कर्ण की पीड़ा Karn ki pida
कर्ण की पीड़ा , कविता, रश्मि रथी, रामधारी सिंह दिनकर
Karn ki pida
रश्मि रथी नामक पुस्तक कविवर राम धारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध पुस्तक है। यहां रश्मि रथी शूरवीर, दानवीर कर्ण को कहा गया है। कर्ण शूरवीर योद्धा थे फिर भी दुर्भाग्य उनका जीवन संगिनी थी। यहां रश्मि रथी पुस्तक का अंश दिया गया, जहां। कर्ण के बारे में बताया गया है कि वह महावीर था।
हाय कर्ण तू क्यों जन्मा था? जन्मा तो क्यों वीर हुआ ?
कवच और कुंडल भूषित भी तेरा अधम शरीर हुआ।
धंस जाय वह देश अतल में गुण की जहां नहीं पहचान,
जाति गोत्र के बल से ही आदर पाते हैं, जहां सुजान।।
नहीं पूछता है कोई तुम व्रती, वीर या दानी हो ?
सभी पूछते मात्र यही तुम किस कुल के अभिमानी हो ?
मगर , मनुज क्या करें? जन्म लेना तो उसके हाथ नहीं।
चुनना जाति और कुल, अपने वश की तो बात नहीं।।
मैं कहता हूं, अगर विधाता नर को मुट्ठी में भर कर।
कहीं छिट दे ब्रह्म लोक से ही नीचे भू-मंडल पर।
तो भी विविध जातियों में ही मनुज यहां आ सकता है।
नीचे है क्यारियां बनी तो बीज कहां जा सकता है ?
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कर्ण की पीड़ा पाठ का अर्थ
कवि दिनकर जी कहते हैं, हाय कर्ण! तूने इस धरती पर जन्म ही क्यों लिया? यदि जन्म लिया तो वीर क्यों हुआ ? इन सब के बाद कवच और कुंडल धारण क्यों किया ? वह देश देश अतल में धंस जाए जहां गुण के बदले जाति गोत्र के बल पर किसी की पहचान होती है। जाति और गोत्र के बल पर ही सुजान सम्मान पाते हैं।
यहां कोई वीरता और ज्ञान नहीं देखता। लोग यह देखना चाहते हैं कि यह किस कुल और जाति का वंशज हैं। लेकिन मनुष्य क्या करें ? जाति और गोत्र चुनना उसके वश की बात तो नहीं है।
यहां धरती पर जाति की विभिन्न क्यारियां बनी हुई है। यदि विधाता मुट्ठी में बीज भरकर धरती पर फेंक दें तो वह बीज किसी न किसी क्यारी में ही गिरेगी। मनुष्य का इसमें क्या अधिकार और दोष है?
1. कर्ण सूत पुत्र था , फिर भी वह वीर था। कर्ण का युद्ध किसके साथ हुआ ?
उत्तर -- कर्ण सूत पुत्र था, लेकिन वीर था। कर्ण का युद्ध अर्जुन के साथ हुआ।
2. क्या कर्ण का जन्म कवच कुंडल के साथ हुआ था ?
उत्तर - हां, कर्ण का जन्म कवच कुंडल के साथ हुआ था।
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