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त्रिपुरा : पूर्वोत्तर भारत की खिड़की, Tripura : windows of North eastern India, घुमक्कड़ी, tourism

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  त्रिपुरा : पूर्वोत्तर भारत की खिड़की, Tripura : windows of North eastern India, घुमक्कड़ी, tourism Tripura ( त्रिपुरा ) को पूर्वोत्तर भारत की खिड़की कहा जाता है। त्रिपुरा अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सैलानियों के लिए यह बहुत आकर्षण का केन्द्र है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला, उनाकोटी, उदयपुर, कुमार घाट, अमरपुर ऐसा स्थान है जहां जाने के बाद जल्दी वापस आने का मन नहीं करता है। घुमक्कड़  के लिए यह बहुत सुंदर और मनोरम स्थल है। आइए, त्रिपुरा के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। त्रिपुरा की सैर, पूर्वोत्तर भारत की खिड़की यदि कोई पूर्वोत्तर भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृश्य पर नजर डालना चाहते हैं तो उन्हें त्रिपुरा आना चाहिए।  त्रिपुरा के जंगल, पहाड़ और मंदिर बहुत मनोरम हैं। अपनी विविधता के लिए भी यह राज्य बहुत प्रसिद्ध है ‌। सबसे पहले त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के शाही नज़ारों की बात करते हैं। यहां आने के बाद त्रिपुरा की पूरी झलक मिल जाती है। यहां उज्जयंत पैलेस, कुंजावन पैलेस, नीर महल ( वाटर पैलेस ) का सौंदर्य देखते ही बनता है। इन सभी महलो में शाही

अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखो जिसमें सच्चे मित्र के गुणों का वर्णन किया गया हो। Write a letter to younger brother describe quality of good friend.

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  अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखो जिसमें सच्चे मित्र के गुणों का वर्णन किया गया हो। Write a letter to younger brother describe quality of good friend. स्थान दिनांक प्रिय अनुज सुशील,  शुभ आशीर्वाद। यहां का सब समाचार ठीक है। आशा है तुम भी अपने छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर  रहे होंगे। आज रविवार है और प्रत्येक सप्ताह की तरह आज भी मैं तुम्हें एक पत्र में कुछ जरूरी बातें बता रहा हूं। इसे अपने जेहन में बैठकर रखना, बहुत काम आएगा। जब कोई नौजवान बाहर निकलता है तो उसके सिर पर मित्रता की धून सवार रहती है। स्कूल में, लाइब्रेरी में, खेल के मैदान में, बाजार में , जहां देखो वहीं दोस्ती का हाथ बढ़ा देते हैं। परन्तु हम जिससे मित्रता करते हैं, क्या वह मित्रता के लायक है या नहीं, इस पर हम कोई विचार नहीं करते। तो आओ, हम तुम्हें अच्छे मित्र के गुणों के बारे में जानकारी देते हैं। एक अच्छा मित्र औषधि के समान होता है। वह हमारे चरित्र के दोषों को दूर करता है और अच्छी बातें बताता है। अच्छा मित्र बुरा मार्ग पर चलने से रोकता है और अच्छे मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। वह सदा हमें ऊपर उठने में मदद करता है। अच्छा मित

अंतरिक्ष यात्रा( antariksh yatra ) class 8 पाठ एवं प्रश्न - उत्तर

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 अंतरिक्ष यात्रा ( antariksh yatra ) class 8 पाठ                  एवं   प्रश्न - उत्तर भारत की अंतरिक्ष यात्रा, भारत की अंतरिक्ष में उपलब्धि Indian space research organisation, पहला अंतरिक्ष यात्री कौन थे । यूरी गगारिन कौन थे ? थुम्बा क्यों प्रसिद्ध है ? गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं? वायुमंडल किसे कहते हैं ? हमें आवाज कैसे सुनाई देती है ? वायुमंडल के ऊपर क्या है? आकाश में घूमते हुए तरह-तरह के ज्योति पिंड हमारा ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। दिन में सूरज पृथ्वी को प्रकाशित करता है तो रात में शीतल चंद्रमा और असंख्य तारे आकाश को जगमगा देते हैं। यह आकाशीय पिंड पुरातन काल से मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का केंद्र रहे हैं। इन्होंने कवियों और वैज्ञानिकों को बहुत आकृष्ट किया है। मनुष्य यह जानने को उत्सुक रहता है कि यह आकाशीय पिंड क्या है और यह चमकते कैसे हैं। क्या इन पर प्राणी है? क्या इन पर जीवन है? क्या इन पर जलवायु हैं? आइए आज इन्हीं बातों पर हम लोग विस्तार से चर्चा करते हैं और अंतरिक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। हमारी पृथ्वी के चारों ओर लगभग 600 किलोमीटर ऊपर तक वायुमंडल फैला ह

