संदेश

Phul ka mulya (story ) फूल का मूल्य, आठवीं कक्षा, महात्मा बुद्ध का प्रभाव, रवीन्द्रनाथ ठाकुर

चित्र
  फूल का मूल्य, कहानी का सारांश, प्रश्न उत्तर, phul ka mulya story by Rabindranath Thakur ' फूल का मूल्य' रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित एक ऐसी कहानी है जिसमें  सच्ची भक्ति और निष्ठा को धन दौलत की चाह से ऊपर दिखाया गया है। भगवान के यहां राजा और प्रजा में कोई फर्क नहीं होता है। यहां फूल का मूल्य  कहानी का सारांश, प्रश्न उत्तर विस्तार से दिया गया है। आठवीं कक्षा में यह कहानी पढ़ाई जाती है। शीतकाल के दिन थे प्रचंड सीट से सारे पुष्प सूख गए हैं लेकिन एक सरोवर में एक कमल दल खिला हुआ था यह सरोवर किसका है सभी अचंभित होकर उस कमल फूल को देख रहे थे क्योंकि ऐसा मनोहर फूल तो बसंत ऋतु में भी नहीं मिलता। यह सरोवर सुवास माली का था। सुदास का मन खुश था ।वह सोच रहा था आज राजा तो इस सुंदर कमल फूल का मुंह मांगा दाम देगा। उसके सारे मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। कमल फूल लेकर सुवास राजमहल के सामने खड़ा था। उसने राजमहल में खबर भेजवा दिया था। बस थोड़ी देर में राजा जी बुलवाएगे। तभी वहां एक पुरुष आया और सुदास से कहा - यह फूल तो बहुत सुंदर है, क्या यह फूल बेचना है ? सुदास ने कहा - इसे राजा के चरणों में अर्पित करना

मुंह की बीमारियों से कैसे बचें ? दांतों को स्वस्थ रखने के उपाय, how we protect our teeth, toothpaste जो दांतों को बचाए।

चित्र
मधुमेह( diabetics ) की नई तकनीक दवा               लेखक - डॉ उमेश कुमार सिंह  मुंह की बीमारियों से कैसे बचें ? दांतों को स्वस्थ रखने के उपाय, how we protect our teeth, toothpaste जो दांतों को बचाए। दांत कमजोर होने पर क्या करें ? मुंह से दुर्गंध कैसे मिटाना होगा ?  Table of Contant मुंह की सबसे आम बीमारी कौन सी है ? Muhn ki sabse aam bimari kaun hai ? मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या ? Muhn ke cancer ke shuruwat lakshan मुंह में कौन कौन से रोग होते हैं ? Muhn mei kaun se Rog hote hai ? मुंह के इंफेक्शन के इलाज, muhn ke infection ke ilaj Mouth diseases in India Muhn ki bimari kisko hoti hai ? शरीर रूपी महल का द्वार मुंह होता है। इसलिए शरीर रूपी महल  के अंदर अच्छाई और बुराई का समावेश मुख के माध्यम से ही प्रवेश करता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने मुंह को हमेशा स्वच्छ और निर्मल रखें। और मुख की स्वच्छता की बात करते हैं तो दांतों की सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। आइए, आज हम मुख और दांतों की सफाई के बारे में जानकारी प्राप्त करें। स्वस्थ शरीर के लिए साफ़ सुथरा मुख का होना बहुत जरूरी है

कविता क्या है ?, Kavita kya hai,कैसे बनती है कविता, कविता में शब्दों का चयन कैसे किया जाता है ? कविता में विंब किसे कहते हैं? कविता में छंद क्या होता है ? कविता की संरचना और कविता के घटक

