कामायनी में आधुनिक जीवन की अभिव्यक्ति किस रूप में प्रकट हुई है ?

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 कामायनी में आधुनिक जीवन की अभिव्यक्ति किस रूप में प्रकट हुई है ?

 उत्तर ---  कामायनी छायावाद की अन्यतम कृति है।  इसमें श्रद्धा और मनु के संयोग से मानव सृष्टि के विकास की कथा है और अप्रस्तुत रूप में यह कथा आज के मानव के मन की विभिन्न उलझनों को सुलझाती हुई यह व्यक्त करती है कि आनंद (सुख ) की प्राप्ति किस प्रकार संभव है। कामायनी में मुख्य रूप से तीन पात्र हैं -  श्रद्धा, मनु और इड़ा। इनके अतिरिक्त तीन पात्र और हैं यह है मनु पुत्र कुमार ,असुर पुरोहित किलात और अकुलि ।

श्रद्धा हृदय पक्ष की, मनु मनके तथा इड़ा बुद्धि पक्ष के प्रतीक बनकर आए हैं जिनकी मानव के आधुनिक जीवन के रूप में अभिव्यक्ति हुई है।

कामायनी में मनु किसके प्रतीक हैं ?

 मनु मन के प्रतीक बनकर आए हैं। प्रत्येक मानव मन अनेक चिंताओं और एषणाओं से युक्त होता है। यह चिंता किसी अभाव के कारण उत्पन्न होती है और अभाव अशांति का उद्गम होता है । इड़ा बुद्धि पक्ष का प्रतीक है ।अत्यधिक वुद्धिवाद के कारण मानव मन पीड़ित रहता है । आनंद की खोज करता रहता है। किंतु श्रद्धा से विमुक्त रहकर वुद्धि का व्यभिचार  उसे इस आनंद से विमुख रखता है । कामायनी कार ने श्रद्धा और इड़ा को मन के दो प्रधान शक्तियों के रूप में प्रस्तुत किया है।

श्रद्धा और इड़ा 

 श्रद्धा का लक्ष्य आनंद मुखी है जबकि इड़ा का लक्ष्य मानव को विप्लव संघर्ष में डालने वाला है। जिस प्रकार मनु सभा से अलग होकर इड़ा के जाल में फंस जाते हैं और इड़ा के निर्देशानुसार कार्य करते हैं किंतु उन्हें पर्याप्त संघर्षों का सामना करना पड़ता है उसी प्रकार आज का मानव भी श्रद्धा (हृदय पक्ष) का आश्रय छोड़कर बुद्धि का अनुसरण करने के कारण जीवन में कष्ट भोगता है, क्योंकि श्रद्धा युक्त हृदय आनंद प्राप्त कर सकता है।

किलात और आकुली मानव मन की सद - असद् वृतियों के प्रतीक हैं जो हृदय पर अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए संघर्षरत हैं।  इस प्रकार कामायनी में आधुनिक जीवन का स्वर ध्वनित होता है।  श्रीधर प्रसाद पंत सुधांशु के अनुसार प्रसाद जी ने कामायनी को सर्वथा प्राचीन रूप में ग्रहण नहीं किया।  वह आधुनिक युग की देन है । अतः इसमें युग की सभी प्रवृत्तियों का उल्लेख है। श्रद्धा के यहां से मनु का पलायन आध्यात्मिक जीवन से आधुनिक मानव के पलायन की ओर संकेत करता है।  मनु का इड़ा के प्रति झुकाव आधुनिक मानव का बुद्धि वाद की ओर आकर्षण प्रकट करता है।  बुद्धिवाद का परिणाम मनु की दुर्दशा द्वारा कवि ने व्यक्त किया है।


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