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Suryakant Tripathi Nirala, famous Poem, Priyatam सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, प्रसिद्ध कविताएं, प्रियतम कविता, भावार्थ, प्रश्न उत्तर।

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 Suryakant Tripathi Nirala, famous Poem, Priyatam सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, प्रसिद्ध कविताएं, प्रियतम कविता, भावार्थ, प्रश्न उत्तर। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला : जीवन परिचय हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। इनका जन्म 1897 ई में बंगाल के महिषादल में हुआ था। इन्होंने घर पर ही संस्कृत, बंगला और अंग्रेजी भाषा का अध्ययन किया था। वे बहुमुखी प्रतिभा के क्रांतिकारी साहित्यकार थे। उनका देहांत 1962 में हुआ। निराला जी की प्रमुख रचनाएं हैं - अनामिका,(1923), परिमल ( 1930), गीतिका (1936), तुलसीदास ( 1938 ) , इनके अलावा भी इनकी रचनाएं हिन्दी साहित्य में प्रसिद्ध है। कुछ समय तक इन्होंने मतवाला और समन्वय नामक पत्रिका का संपादन भी किया था। निराला जी का जीवन अनेक अभावों और विपत्तियों से पीड़ित था। लेकिन इन्होंने किसी  के सामने झुकना नहीं सीखा था। वे अभावों की मर्मान्तक पीड़ा को सहते हुए अपनी साधना में लीन रहते थे। निराला जी 1916 से 1958 तक निरंतर काव्य साधना में लीन रहे। निराला जी को अपने व्यक्तिगत जीवन और काव्यात्मक जीवन, दोनों में धोर विरो

Raja Puru ( Porus ) and Sikandar, राजा पुरू ( पोरस) और सिकन्दर की कहानी

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 Raja Puru ( Porus ) and Sikandar, राजा पुरू ( पोरस) और सिकन्दर की कहानी Table of contents 1.सिकन्दर कौन था ? 2. केकय राज्य और राजा पुरू 3. पुरू के अन्य दरबारी 4. पुरू सिकन्दर युद्ध 5.पुरू सिकन्दर युद्ध के परिणाम 6. पुरु की मृत्यु। Sikandar kaun tha Kekay rajya aur raja Puru Puru ke darbari Battle of Puru and Sikandar Results of Puru and Sikandar battle Death of Puru  सिकन्दर कौन था यूनान देश का यवन शासक सिकन्दर बहुत क्रूर और घमंडी था। उसनेे विश्व विजय का दंभ भरते हुए ख़ैबर दर्रा के रास्ते ई पू 326 में भारत पर आक्रमण किया था। उस समय भारत के उत्तर पश्चिमी राज्य छोटे छोटे टुकड़ों में विभाजित थे। गंधार का राजा आंभी सिकन्दर से डरकर उसकी अधीनता स्वीकार कर लिया। उसने सोचा कि सिकन्दर आंधी की तरह आया है और कुछ ही दिनों में वापस चला जाएगा। इसलिए उससे पंगा लेना बुद्धिमानी नहीं है। इसलिए आंभी ने बड़ी आसानी से सिकन्दर की सारी शर्तें मान ली। केकय राज्य और राजा पुरू केकय राज्य पंजाब में झेलम नदी और चिनाव नदी के मध्य में झेलम, गुजरात और शाहपुर जिले तक फैला हुआ था। भारत के पश्चिमोत्तर सीमा पर केकय एक