चित्र
  कविता क्या है ? kavita kya hai, कैसे बनती है कविता, kavita kaise banti hai, कविता में शब्दों का चयन कैसे किया जाता है ? कविता में विंब किसे कहते हैं? कविता में छंद क्या होता है ? कविता की संरचना और कविता के घटक। ***********"*"*********************""***""******** कविता क्या है ? पंडित विश्वनाथ के अनुसार ( वाक्यं रसात्मकं काव्यं ) रसमय वाक्य ही काव्य है। वहीं पंडित राज जगन्नाथ कहते हैं कि रमणीय अर्थ का प्रतिपादक ( रमणीयार्थ प्रतिपालक: शब्द काव्यम् ) शब्द ही काव्य है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार काव्य का चरम लक्ष्य सर्वभूत को आत्मभूत करके अनुभव कराना है। कहने का तात्पर्य है कि जीवन के प्रति कवि अनुभूत भावों की सत्य पर रागात्मक अभिव्यक्ति ही काव्य है, जिसके लिए छंद, मात्रा , काव्य गुण, अलंकारादि का औचित्य निर्वाह हो जाता है। अर्जेंटीना के स्पेनिश लेखक जार्ज लुईस बोर्खेस के अनुसार ' कविता कोने में घात लगाए बैठी है, यह हमारे जीवन में किसी भी क्षण बसंत की तरह आ सकती है।' नाटक कैसे लिखें। नाटक किसे कहते हैं ? कैसे बनती है कविता ? कविता बनने की कहानी

वाक्य किसे कहते हैं ? Sentence अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद, kinds of sentence, रचना या बनावट की दृष्टि से वाक्य भेद। विधान वाचक, प्रश्न वाचक

चित्र
सर्वनाम किसे कहते हैं    वाक्य किसे कहते हैं ? Sentence  अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद, kinds of sentence, रचना या बनावट की दृष्टि से वाक्य भेद। विधान वाचक, प्रश्न वाचक -- वाक्य किसे कहते हैं ? Wakya kise kahte hai  उत्तर - सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं। जैसे , राम आम खाता है। यह सार्थक शब्दों का समूह है जो हिंदी व्याकरण के नियमों के अनुसार व्यवस्थित है। राम माअ है खाता। यह शब्द समूह वाक्य नहीं कहलाएगा , क्योंकि यह सार्थक भी नहीं है और न व्याकरण के अनुसार व्यवस्थित है। अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद बताए । मधुमेह( diabetics ) की नई तकनीक दवा  अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद हैं -- 1.विधान वाचक 2. प्रश्न वाचक 3. इच्छा वाचक 4. संदेह वाचक 5 संकेत वाचक 6. आदेश वाचक, 7.विस्मयादिबोधक वाक्य 8. आज्ञा वाचक वाक्य 1 . विधानवाचक वाक्य ( imperative sentences ) जिन वाक्यों में किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है , उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे - सूर्य पूर्व में उगता है। जनता ने नेताओं का स्वागत किया। मैं कल पटना गया था। मैं खाना खा चुकी थी। 2. निषेध वाचक

जन संचार माध्यम, संचार क्या है ? संचार के माध्यम, संचार के तत्व,संचार के प्रकार, sanchar,mass commnication ,

चित्र
जन संचार माध्यम, संचार क्या है ? संचार के माध्यम, संचार के तत्व,संचार के प्रकार, sanchar,mass commnication  , संचार किसे कहते हैं ? संचार के माध्यम से क्या समझते हैं ? उत्तर - संचार शब्द ' चर' धातु से बना है जिसका अर्थ है विचरण करना। एक जगह से दूसरी जगह जाना। यह जाना किसी का भी हो सकता है, मनुष्य का भी, पशु का भी, आवाज का भी। परन्तु हम यहां जिस संचार की बात कर रहे हैं वह है मानव संदेश का पहुंचना।  दो या दो से अधिक लोगों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान करना ही संचार कहलाता है। इसके लिए दो अनिवार्य लक्षण अनिवार्य है - दो या दो से अधिक व्यक्ति और उनके बीच किसी संदेश का संप्रेषण। कुल मिलाकर देखा जाए तो संचार की परिभाषा इस प्रकार बनेगा। Free English grammar course के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें  https://alison.com/course/diploma-inbasic-english-grammar-revised-2017?utm_source=alison_user&utm_medium=affiliates&utm_campaign=25200895 " सूचनाओं , भावनाओं, विचारों को लिखित, मौखिक या दृश्य श्रव्य माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना ही संचार है "

