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कामायनी में आधुनिक जीवन की अभिव्यक्ति किस रूप में प्रकट हुई है ?

नदी को रास्ता किसने दिखाया ? पढे  कामायनी में आधुनिक जीवन की अभिव्यक्ति किस रूप में प्रकट हुई है ?  उत्तर ---  कामायनी छायावाद की अन्यतम कृति है।  इसमें श्रद्धा और मनु के संयोग से मानव सृष्टि के विकास की कथा है और अप्रस्तुत रूप में यह कथा आज के मानव के मन की विभिन्न उलझनों को सुलझाती हुई यह व्यक्त करती है कि आनंद (सुख ) की प्राप्ति किस प्रकार संभव है। कामायनी में मुख्य रूप से तीन पात्र हैं -  श्रद्धा, मनु और इड़ा। इनके अतिरिक्त तीन पात्र और हैं यह है मनु पुत्र कुमार ,असुर पुरोहित किलात और अकुलि । श्रद्धा हृदय पक्ष की, मनु मनके तथा इड़ा बुद्धि पक्ष के प्रतीक बनकर आए हैं जिनकी मानव के आधुनिक जीवन के रूप में अभिव्यक्ति हुई है। कामायनी में मनु किसके प्रतीक हैं ?  मनु मन के प्रतीक बनकर आए हैं। प्रत्येक मानव मन अनेक चिंताओं और एषणाओं से युक्त होता है। यह चिंता किसी अभाव के कारण उत्पन्न होती है और अभाव अशांति का उद्गम होता है । इड़ा बुद्धि पक्ष का प्रतीक है ।अत्यधिक वुद्धिवाद के कारण मानव मन पीड़ित रहता है । आनंद की खोज करता रहता है। किंतु श्रद्धा से विमुक्त रहकर वुद्धि का व्यभिचार  उसे इस आन

"मैं मजदूर" निबंध कक्षा आठवीं, mai majdoor, मजदूर का योगदान,

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   "मैं मजदूर" निबंध कक्षा आठवीं, mai majdoor, मजदूर का योगदान,                                     मैं मजदूर  Mai Majdoor, nibandha, मैं मजदूर, संसार के निर्माण में मजदूर का योगदान, भारत के मजदूरों ने विदेशों में भी निर्माण कार्य किया। मजदूर सुख सुविधाओं से वंचित क्यों रहें है । मजदूर की आत्मकथा, मजदूर की समस्या। Mai Majdoor, class 8, mal majdoor chapter questions answers, ncert salutations, majdoor ki DSA, majdoor ka Kam, saransh,  मजदूर कहते हैं - मैं मजदूर हूं। मैंने प्राचीन काल से लेकर आज तक सभ्यता की सीढ़ियां मैंने गढ़ी है। जमाना बदला लेकिन मैंने ज़मीन पर पीठ तक नहीं टिकाई। मजदूर कहते हैं -- मैं आराम करने लगूं तो गजब हो जाएगा। मेरे लिए आराम हराम है। मैं खेतों से अन्न उपजाने का काम करता हूं। मैं आराम करने लगूं तो लाखों लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हो जाएंगे। मैंने नदियों के बहाव को रोका है और उन पर विशाल पूलों का निर्माण किया है। मैंने बड़ी-बड़ी इमारतों को बनाया है । इन लंबी लंबी सड़कों को किसने बनाया? कश्मीर की क्यारियों में केसर किसने उगाई ? खेतों में फसलें किसने पैदा की

Sachchi virta, सच्ची वीरता, सरदार पूर्ण सिंह

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 सच्ची वीरता, निबंध, सरदार पूर्ण सिंह, sachchi virta nibandh,Sardar Purn Singh सच्ची वीरता निबंध का सारांश,samary of sachchi virta nibandh, सच्ची वीरता क्या है,sachchi virta kya hai, सच्चे वीर पुरुष की विशेषताएं, मंसूर की वीरता, महाराज रणजीत सिंह ने अपने फौज को कैसे उत्साहित किया,  वीरता किस रूप में प्रकट होती है, सच्ची वीरता निबंध से क्या प्रेरणा मिलती है, सच्ची वीरता निबंध के प्रतिपाद्य, सच्ची वीरता निबंध के लेखक सरदार पूर्ण सिंह का जीवन परिचय, सरदार पूर्ण सिंह जापान क्यों गये, क्या सरदार पूर्ण सिंह संन्यासी बन गये थे, सरदार पूर्ण सिंह किस महात्मा से प्रभावित थे। सच्ची वीरता निबंध का सारांश, summary of sachchi virta nibandh सच्ची वीरता निबंध के लेखक सरदार पूर्ण सिंह है। इन्होंने इस प्रेरणा दायक निबंध में सच्चे वीर और सच्ची वीरता का बहुत सुंदर वर्णन किया है। वे लिखते हैं - सच्चे वीर पुरुष धीर, गंभीर और आजाद होते हैं। उनके मन की गंभीरता और शांति समुद्र की तरह विशाल और गहरी तथा आकाश की तरह स्थिर और अचल होती है। लेकिन जब यह शेर गरजते हैं तब सदियों तक उनकी दहाड़ सुनाई देती है और दूसरे स