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Tulsi ke Ram , तुलसी के राम कविता

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जैसी करनी वैसी भरनी, जो करेगा वही पाएगा   Tulsi ke Ram , तुलसी के राम कविता  गोस्वामी तुलसीदास श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। उन्होंने श्रीराम से संबंधित कई पुस्तकें लिखी हैं। यहां बालक श्री राम के रूप सौंदर्य का सुंदर वर्णन किया गया है। यह कविता पांचवीं कक्षा में पढ़ाई जाती है।                    तुलसी के राम कविता कक्षा पांचवीं  अवधेश के द्वार सकारे गई,सुत गोद  के भूपति ले निकसै। अवलोकहिं सोच विमोचन को, ठगी सी रही जे न ठगे धिक से। तुलसी मन रंजन रंजित अंजन नयन सुखंजन जातक से। सजनि ससि में समसील उभै नवनील सरोरूह से विकसे।।  भावार्थ एक सखी दूसरी सखी से कहती है -- अवधेश राजा दशरथ के द्वार पर देखी हूं कि सबेरे ही राजा दशरथ अपने पुत्र राम को गोद में लेकर बाहर निकले। बाल राम के रूप सौंदर्य को देखकर मैं चकित रह गयी। उनकी आंखें खंजन पक्षी के बच्चे की तरह थी। उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे चांद में दो नीले कमल खिले हो। उनकी सुन्दरता देखकर को मोहित नहीं होगा ? तन की दुति स्याह सरोरूह,लोचन कंज की मंजुलताई हरे। अति सुन्दर सोहत धूरि भरे,छवि भूरि अनंग की दूरी धरे। दमकै दतियां दुति दामिनी ज्यों, किलकै क

घरेलू विवाद सुलझाने के लिए थाना प्रभारी महोदय को आवेदन पत्र लिखें।

  घरेलू विवाद सुलझाने के लिए थाना प्रभारी महोदय को आवेदन पत्र लिखें। Thana prabhari ko application in hindi  मान लीजिए कि आप तीन भाई हैं। आपने अपने पैतृक संपत्ति का बंटवारा भी कर लिया है। लेकिन किसी कारण से आपके भाई लोग से आपको अपनी संपत्ति पर अधिकार करने में परेशानी हो रही है तो आप क्या करेंगे ? ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन से आपको सहयोग लेने के लिए थाना प्रभारी को आवेदन पत्र लिखने सीखना चाहिए।  सेवा में,  थाना प्रभारी महोदय, लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार। विषय -- घरेलू विवाद सुलझाने के संबंध में। महोदय, निवेदन है कि मैं कमलेश ठाकुर, पिता - स्वर्गीय बानगी ठाकुर, ग्राम -  चकाई, थाना -- लहेरियासराय, जिला -- दरभंगा, बिहार का निवासी हूं। तीन भाइयों में मैं दूसरे नम्बर पर हूं। दो वर्ष पहले स्थानीय पंचायत और कुटुंब जनों की उपस्थिति में हम भाईयों के बीच जमीन - जायदाद का बंटवारा हो गया था। परन्तु जब भी मैं अपने हिस्से के जमीन पर अपना अलग घर बनाने जाता हूं तब मेरे दोनों भाई मुझे रोक देते हैं। वे मुझे मारने पीटने की धमकी भी देते हैं। उनके इस व्यवहार से मैं बहुत व्यथित महसूस कर रहा हूं। अतः श्रीमान

घर का भेदी लंका ढाए मुहावरे अर्थ, कहानी , वाक्य प्रयोग Ghar ka bhedi Lanka dhaye Muhaware,kahawat,arth, meaning, wakya prayog , kahani

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             घर का भेदी लंका ढाए                                    मुहावरे             अर्थ, कहानी , वाक्य प्रयोग              Ghar ka bhedi Lanka dhaye Muhaware,kahawat,arth, meaning, wakya            prayog , kahani घर का भेदी लंका ढाए मुहावरे का सीधा अर्थ है -- आपसी विवाद में सर्वनाश। वाक्य प्रयोग ** रावण मरने वाला था ? वह तो विभीषण ने रावण की मृत्यु का रहस्य श्री राम को बता दिया। इसे कहते है, घर के भेदी लंका ढाए। ** जानते हो मोनू, सेठ जी का सारा रहस्य उनके नौकर ने बता दिया। वर्ना पुलिस को कुछ भी नहीं मिलता। इसे कहते हैं घर का भेदी लंका ढाए। दोस्तों ! आप सब जानते हैं - जब श्रीराम  और रावण का युद्ध चल रहा था तब श्रीराम ने रावण को मारने के लिए न जाने कितने अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग कर लिए लेकिन रावण की मृत्यु नहीं हो पा रही थी।  रामजी को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। वे पास खड़े विभीषण की ओर देखने लगे। विभीषण रावण की मृत्यु का रहस्य श्री राम को बताते हैं, तब जाकर रावण की मृत्यु होती है। यदि रावण का भाई विभीषण रावण की मृत्यु का रहस्य नहीं बताया होता तो रावण का विनाश असंभव था। इसल

कामायनी में आधुनिक जीवन की अभिव्यक्ति किस रूप में प्रकट हुई है ?

