संदेश

भ्रष्टाचार( bharshtachar) corruption

चित्र
भ्रष्टाचार पर निबंध, bharshtachar pr nibandh. Essay on Curruption, in hindi   भ्रष्टाचार संसार में सच्ची मानवता के लिए कलंक है। रिश्र्वत खोरी, भाई भतीजावाद, मिलीवट, पद का दुरुपयोग सहित अपने दायित्व में लापरवाही आदि इसके कितने रूप हैं। व्यक्तिक और प्रशासनिक स्तर पर इसे समाप्त करने के उपायों की आवश्यकता है। विषय सूची 1.भ्रष्टाचार का आशय क्या है। 2. भ्रष्टाचार के रूप या प्रकार 3. भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव 4. भ्रष्टाचार होने के कारण 5. भ्रष्टाचार दूर करने के उपाय भ्रष्टाचार का आशय, what is curruption in hindi, bhrastachar kise kahte hai भ्रष्टाचार का आशय भ्रष्ट आचार विचार, व्यवहार आदि से है। संसार में इस अदृश्य दानव की उत्पत्ति कब और कैसे हुई यह बतलाना तो बड़ा ही मुश्किल है लेकिन आज यह दुनिया के सभी देशों के विकास को लगभग अपने महा पाश में जकड़ लिया है। इसके कारण व्यक्ति, समाज, देश, विश्व, सभी त्रस्त हैं। और विकास के दौर नव निर्माण से गुजर रहा हमारा देश भारतवर्ष तो पूरी तरह भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुका है.यही कारण है कि प्रगति और विकास की सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद आम जनों तक पहुंचने के
For any queries To contact us, kindly write to below email address: kumarsinghumesh277@gmail.com       संपर्क करें, contact me

सच्चा मित्र , sachcha mitra

चित्र
  सच्चा मित्र, True Friends असली दोस्त कैसा हो एक सिंह धा। वह जंगल का राजा था। वह बहुत बलवान और साहसी और देखने में लम्बी चौड़ी और भयानक थी। जंगल के सभी जानवर उससे बहुत डरते थे। वे सब जंगल के कोने-कोने से उसके खाने के लिए जानवर पकड़कर लाते थे। एक दिन सिंह ने सोचा, "राजा का तो दरबार होना चाहिए? बिना दरबार के राजा कैसे?" यह सोचकर सिंह ने लोमड़ी को अपने पास बुलाया। उन्होंने लोमड़ी से कहा, "तुम बहुत समझदार और चतुर हो। मैं तुमको अपना सलाहकार बनाना चाहता हूं।" लोमड़ी ने सिर झुका कर कहा, "जैसी आज्ञा महाराज।" इसके बाद सिंह ने चीते को बुलाया। बाडीगार्ड सिंह ने उसे कहा, "तुम बहुत चौंक्कने और तेज दौड़ने वाले हो। मैं तुम्हें अपना बॉडीगार्ड बनाना चाहता हूँ।" चीते ने झुककर नमस्कार किया और महाराज को धन्यवाद दिया। अब सिंह ने कौवे को बुलाया और कहा, "हे कौवे आप बहुत ऊंची उड़ान भर सकते हैं। आप मेरी दूत बनोगे।" कावे ने सिर झुका कर महाराज का अभिवादन किया। लोमड़ी, चीता और कौवे ने शपथ ली कि वे हमेशा स्वामी भक्त रहेंगे। राजा ने उन्हें भी वचन दिया कि वह उन तीन

About us

चित्र
                           डॉ.उमेश कुमार सिंह                       बिमल हिंदी - सरल, शुद्ध, निर्मल और भावपूर्ण हिंदी की दिशा में एक सार्थक कदम है। हिंदी ऐसी भाषा है जो विश्व भर में बोली और समझी जाती है। भारत की राजभाषा के आसन को यह सुशोभित तो करती ही है, बोलने, लिखने और समझने में भी सरल है। इसकी लिपि देवनागरी विश्व की अन्य लिपियों से अधिक श्रेष्ठ है। फिर भी ऐसा देखा जाता है कि हिंदी सीखने की दिशा में अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता शेष है। हम अपनी पूरी टीम के साथ यही करने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा जन्म गंगाहारा,थाना दानापुर जिला पटना , बिहार, भारत देश में हुआ। बिल्कुल दियारा क्षेत्र। शेरपुर से दो मील उत्तर। शेरपुर से नीचे उतरिए तो सोन का सोता । बरसात में खूब पानी। नाव से पार करने में घंटों लगते, परन्तु जाड़े- गर्मी में हेलान हो जाता था। फिर बालू ही बालू। बैलगाड़ी,टैक्टर या साइकिल का ही सहारा। शाम में जयमंगल चाचा के यहां बैठकी लगती। लोग तरह तरह की बातें करते, कुछ खेती बाड़ी की ,कुछ देश दुनिया की तो कुछ और भी। इसी बीच वे गंगाहारा के नामकरण की भी सप्रसंग व्याख्या करते हुए कहते,- पुराने जम