श्रीमद्भागवत के अनुसार जनमेजय का नाग सत्र (नाग यज्ञ) Janmejay ka Nag yagy according to shreemadbhagwat Mahapuran

चित्र
  श्रीमद्भागवत के अनुसार जनमेजय का नाग सत्र (नाग यज्ञ) Janmejay ka Nag yagy according to shreemadbhagwat Mahapuran जब जनमेजय ने सुना कि तक्षकं ने उनके पिता श्री राजा परीक्षित को डस कर मार दिया है तब उन्हें बड़ा क्रोध हुआ। अब वह ब्राह्मणों के साथ मिलकर विधि पूर्वक सर्पों का अग्नि कुंड में हवन करने लगा क्योंकि उन्होंने यह प्रण कर लिया था कि इस संसार के सारे सर्पों का वह विनाश कर देंगे। उनके राज्य में बड़े बड़े विद्वान सिद्ध ब्रह्मण रहते थे। राजा जन्मेजय ने उनसे नाग यज्ञ करवाने का आग्रह किया। यज्ञ प्रारम्भ हो गया।   जन्मेजय के सर्प सत्र प्रारंभ होते ही बड़े-बड़े महासर्प यज्ञ कुंड में आ आकर गिरने लगे। वे आते और यज्ञ कुंड में जलकर भस्म हो जाते। इस तरह हजारों लाखों सर्प स्वाहा होने लगे। राजा जन्मेजय यज्ञ में स्वयं उपस्थित रहकर सर्पराज तक्षक का इंतजार कर रहे थे। लेकिन तक्षक का कहीं नामोनिशान नहीं था। राजा जन्मेजय ने यज्ञ पुरोहित और ब्राह्मणों से पूछा, हे गुरुदेव बड़े बड़े सर्प आपके मंत्र के प्रभाव से आकर इस यज्ञ कुंड की अग्नि में स्वाहा हो गये परन्तु मेरे पिता जी का हत्यारा तक्षक अभी तक क्यों

उत्साह कविता , कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, utsah kavita class tenth, suryakant Tripathi Nirala

चित्र
           by Dr.Umesh Kumr Singh उत्साह कविता , कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, utsah kavita class tenth, suryakant Tripathi Nirala class tenth  बादल, गरजो !- घेर घेर घोर गगन, धराधर ओ ! ललित ललित , काले घुंघराले, बाल कल्पना के से पाले, विद्युत छवि उर में, कवि नवजीवन वाले ! व्रज छिपा , नूतन कविता  फिर भर दो - बादल, गरजो ! विकल विकल , उन्मन थे उन्मन  विश्व के निदाघ के सकल जन , आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन! तप्त धरा, जल से फिर शीतल कर दो - बादल गरजो ! शब्दार्थ गगन - आकाश। धराधर - बादल। ललित - सुन्दर। विद्युत छवि - बिजली की चमक। नूतन - नया। विकल - परेशान। उन्मन - अनमनापन भाव। निदाघ - गर्मी । सकल - सब। तप्त - तपती हुई। कविता का अर्थ एवं भावार्थ उत्साह कविता  कवि बादलों से आग्रह करता है -- से बादल खूब गरजो। आकाश में घिर घिर कर खूब बरसों। हे बादल ! काले काले, घुंघराले बादल! तुम बाल कल्पना के जैसे हो। तुम्हारे भीतर नव जीवन और बिजली की चमक छिपी है, व्रज भी छिपा है, तुम एक नयी कविता को जीवन दो।  हे बादल ! इस गर्मी से तप्त धरती के लोगों को राहत दो। तुम अज्ञात दिशा से आकर गरजो, बरसो। जल भर दो, शीत