Yaas Toofan kya hai in hindi, यास चक्रवात क्या है,यह कहां टकराएगा।

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 Yaas Toofan kya hai in hindi, यास चक्रवात क्या है,यह कहां टकराएगा। Table of contents 1.यास चक्रवात क्या है ? इसका नाम कैसे पड़ा? 1.2 यास चक्रवात कैसे बना ? 1.3 यास चक्रवात कहां कहां पहुंच सकता है ? 1.4 यास चक्रवात के मार्ग क्या हो सकते हैं ? 1.5 यास चक्रवात से बचने के उपाय और सावधानियां। 1.6 यास चक्रवात की गति ‌। 1.6 यास चक्रवात से प्रभावित होने वाले भारतीय राज्य। 1. यास चक्रवात ( तूफान ) क्या है ? इसका नाम का अर्थ क्या है? यह नाम कैसे पड़ा ? भारत के पश्चिमी तट पर ताऊते नामक चक्रवाती तूफान के तबाही के बाद अब देश के पूर्वी तट पर एक और तूफान " यास " का खतरा मंडराने लगा है। आपको बता दें कि मौसम वैज्ञानिकों ने इसे ताऊते से भी अधिक शक्तिशाली होने की संभावना जताई है। इससे होने वाले नुक़सान की आसंका से उच्च अधिकारी काफी तैयारियों में जुटे हैं। यास का अर्थ निराशा होता है। वास्तव में चक्रवाती तूफान के नामकरण की भी एक अन्तर्राष्ट्रीय संधि है। हिंद महासागर के आठ देशों ने भारत के पहले पर  2004 ई में एक संधि पर हस्ताक्षर किए। ये सदस्य देशों के नाम हैं -- भारत, बांग्लादेश, म्यानमार, श्रील

A biography of Ani Besent , एनी बेसेंट का जीवन परिचय

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 A biography of Ani Besent , एनी बेसेंट का जीवन परिचय एनी बेसेंट एक महान महिला थी। उनकी महानता का पता कैसे चलता है और भारत के लिए उन्होंने क्या क्या कार्य किए है, जिसके लिए हम इंग्लैंड में जन्मे इस  महिला को महान नारी की संज्ञा देकर सम्मानित करते हैं। इतना ही नहीं , उन्होंने भारत की अशिक्षा, गरीबी और गुलामी को दूर करने के लिए क्या सब किया है, यहां विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे‌। एनी बेसेंट का जन्म, शिक्षा और विवाह एनी बेसेंट का जन्म अक्टूबर 1847 को लंदन में हुआ था। उनके बचपन का नाम एनी वुड था। एनी की मां आयरिश महिला थी इसलिए एनी अपने आप को आयरिश कहलाना अधिक पसंद करती थी। एनी के पिता बड़े विद्वान थे, उन्हें कई भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। लेकिन जब एनी पांच वर्ष की थी तभी उनकी मृत्यु हो गई थी। एनी का विवाह दिसंबर 1867 में एक ऐसे व्यक्ति से हुआ जो पादरी था लेकिन एनी की उससे हमेशा वैचारिक मतभेद रही।  जीवन जैसे तैसे चलता रहा। 1873 में केवल 26 वर्ष की आयु में वह घर से निकाल दीं गई। 1874 में एनी बेसेंट एक संस्था ' नेशनल सेकुलर सोसायटी ' में सामिल हो गई। वह पूरे देश में घूम घूमकर धर्म

कबीरदास का जीवन परिचय, साखियां एवं सबद तथा प्रश्न- उत्तर, Kabirdas ka Jiwan parichay, Sakhiya, Sabad, Questions Answer.

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 कबीरदास का जीवन परिचय, साखियां एवं सबद का भावार्थ तथा प्रश्न- उत्तर, Kabirdas ka Jiwan parichay, Sakhiya, Sabad, Questions Answer. कबीर कैसे संत थे कबीर का जन्म कब हुआ कबीर का जन्म कहां हुआ कबीर का पालन किसने किया कबीर के गुरु का नाम क्या था कबीर दास किसके विरोधी थे मानसरोवर कहां है? Kabirdas kaise saint the Birthday of kabirdas Birthplace of kabirdas Kabir ke Guru Mansarovar khan hai  कबीरदास निर्गुण काव्य धारा के महान संत कवि थे। इनका जन्म 1398 ई. को काशी में माना जाता है। उन्होंने कभी कागज कलम नहीं छुआ लेकिन अपनी साधना और गुरू रामानंद जी के श्रीमुख मुख से जो आशीर्वचन ग्रहण किया उसके अनुसार प्रेम का ढाई अक्षर ही सारी मानवता, विद्वता और पांडित्य का सार है। तभी तो उन्होंने कहा--  पोथी पढि पढि जग मुआ पंडित भया न कोय ‌। ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।। प्रेम और भाईचारे का ऐसा अद्भुत संदेश अन्यत्र दुर्लभ है। वे निर्गुण निराकार ब्रह्म के उपासक थे। उनके राम अयोध्या में बसने वाले राम नहीं बल्कि घट घट में बसने वाले निर्गुण निराकार ब्रह्म है। तभी तो उन्होंने कहा  दसरथ सुत तिहु लोक बखाना ‌