घुमक्कड़ी पाठ लेखक राहुल सांकृत्यायन कक्षा आठवीं, ghumkkdi by Rahul Sankrityayan class 8

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घुमक्कड़ी पाठ लेखक राहुल सांकृत्यायन कक्षा आठवीं, ghumkkdi by Rahul Sankrityayan class 8 घुमक्कड़ किसे कहते हैं, घुमक्कड़ी पाठ का सारांश, घुमक्कड़ी पाठ का शब्दार्थ, घुमक्कड़ी पाठ के प्रश्न उत्तर, घुमक्कड़ी पाठ के लेखक कौन है। घुमक्कड़ कौन हो सकतें हैं । घुमक्कड़ी के मार्ग में आने वाले बाधाएं। घुमक्कड़ी से क्या लाभ है। महात्मा बुद्ध और महावीर क्या घुमक्कड़ थे। Ghumakkari chapter summary . Ghumakkari chapter questions answers, word meaning, writer of ghumakkari chapter, benifit of ghumakkari. Class 8 hindi. घुमक्कड़ी पाठ में लेखक राहुल सांकृत्यायन लिखते हैं कि मेरी समझ में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वस्तु घुमक्कड़ी है। घुमक्कड़ से बढ़कर व्यक्ति और समाज का कोई हितकारी नहीं हो सकता । दुनिया दुख में हो चाहे सुख में उसे सही समय पर सहारा मिलता है तो घुमक्कड़ के द्वारा । प्राकृतिक आदिम मनुष्य बहुत बड़ा घुमक्कड़ था। खेती बागवानी तथा घर द्वार से मुक्त होकर वह पक्षियों की भांति पृथ्वी पर सदा विचरण करता था जाड़े में यदि यहां है तो गर्मियों में कहीं और दूर। आधुनिक काल में भी घुमक्कडों के काम की बात कहने

बढ़ती मंहगाई से आम जनता त्रस्त है। बढ़ती मंहगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए समाचार पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखें

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अच्छे मित्र के गुणों का वर्णन करते हुए छोटे भाई को पत्र लिखें  बढ़ती मंहगाई से आम जनता त्रस्त है। बढ़ती मंहगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए समाचार पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखें  सेवा में, संपादक महोदय,  दैनिक जागरण, धनबाद, झारखण्ड। महाशय, आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से बढ़ती मंहगाई की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। इधर हाल के दिनों में आवश्यक वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने आम जनता का जीना मुश्किल कर दिया है। पेट्रोल और डीजल के दाम तो बढ़ते ही थे, अब रसोई गैस के दामों में अचानक सौ रुपए की बढ़ोतरी ने गृहणियों के सारे बजट ही बिगाड़ दिए हैं। अब तो गेहूं, चावल, दाल, तेल के साथ-साथ चीनी भी महंगी हो गई है। आलू-प्याज और हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। समझ में नहीं आता क्या खाएं ? इस मंहगाई रूपी दानव ने सबका हाल बेहाल कर दिया है। पैसों का ऐसा अवमूल्यन पहले कभी नहीं हुआ था। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि इस भयंकर समस्या की ओर किसी अधिकारी, मंत्री का ध्यान आकर्षित नहीं हो रहा   है। अतः श्रीमान संपादक महोदय से सादर निवेदन है कि

गई भैंस पानी में मुहावरे का अर्थ, वाक्य प्रयोग, कहानी, gai bhais pani me muhaware ka arth, sentence, story