Lakhachak, tharthri Nalanda, लखाचक, थरथरी, नालंदा

चित्र
जन्मेजय का नाग यज्ञ, क्या हुआ था ?   दो                                                 Shiv mandir, Lakhachak लखाचक ग्राम थरथरी प्रखंड के दक्षिणी भाग में स्थित है। वर्तमान में इस ग्राम की उन्नति हुई है जो यहां आने पर सहज ही दिखाई देती है। पक्की सड़क, लगभग बीस घंटे बिजली, घर घर नल, आने जाने की सुविधा देखकर मैं प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका। जानते हैं क्यों ? सबसे पहली बार 1985 ई में जब मैं यहां आया था तो लगभग कुछ नहीं था यहां। थरथरी थाना, और इक्का दुक्का दुकान। सड़कों का बुरा हाल। चले जाएंगे, लौटकर जब नूरसराय पहुंच जाते तब जान में जान आ जाती। कुछ पुरानी जर्जर बसें बिहार से थरथरी तक, लेकिन मुख्य साधन टमटम। मरीयल जैसे घोड़े, और लगभग वैसे ही इकवान। बच्चों के साथ जाते तो टमटम की सवारी करते हुए बच्चे खूब मजे लेते। लेकिन मैं सतर्क रहता कहीं टमटम उल्टा तो क्या होगा। लेकिन इकवान बड़ी सावधानी से रास्ता पार करा देता। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। सरकार ने अच्छी सड़क बनवा दी है। नूरसराय से हिलसा तक बसें चलने लगी है । लखाचक जाने के लिए बस से थरथरी बाजार पर उतर जाइए, वहां से मुश्किल से एक किलोमीटर, पै

त्रिपुरा : पूर्वोत्तर भारत की खिड़की, Tripura : windows of North eastern India, घुमक्कड़ी, tourism

चित्र
  त्रिपुरा : पूर्वोत्तर भारत की खिड़की, Tripura : windows of North eastern India, घुमक्कड़ी, tourism Tripura ( त्रिपुरा ) को पूर्वोत्तर भारत की खिड़की कहा जाता है। त्रिपुरा अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सैलानियों के लिए यह बहुत आकर्षण का केन्द्र है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला, उनाकोटी, उदयपुर, कुमार घाट, अमरपुर ऐसा स्थान है जहां जाने के बाद जल्दी वापस आने का मन नहीं करता है। घुमक्कड़  के लिए यह बहुत सुंदर और मनोरम स्थल है। आइए, त्रिपुरा के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। त्रिपुरा की सैर, पूर्वोत्तर भारत की खिड़की यदि कोई पूर्वोत्तर भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृश्य पर नजर डालना चाहते हैं तो उन्हें त्रिपुरा आना चाहिए।  त्रिपुरा के जंगल, पहाड़ और मंदिर बहुत मनोरम हैं। अपनी विविधता के लिए भी यह राज्य बहुत प्रसिद्ध है ‌। सबसे पहले त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के शाही नज़ारों की बात करते हैं। यहां आने के बाद त्रिपुरा की पूरी झलक मिल जाती है। यहां उज्जयंत पैलेस, कुंजावन पैलेस, नीर महल ( वाटर पैलेस ) का सौंदर्य देखते ही बनता है। इन सभी महलो में शाही

अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखो जिसमें सच्चे मित्र के गुणों का वर्णन किया गया हो। Write a letter to younger brother describe quality of good friend.

चित्र
  अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखो जिसमें सच्चे मित्र के गुणों का वर्णन किया गया हो। Write a letter to younger brother describe quality of good friend. स्थान दिनांक प्रिय अनुज सुशील,  शुभ आशीर्वाद। यहां का सब समाचार ठीक है। आशा है तुम भी अपने छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर  रहे होंगे। आज रविवार है और प्रत्येक सप्ताह की तरह आज भी मैं तुम्हें एक पत्र में कुछ जरूरी बातें बता रहा हूं। इसे अपने जेहन में बैठकर रखना, बहुत काम आएगा। जब कोई नौजवान बाहर निकलता है तो उसके सिर पर मित्रता की धून सवार रहती है। स्कूल में, लाइब्रेरी में, खेल के मैदान में, बाजार में , जहां देखो वहीं दोस्ती का हाथ बढ़ा देते हैं। परन्तु हम जिससे मित्रता करते हैं, क्या वह मित्रता के लायक है या नहीं, इस पर हम कोई विचार नहीं करते। तो आओ, हम तुम्हें अच्छे मित्र के गुणों के बारे में जानकारी देते हैं। एक अच्छा मित्र औषधि के समान होता है। वह हमारे चरित्र के दोषों को दूर करता है और अच्छी बातें बताता है। अच्छा मित्र बुरा मार्ग पर चलने से रोकता है और अच्छे मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है। वह सदा हमें ऊपर उठने में मदद करता है। अच्छा मित