नदी को रास्ता किसने दिखाया ? पढे  कामायनी में आधुनिक जीवन की अभिव्यक्ति किस रूप में प्रकट हुई है ?  उत्तर ---  कामायनी छायावाद की अन्यतम कृति है।  इसमें श्रद्धा और मनु के संयोग से मानव सृष्टि के विकास की कथा है और अप्रस्तुत रूप में यह कथा आज के मानव के मन की विभिन्न उलझनों को सुलझाती हुई यह व्यक्त करती है कि आनंद (सुख ) की प्राप्ति किस प्रकार संभव है। कामायनी में मुख्य रूप से तीन पात्र हैं -  श्रद्धा, मनु और इड़ा। इनके अतिरिक्त तीन पात्र और हैं यह है मनु पुत्र कुमार ,असुर पुरोहित किलात और अकुलि । श्रद्धा हृदय पक्ष की, मनु मनके तथा इड़ा बुद्धि पक्ष के प्रतीक बनकर आए हैं जिनकी मानव के आधुनिक जीवन के रूप में अभिव्यक्ति हुई है। कामायनी में मनु किसके प्रतीक हैं ?  मनु मन के प्रतीक बनकर आए हैं। प्रत्येक मानव मन अनेक चिंताओं और एषणाओं से युक्त होता है। यह चिंता किसी अभाव के कारण उत्पन्न होती है और अभाव अशांति का उद्गम होता है । इड़ा बुद्धि पक्ष का प्रतीक है ।अत्यधिक वुद्धिवाद के कारण मानव मन पीड़ित रहता है । आनंद की खोज करता रहता है। किंतु श्रद्धा से विमुक्त रहकर वुद्धि का व्यभिचार  उसे इस आन

समुद्र का पानी खाड़ा ( लवणीय) क्यों होता है ? Samudra ka Pani khara kyu hota hai ? सबसे अधिक किस समुद्र का पानी खाड़ा (लवणीय) है ?

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  समुद्र का पानी खाड़ा ( लवणीय) क्यों होता है ? Samudra ka Pani khara kyu hota hai ? सबसे अधिक किस समुद्र का पानी खाड़ा (लवणीय) है ? समुद्र का पानी खाड़ा ( लवणीय ) क्यों होता है ?  Samudra ka pani समुद्र का पानी खाड़ा (लवणीय ) क्यों होता है ? यह प्रश्न आपके मन में हमेशा आता होगा। छोटी बड़ी इतनी सारी नदियां हैं, लेकिन उनका जल मीठा होता है, लेकिन इतना बड़ा सागर , जल का महा भंडार का जल खाड़ा होने के कारण पीने योग्य नहीं है। इतना ही नहीं बहुत देर तक उसमें रहिएगा तो चमड़ी भी गलने लगेगी क्योंकि समुद्र के जल में नमक लगभग 35 से 37 प्रतिशत तक है। तो आइए इस आलेख में हम जानते हैं कि समुद्र का जल खाड़ा ( लवणीय ) क्यों होता है ?   हम सब जानते हैं कि पृथ्वी पर 70 प्रतिशत हिस्सा पानी ही है और उसमें भी 97 प्रतिशत जल समुद्र और महासागरों में है जो खाड़ा होने के कारण पीने योग्य नहीं है। अमेरिका के नेशनल ओसियानिक और एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के रिसर्च के अनुसार यदि सभी समुद्रों से नमक निकाल कर जमीन पर फैला दी जाए तो उसकी परत 500 मीटर मोटी हो जाएगी। देखा आपने, समुद्र में कितना नमक आता है। समुद्र में इतना

स्वर वर्ण किसे कहते हैं, हिंदी में जानकारी, sawar warn kise kahte hai, Hindi me jano, स्वर वर्ण के प्रकार,kinds of sawar warn in hindi, example, स्वर वर्ण के उदाहरण

