज मैं आम खा लूंगा में आज शब्द के बलाघात से स्पष्ट होता है कि मैं आज ही आम खा लूंगा कोई अन्य दिन नहीं। वाक्य बलाघात का स्थान वक्ता पर निर्भर करता है। वह अपनी जिस बात पर बल देना चाहता है उसे उसी रूप में प्रस्तुत कर सकता है।


अनुतान -- बोलते समय सुर के आरोह -  अवरोह ( उतार-चढ़ाव ) को अनुतान कहा जाता है ।इसे अर्थ परिवर्तन सुर भी कहा जाता है। वस्तुतः अनुतान उस सुर लहर को कहते हैं जिसके कारण शब्द का अर्थ परिवर्तन हो जाता है। जैसे-- अच्छा ? प्रश्नवाचक अच्छा ! आश्चर्य 


धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का मुुुुुहावरा


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