अंतरिक्ष यात्रा( antariksh yatra ) class 8 पाठ एवं प्रश्न - उत्तर

चित्र
 अंतरिक्ष यात्रा ( antariksh yatra ) class 8 पाठ                  एवं   प्रश्न - उत्तर भारत की अंतरिक्ष यात्रा, भारत की अंतरिक्ष में उपलब्धि Indian space research organisation, पहला अंतरिक्ष यात्री कौन थे । यूरी गगारिन कौन थे ? थुम्बा क्यों प्रसिद्ध है ? गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं? वायुमंडल किसे कहते हैं ? हमें आवाज कैसे सुनाई देती है ? वायुमंडल के ऊपर क्या है? आकाश में घूमते हुए तरह-तरह के ज्योति पिंड हमारा ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। दिन में सूरज पृथ्वी को प्रकाशित करता है तो रात में शीतल चंद्रमा और असंख्य तारे आकाश को जगमगा देते हैं। यह आकाशीय पिंड पुरातन काल से मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का केंद्र रहे हैं। इन्होंने कवियों और वैज्ञानिकों को बहुत आकृष्ट किया है। मनुष्य यह जानने को उत्सुक रहता है कि यह आकाशीय पिंड क्या है और यह चमकते कैसे हैं। क्या इन पर प्राणी है? क्या इन पर जीवन है? क्या इन पर जलवायु हैं? आइए आज इन्हीं बातों पर हम लोग विस्तार से चर्चा करते हैं और अंतरिक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। हमारी पृथ्वी के चारों ओर लगभग 600 किलोमीटर ऊपर तक वायुमंडल फैला ह

घुमक्कड़ी पाठ लेखक राहुल सांकृत्यायन कक्षा आठवीं, ghumkkdi by Rahul Sankrityayan class 8

चित्र
घुमक्कड़ी पाठ लेखक राहुल सांकृत्यायन कक्षा आठवीं, ghumkkdi by Rahul Sankrityayan class 8 घुमक्कड़ किसे कहते हैं, घुमक्कड़ी पाठ का सारांश, घुमक्कड़ी पाठ का शब्दार्थ, घुमक्कड़ी पाठ के प्रश्न उत्तर, घुमक्कड़ी पाठ के लेखक कौन है। घुमक्कड़ कौन हो सकतें हैं । घुमक्कड़ी के मार्ग में आने वाले बाधाएं। घुमक्कड़ी से क्या लाभ है। महात्मा बुद्ध और महावीर क्या घुमक्कड़ थे। Ghumakkari chapter summary . Ghumakkari chapter questions answers, word meaning, writer of ghumakkari chapter, benifit of ghumakkari. Class 8 hindi. घुमक्कड़ी पाठ में लेखक राहुल सांकृत्यायन लिखते हैं कि मेरी समझ में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वस्तु घुमक्कड़ी है। घुमक्कड़ से बढ़कर व्यक्ति और समाज का कोई हितकारी नहीं हो सकता । दुनिया दुख में हो चाहे सुख में उसे सही समय पर सहारा मिलता है तो घुमक्कड़ के द्वारा । प्राकृतिक आदिम मनुष्य बहुत बड़ा घुमक्कड़ था। खेती बागवानी तथा घर द्वार से मुक्त होकर वह पक्षियों की भांति पृथ्वी पर सदा विचरण करता था जाड़े में यदि यहां है तो गर्मियों में कहीं और दूर। आधुनिक काल में भी घुमक्कडों के काम की बात कहने