भ्रष्टाचार( bharshtachar) corruption
भ्रष्टाचार पर निबंध, bharshtachar pr nibandh. Essay on Curruption, in hindi भ्रष्टाचार संसार में सच्ची मानवता के लिए कलंक है। रिश्र्वत खोरी, भाई भतीजावाद, मिलीवट, पद का दुरुपयोग सहित अपने दायित्व में लापरवाही आदि इसके कितने रूप हैं। व्यक्तिक और प्रशासनिक स्तर पर इसे समाप्त करने के उपायों की आवश्यकता है। विषय सूची 1.भ्रष्टाचार का आशय क्या है। 2. भ्रष्टाचार के रूप या प्रकार 3. भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव 4. भ्रष्टाचार होने के कारण 5. भ्रष्टाचार दूर करने के उपाय भ्रष्टाचार का आशय, what is curruption in hindi, bhrastachar kise kahte hai भ्रष्टाचार का आशय भ्रष्ट आचार विचार, व्यवहार आदि से है। संसार में इस अदृश्य दानव की उत्पत्ति कब और कैसे हुई यह बतलाना तो बड़ा ही मुश्किल है लेकिन आज यह दुनिया के सभी देशों के विकास को लगभग अपने महा पाश में जकड़ लिया है। इसके कारण व्यक्ति, समाज, देश, विश्व, सभी त्रस्त हैं। और विकास के दौर नव निर्माण से गुजर रहा हमारा देश भारतवर्ष तो पूरी तरह भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुका है.यही कारण है कि प्रगति और विकास की सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद आम जनों तक पहुंचने के