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              गंगा नहाना मुहावरे का अर्थ   गई भैंस पानी में मुहावरे का अर्थ, वाक्य प्रयोग, कहानी, gai bhais pani me muhaware ka arth, sentence, story ऊंची दुकान और फीका पकवान मुहावरे गंगा नहाना मुहावरे का अर्थ    Gai bhais Pani me, muhaware ka arth, kam bante bante bigar jana.  Jab koi kam antim charan me ho aur achank kam bigar jaye ise kahte hai gai bhais pani me. गई भैंस पानी में मुहावरे का अर्थ, काम बनते बनते बिगड़ जाना। जब पूरी मेहनत और लगन से कोई किसी काम में ला हो और उसकी सिद्धि का समय आवे, और काम बिगड़ जाए, इसे कहते हैं, गई भैंस पानी में। गई भैंस पानी में मुहावरे का वाक्य में प्रयोग -- 1. राजेश ने चुपके-चुपके मोहन लाल से दुकान की जमीन सस्ते में तय कर ली थी। अगले दिन उसका बड़ा भाई सोहन आ गया। सोहन को देखते ही राजेश समक्ष गया, गई भैंस पानी में। 2. राजा कुछ भी कर लो। तुम्हारी दाल वहां नहीं गलेगी। समझ लो , गई भैंस पानी में। 3. ऐसा न कहो कि गई भैंस पानी में, अब कुछ नहीं हो सकता। मौसी अभी भी मान सकती है। मन छोटा मत करो वीरू। 4. चोरों ने रामनाथन के बंद घर में चोरी करने का सारा प्लान ठ

छायावादी कविता में राष्ट्रीय और सामाजिक चेतना, chhayavaadi kavita me rashtriya aur samajik chetna

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छायावादी कविता में राष्ट्रीय और सामाजिक चेतना, chhayavaadi kavita me rashtriya aur samajik chetna छायावाद क्या है, छायावाद के प्रमुख कवि, प्रसाद, पंत, महादेवी और निराला। छायावाद की प्रवृत्तियां और विशेषताएं, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना,  छायावाद की अवधि 1920 से 1936 ई तक मानी जाती है। सन् 1936=के बाद से छायावाद की समाप्ति होने लगती है। तब पतन का कारण घोर वैयक्तिकता और अस्पष्टता माना जाता है। फिर भी हिंदी साहित्य और समाज को छायावाद की देन को नकारा नहीं जा सकता है। छायावाद में राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक चेतना मुखर हुई है वह युगों युगों तक अमर रहेगा। महाकवि जयशंकर प्रसाद की कामायनी और निराला जी की तुलसीदास ऐसा ग्रंथ है जो विश्व मानव को एक नया प्रेरणा दायक संदेश देता है। इतना ही नहीं लगभग सभी छायावादी कवियों की कृतियों में राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की भावना मुखर हुई है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीयता की यह भावना अपने राष्ट्र तक ही नहीं सीमित रहकर संपूर्ण विश्व में फ़ैल गई है।  प्रसाद, पंत निराला के काव्य में सामाजिक चेतना गहरे रूप में उभरी है। यद्यपि महादेवी वर्मा के काव्य में विरह की अनुभूति का आध

काव्य में रीति सिद्धांत, riti sidhant

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  काव्य में रीति सिद्धांत, riti sidhant रीति सिद्धांत  काव्य में रीति सिद्धांत पर विचार कीजिए। रीति का शाब्दिक अर्थ। काव्य में रीति के प्रकार, काव्य में रीति की अवधारणा स्पष्ट कीजिए। रीति सिद्धांत के प्रतिपादक आचार्य वामन रीति का अर्थ, आचार्य वामन, गुण के प्रकार, रीति की आत्मा क्या है, रूद्रट ने रीति का संबंध किससे माना है। रीति की परिभाषा दीजिए। वामन ने कितने प्रकार के गुण माने हैं। वामन के परवर्ती आचार्य कौन है। रीति काव्य की आत्मा है, समझाइए। रीति शब्द का अर्थ है  --  गति , चाल,  मार्ग, पद्धति या प्रणाली.। रीति सिद्धांत के जनक आचार्य वामन माने जाते हैं। उन्होंने रीति को काव्य की आत्मा घोषित किया है। उन्होंने "विशिष्ट पद रचना रीति " कहकर  यह स्पष्ट किया है कि विशेष प्रकार की शब्द रचना को रीति कहते हैं। शब्द रचना में यह विशेषता गुणों से उत्पन्न होती है । 'विशेषोगुणात्मा ' -- अत: वामन के अनुसार गुण रीति की आत्मा है। रीति के तीन प्रकार हैं   वामन ने दो प्रकार के गुण माने है - शब्द गुण तथा अर्थ गुण। गुणों के आधार पर उन्होंने तीन प्रकार की रीतियों को माना है। वैदर्भी,  ग

