अनुप्रास अलंकार, अनुप्रास अलंकार ( anupras alankar) किसे कहते हैं?

         अनुप्रास अलंकार

    Anupras alankar 


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अलंकार का अर्थ है आभूषण या श्रृंगार। काव्य के  आभूषण अर्थात सौंदर्य वर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं । अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व है । अलंकारों के सहयोग से काव्य आकर्षक और मनोहारी बन जाते हैं। यहां हम अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके कुछ उदाहरण पर चर्चा करेंगे हम यह बताएंगे कि अनुप्रास अलंकार की पहचान कैसे होती है और उसके कौन कौन भेद हैं ? उसके उदाहरण भी पढ़ें।

Anupras alankar kise kahte hai अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और पहचान 

जहां जहां व्यंजनों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहां वहां अनुप्रास अलंकार होता है।  कहने का तात्पर्य यह है कि किसी वाक्य में जब दो या उससे अधिक शब्द एक ही वर्ण से शुरू हो, या अंत हो, वहां अनुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण --
1. तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहुत जाए।
2. चारू चंद्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में।
3. लट लटकनि मनो मत्त मधुप गण मादक मधुहि पिएं।

कल कानन कुण्डल मोर पंखा उर पै संभाल बिराजति है।

इस पंक्ति में श्रीकृष्ण के रूप सौन्दर्य का वर्णन किया गया है। पंक्ति के आरंभ में ही क वर्ण की आवृत्ति देखी जा सकती है। जहां वर्ण की आवृत्ति हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है। ' कल कानन कुण्डल ' में तीनों शब्दों की शुरुआत क वर्ण से हो रही है। इसलिए अनुप्रास अलंकार होता है।


कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि।

कहत लखन सन राम हृदय गुनि।।

इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि आरम्भ के दोनों शब्दों में क वर्ण की आवृत्ति हो गई है। अंत के दोनों शब्दों में भी न वर्ण की आवृत्ति देखी जा सकती है। इसलिए जब वर्ण और व्यंजन वर्ण की आवृत्ति हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है। यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है।




संसार की समर - स्थली में धीरता धारण करो।

इस उदाहरण में आप देख सकते है कि स और ध वर्णों की आवृत्ति हो रहा है, यह भी अनुप्रास अलंकार का बढ़िया उदाहरण है।

नभ पर चम चम घपला चमकी।

छात्रों ! इस उदाहरण में च वर्ण की आवृत्ति है। इसलिए यहां अनुप्रास अलंकार है।


निपट निरंकसु निठुर निसंकू।

जेहिससि कीन्ह सरुज सकलंकू।।


यहां भी हम देख सकते है कि न वर्ण की आवृत्ति है। इसलिए अनुप्रास अलंकार है। दूसरी पंक्ति में भी स वर्ण की आवृत्ति है।  वर्णों की आवृत्ति होने से अनुप्रास अलंकार होता है।

कुटिल कुचाल , कुकर्म छोड़ दें।

इस उदाहरण में क वर्ण की आवृत्ति हो रही है इसलिए अनुप्रास अलंकार है। 

मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियारा।

यहां आप देख रहे हैं कि म वर्ण की आवृत्ति से अनुप्रास अलंकार है। जहां व्यंजन वर्ण की आवृत्ति हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है। शुरू के पांच शब्द म वर्ण से ही आरंभ हो रहे हैं।


मुदित महीपति मंदिर आए।

सेवक सचिव सुमंत बुलाए।।

इस चौपाई में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग किया गया है क्योंकि ऊपर की पंक्ति में म वर्ण की आवृत्ति हो रही है और नीचे की पंक्ति में स वर्ण की आवृत्ति हो रही है।

बरसात बारिद बूंद।


इस पंक्ति में ब वर्ण की आवृत्ति से अनुप्रास अलंकार है।

नाथ सकल सुख साथ तुम्हारे।

प्रस्तुत पंक्ति में स वर्ण बार बार आ रहा है। इसलिए यह अनुप्रास अलंकार का सुंदर उदाहरण है।


प्रिय छात्रों ! अनुप्रास अलंकार समझने में आसानी हुई है तो इसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें। अपना विचार हमें भेजें। 

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Dr. Umesh Kumar Singh

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                                          M.A. ( Hindi ) Ph- D

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