नारी समाज की समस्या, twelve th essay कामकाजी महिलाएं और उसकी समस्याएं,
कामकाजी महिलाएं और उनकी समस्याएं, नारी और नौकरी, नारी समाज के सामने चुनौतियां, महानगरों में महिलाओं की स्थिति। महिलाओं की नौकरी से घर परिवार में मतभेद, पति पत्नी के बीच तनाव, बच्चों की परवरिश में परेशानी, बारहवीं निबंध, ग्यारहवीं कक्षा निबंध। महिलाओं का नौकरी में होना आज के दौर में आम बात है। 50 वर्ष पहले यह एक बड़ी घटना मानी जाती थी। वर्षों से पुरुष ही घर के पालन पोषण का दायित्व संभाला करते थे। नारी को केवल अच्छी मां, अच्छी बहन और अच्छी पत्नी बनने की शिक्षा दी जाती थी। उन्हें यह समझाया जाता था कि इसी में तुम्हारा जीवन सार्थक होगा। बाहर के जीवन से तुम्हें कुछ लेना देना नहीं है इसलिए शिक्षा से भी तुम्हारा कोई वास्ता नहीं रहेगा। घर की जिम्मेवारी संभालते हुए वह घर की चारदीवारी में कैद रही। इसलिए शिक्षा से भी नाता नहीं रहा। स्वामी दयानंद, राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी जैसे समाज सुधारक के प्रयास से नारी शिक्षा की चेतना जागृत हुई। नारी में आत्मविश्वास जगा और नारी भी अर्थोपार्जन के लिए पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ चली। वर्तमान दशा वर्तमान भारत में प्रगतिशील समाज की नारियां नौकरी