चकमा देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग , चकमा देना मुहावरे की कहानी chakma dena, dhokha dena

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चकमा देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग , चकमा देना मुहावरे की कहानी chakma dena, dhokha dena चकमा देना अर्थात धोखा देना चकमा देना मुहावरे का अर्थ है धोखा देना। जब कोई चालाक व्यक्ति किसी को मूर्ख बनाकर धोखा देता है तो उसे चकमा देना कहते हैं। चकमा देना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  चकमा देना -- चोर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। सेठ दीनानाथ बहुत बारीकी से अपने ग्राहकों को चकमा देता था , लेकिन रामू ने उसे एक दिन पकड़ ही लिया। आजकल बहुराष्ट्रीय कंपनियां लोगों को चकमा देने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है। आखिर में खरगोश लोमड़ी को चकमा देकर भाग ही गई। ऊंची दुकान और फीका पकवान मुहावरे चकमा देना मुहावरे की कहानी एक समय की बात है। सुन्दर गढ़ राज्य की जनता चोरों के आतंक से बहुत परेशान थी। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि चोरों से कैसे निपटा जाए। बहुत प्रयास के बावजूद भी चोर पकड में नहीं आ रहा था। यह बात धीरे धीरे राजा के कानों तक पहुंच गई। राजा भी बहुत चिंतित हुए। उन्हें लगा कि यह कैसा चोर है जो किसी के पकड़ में नहीं आ रहा है। राजा ने मंत्री को बुलाया और किसी भी तरह चोर को पकड़ने की

उप उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द

 उप' उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द उप उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द --- उपसर्ग, उपभेद, उपमान, उपकार, उपस्थित, उपचार, उपप्रधानाचार्य, उपसंहार, उपहार, उपयोग, उपनगर, उपकरण, उपग्रह, उपकृत, उपनाम, उपकृत, उपवन, उपदेश, उपमुख्यमंत्री। उप उपसर्ग का शाब्दिक अर्थ है - निकट, समान,छोटा  यहां आपने उप उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द जान गए। हिन्दी साहित्य और व्याकरण संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु इस वेबसाइट पर बने रहें।

उछ् (उत् ) उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द

 उछ् (उत् ) उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द उन्नति, उच्छवास, उद्धार, उत्थान, उद्देश्य, उन्नयन, उत्पत्ति, उच्चारण, उत्कर्ष, उद्घाटन, उद्योग, उल्लंघन, उन्नायक, उद्गम। उत् ( उछ् ) उपसर्ग का शाब्दिक अर्थ होता है -- ऊंचा, श्रेष्ठ, ऊपर। वह शब्दांश जो किसी शब्द के आगे लगकर नये शब्द का निर्माण करते हैं, उसे उपसर्ग कहते हैं। आशा है आप सभी उछ् ( उत् ) उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द जान गए हैं। हिन्दी साहित्य और व्याकरण संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु इस वेबसाइट पर बने रहें।

आ " उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द , Aa upsarg pre-fix se banne wale shabad

  आ " उपसर्ग लगने से बनने वाले शब्द ,  Aa upsarg pre-fix se banne wale shabad चकमा देना मुहावरे आरक्षण, आमरण, आदान, आगमन, आहार , आक्रमण , आजीवन, आजन्म, आकर्षण, आकंठ, आचरण, आसेतु। Aa upsarg pre-fix se banne wale shabad Aarakshan, aamaran, aadan, aagman, aahar, aakaraman, aajeevan, aajanm, aakarshan, aakanth, aacharan, aasetu. धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का  मुुुुुहावरा आ उपसर्ग का शाब्दिक अर्थ तक, समेत होता है। वह शब्दांश जो किसी शब्द के आगे लगकर नये शब्द का निर्माण कर दे उसे उपसर्ग कहते हैं।