लोमड़ी और सारस की शिक्षा प्रद कहानी, जैसे कौ तैसा करो, जैसे सारस ने किया Lomdi and saras story,jaise ko taisa

 


लोमड़ी और सारस की शिक्षा प्रद कहानी, जैसे कौ तैसा करो, जैसे सारस ने किया Lomdi and saras story,jaise ko taisa

सारस और लोमड़ी की कहानी

लोमड़ी और सारस की कहानी

Saras ne Lomdi ko kaise maja chakhaya
Lomari aur saras ki kahani 

किसी जंगल में एक बहुत सुन्दर सरोवर था। उस सरोवर में तरह तरह के जीव जंतु रहते थे। सरोवर मछलियों से भरा पड़ा था। उन मछलियों को खाने के लिए बहुत से बगुले और सारस वहां प्रतिदिन आते और भरपेट मछलियां खाते। वहीं एक चालाक लोमड़ी भी अपने परिवार के साथ रहती थी। उसने सारस और बगूलो को मछलियां खाते देखती तो उसका भी मुंह पानी से भर जाता। 

वह लोमड़ी एक दिन सारस के पास आकर उससे मित्रता कर ली और इधर उधर की बातें करने के बाद अपने घर चली गई।  कुछ ही दिनों में सारस से उसकी गहरी दोस्ती हो गई। सारस मछलियां पकड़कर उसे खाने को देता। परंतु लोमड़ी तो थी बड़ी धूर्त और बदमाश। उसने सारस को एक दिन अपने घर बुलाया। उसने बड़  बड़े परात में सुगंधित और स्वादिष्ट सूप बनाकर सारस को खाने को दिये। अब भला लंबे चोंच वाले सारस परात से सूप कैसे खा सकता था। और इधर लोमड़ी चट पट सारे जूस अपनी जीभ से चाट कर गयी। सारस भूखे रह गया और अपमानित भी हुआ। उसने इस घटना से आहत होकर लोमड़ी से बदला लेने की योजना बनाई।


एक दिन सारस ने लोमड़ी को अपने घर दावत पर बुलाया। उसने मछलियों की स्वादिष्ट सूप बड़े बड़े सुराही में लोमड़ी के सामने पड़ोसा। लोमड़ी को समझ में नहीं आ रहा था कि सूप का स्वाद कैसे लिया जाए क्योंकि उसका मुंह सुराही के छोटे मुंह से में जा नहीं रहा था। इधर सारस अपनी लंबी चोंच से झटपट सूप सुडक गया। लोमड़ी अपमानित होकर भूखे पेट अपने घर लौट गयी।


शिक्षा -- तो छात्रों ! कभी भी किसी की शारीरिक संरचना पर हंसी मत उड़ाओ और जो जैसा करे, उसके साथ वैसा ही व्यवहार करो।

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