A biography of Sister Nivedita, भगिनी निवेदिता का जीवन परिचय

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 A biography of Sister Nivedita, भगिनी निवेदिता का जीवन परिचय । भारत में योगदान। स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता भगिनी निवेदिता एक ऐसा नाम है जिसे सुनकर मन में एक ऐसी दया, करुणा और मानवता की प्रतिमूर्ति अंकित हो जाती है जिसके आगे हमारा मस्तक श्रद्धा से झुक जाता है। उन्होंने विदेश में जन्म लेने के बाद भी भारत की गरीबी और इसके गुलामी को बखूबी समझते हुए इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया। स्वामी विवेकानन्द जी की शिष्या भगिनी निवेदिता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रेरणा स्रोत थी। सुरेन्द्र नाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, विपिन चन्द्र पाल, अरविंद घोष जैसे प्रमुख नेता उनके मित्र थे, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी भी उनके प्रति श्रद्धा भाव रखते थे। विषय सूची भगिनी निवेदिता का जन्मदिन भगिनी निवेदिता का असली नाम भगिनी निवेदिता के माता-पिता भगिनी निवेदिता का स्वामी विवेकानंद जी से भेंट। भगिनी निवेदिता का भारत आगमन भगिनी निवेदिता द्वारा विद्यालय की स्थापना भगिनी निवेदिता द्वारा प्लेग पीड़ितों की सेवा भगिनी निवेदिता का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान भगिनी निवेदिता का महाप्रयाण सिस्टर न

Shakti aur kshma शक्ति और क्षमा, रामधारी सिंह दिनकर

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Shakti aur kshama poem summary  विषय सूची 1.रामधारी सिंह दिनकर का जीवन परिचय 2. शक्ति और क्षमा कविता 3.शक्ति और क्षमा कविता का भावार्थ 4.शक्ति और क्षमा पाठ का शब्दार्थ 5. शक्ति और क्षमा पाठ का प्रश्न उत्तर 6.क्षमा शोभति उस भुजंग को का क्या भाव है ? 7. शक्ति और क्षमा कविता का केन्द्रीय भाव क्या है ? 8. शक्ति और क्षमा कविता का सारांश  9. शक्ति और क्षमा कविता से क्या शिक्षा मिलती है ?  Ramdhari Singh Dinkar ka jivan Parichay  रामधारी सिंह दिनकर ‌ का जीवन परिचय कविवर रामधारी सिंह दिनकर का जन्म बिहार में मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गांव में 23 सितंबर 1908 को हुआ था। बचपन में ही पिता का साया उठने के कारण बड़ी कठिनाई से मैट्रिक पास कर सके। फिर पटना कालेज, पटना से बी. ए. करने के बाद बरबीघा हाई स्कूल में प्रधानाध्यापक बन गये। फिर विभिन्न सरकारी पदों को सुशोभित करते हुए राज्य सभा के सदस्य भी रहे। 1965 से 1972ई तक भारत सरकार में हिंदी सलाहकार रहे। 24 अप्रेल 1974 को इनका देहांत हो गया। प्रमुख रचनाएं - कुरुक्षेत्र, रेणुका, रश्मि रथी, नीलकुसुम, उर्वशी, परशुराम की प्रतीक्षा, हारे को हरिनाम आदि। उर्वश