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  स्वर वर्ण किसे कहते हैं, हिंदी में जानकारी, sawar warn kise kahte hai, Hindi me jano, स्वर वर्ण के प्रकार,kinds of sawar warn in hindi, example, स्वर वर्ण के उदाहरण  सर्वनाम किसे कहते हैं Sawar warn, स्वर वर्ण किसे कहते हैं ? हिंदी में जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि वर्ण किसे कहते हैं ? भाषा की वह सबसे छोटी इकाई , अर्थात वह मूल ध्वनि जिसके खंड या टूकडे न हो। इसे भी वर्ण कहते हैं। वर्ण के दो भेद हैं -- स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण। आज हम यहां स्वर वर्ण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।  स्वर वर्ण -- वह वर्ण जिसका उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता के हो।  स्वर वर्ण व्यंजन वर्ण के उच्चारण में सहायक भी होता है। हिंदी में ग्यारह स्वर वर्ण हैं।  - अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ । सर्वनाम किसे कहते हैं स्वर वर्ण के भेद या प्रकार  स्वर वर्ण के निम्नलिखित तीन भेद हैं -- 1.ह्रस्व स्वर 2. दीर्घ स्वर 3. प्लूत स्वर। 1. ह्रस्व वर्ण --- जिन स्वर वर्णों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है , उस वर्ण को ह्रस्व स्वर वर्ण कहते हैं।  ह्रस्व स्वर वर्ण के उदाहरण - अ इ उ ऋ ए,ओ 2. दीर्घ स्वर वर्ण --जि

Business ka naya tarika, कम लागत में यह विजनेस करो, गांव हो या शहर, सभी जगह चलने वाला व्यवसाय, पांच हजार से लाखों कमाओ

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  Business ka naya tarika, कम लागत में यह विजनेस करो, गांव हो या शहर, सभी जगह चलने वाला व्यवसाय, पांच हजार से लाखों कमाओ  Small business ideas from home, business with five thousand, small business ideas from small town  पांच हजार रुपए से कौन बिजनेस शुरू करें। पांच हजार से शुरू करें और लाखों कमाओ। कम पूंजी निवेश कर अधिक कमाई के अवसर।  भारत विभिन्न धर्मों और धर्मावलंबियों का देश है। यहां महीनों की छोड़िए, हफ्ते हफ्ते पर्व त्योहार मनाए जाते हैं। इसलिए यहां पर्व त्योहार , पूजा पाठ से संबंधित छोटे बड़े व्यवसाय आसानी से संचालित होते हैं। इस आलेख में हमने ऐसे विजनेस पर चर्चा करेंगे जो बहुत कम पूंजी से शुरू कर एक बड़ा पूंजी खड़ा किया जा सकता है। तो आइए शुरू करते हैं विजनेस का एक नया तरीका। हमलोग देखते हैं कि प्रत्येक माह में कोई न कोई पर्व त्योहार अवश्य आता है और उसमें कितनी तरह की तैयारियां करनी पड़ती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्येक पर्व त्योहार में किसी न किसी देवी देवताओं की पूजा अवश्य की जाती है। जैसे सत्यनारायण भगवान की पूजा कथा तो होना बिल्कुल निश्चित ही है। अब यही से अपना बिज

Lakshaman murchha aur Ram vilap, लक्ष्मण मूर्छा और राम विलाप, लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने की कहानी और राम का रोना, हनुमानजी द्वारा संजीवनी बूटी लाना ,राम चरित मानस

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              राम विलाप   Lakshaman murchha aur Ram vilap, लक्ष्मण मूर्छा और राम विलाप, लक्ष्मण को शक्ति बाण लगने की कहानी और राम का रोना, हनुमानजी द्वारा संजीवनी बूटी लाना ,राम चरित मानस , लक्ष्मण मूर्छा और राम विलाप पाठ का सारांश,  रामचरितमानस में लक्ष्मण मूर्छा और राम विलाप, लक्ष्मण को मूर्छा कैसे लगी। लक्ष्मण के मूर्छित होने पर राम क्या सोचने लगे। लक्ष्मण के मूर्छित होने पर सामान्य मनुष्य की तरह कौन विलाप करने लगे । लक्ष्मण कहां मूर्छित हुए ?  राम को लक्ष्मण के बिना अयोध्या लौटने पर क्या सहना पड़ेगा?  लक्ष्मण मूर्छा और राम विलाप पाठ का प्रश्न उत्तर । लक्ष्मण मूर्छा पाठ के आधार पर तुलसीदास अपने किस रूप पर गर्व करते हैं ? राम किस की तुलना में अपने भाई को अधिक महत्व देते हैं? तुलसीदास की नारी दृष्टि पर प्रकाश डालिए। लक्ष्मण शक्ति और राम का विलाप। Ramcharitmanas mein Lakshman morcha aur Ram vilap. Lakshman ko morcha kaise lagi. meghnath kaun tha. Lakshman ke moorchit hone per Ram kya sochne Lage. Lakshman ki moorchit hone per samanya manushya ki tarah Kaun Rone Lage. Lakshman kahan mur

अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए परीक्षा में बैठने हेतु आवेदन पत्र लिखें।

 अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए परीक्षा में बैठने हेतु आवेदन पत्र लिखें। मान लीजिए ,आप उत्तर प्रदेश सरकार में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। आप अपनी पदोन्नति के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने को उत्सुक हैं। ऐसी स्थिति में आपको अपने शिक्षा पदाधिकारी के पास एक आवेदन पत्र लिखकर उनसे अनुमति लेनी होगी। इसके लिए आवेदन पत्र कैसे लिखा जाता है । इसी के बारे में जानकारी प्राप्त करें। साथ में इस नमूने को भी देखें। सेवा में, जिला शिक्षा अधिकारी महोदय,  लखनऊ, उत्तर प्रदेश। विषय -- परीक्षा में बैठने हेतु अनुमति पत्र के लिए आवेदन पत्र। महाशय, निवेदन है कि मैं प्राथमिक विद्यालय, सुभाष नगर, लखनऊ में शिक्षक का दायित्व निर्वहन कर रहा हूं। मेरी वर्तमान शैक्षणिक योग्यता बी. ए. है। मैं अपनी शैक्षणिक योग्यता का विस्तार करना चाहता हूं। इस निमित्त मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एम.ए. की परीक्षा में सम्मिलित होना चाहता हूं।  अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि मुझे उक्त परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें।  भवदीय राजेश जोशी प्राथमिक विद्यालय, सुभाष नगर, लखनऊ। दिनांक - इसे भी पढ़े

अपने क्षेत्र में पेयजल की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखें। अथवा कार्यकारी अभियंता को पत्र लिखकर पेय जल आपूर्ति में कमी की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए

 अपने क्षेत्र में पेयजल की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखें।   अथवा,  कार्यकारी अभियंता को पत्र लिखकर पेय जल आपूर्ति में कमी की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए। प्रे षक: रामलाल 52/ 2 सुभाष नगर, अहमदाबाद। दिनांक - 12.6.2022 सेवा में, कार्यकारी अभियंता जल विभाग अहमदाबाद। महोदय मैं सुभाष नगर का निवासी हूं। मैं आपका ध्यान सुभाष नगर में लगातार पेयजल की आपूर्ति में होने वाले कमी की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। पिछले कई महीनों से दिन भर में एकाध घंटे के लिए जल आता है,जो - जो लोग दूसरी - तीसरी मंजिल पर रहते हैं, उन तक  तो एक बूंद भी पानी नहीं मिल रहा है। अब गर्मियां आने वाली है,  परेशानी और बढ़ सकती हैं। अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि जल आपूर्ति को नियमित और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने की कृपा करें। सधन्यवाद। भवदीय रामलाल अपने नगर के विद्युत अभियंता को बिजली कटौती के कारण पढ़ाई में आने वाली कठिनाईयों की चर्चा करते हुए, इसमें सुधार के लिए पत्र लिखिए। प्रेषक: कार्तिक कृष्ण 25, माडल टाउन, चंडीगढ़। दिनांक - 14.3.23 सेवा में, विद्युत अभियंता महोदय, चंडीगढ़, पंजाब। मह

अनुप्रास अलंकार, अनुप्रास अलंकार ( anupras alankar) किसे कहते हैं?

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          अनुप्रास अलंकार     Anupras alankar   अनुप्रास अलंकार, अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? अनुप्रास अलंकार के उदाहरण हिन्दी में, अनुप्रास अलंकार के भेद उदाहरण सहित, अनुप्रास अलंकार के दस उदाहरण , अनुप्रास अलंकार की पहचान कैसे करें ? अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और दो उदाहरण anupras alankar , example of anupras alankar in hindi अलंकार का अर्थ है आभूषण या श्रृंगार। काव्य के  आभूषण अर्थात सौंदर्य वर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं । अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व है । अलंकारों के सहयोग से काव्य आकर्षक और मनोहारी बन जाते हैं। यहां हम अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके कुछ उदाहरण पर चर्चा करेंगे हम यह बताएंगे कि अनुप्रास अलंकार की पहचान कैसे होती है और उसके कौन कौन भेद हैं ? उसके उदाहरण भी पढ़ें। Anupras alankar kise kahte hai अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और पहचान  जहां जहां व्यंजनों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहां वहां अनुप्रास अलंकार होता है।  कहने का तात्पर्य यह है कि किसी वाक्य में जब दो या उससे अधिक शब्द एक ही वर्ण से श

बोर्ड परीक्षा की तैयारी हेतु कुछ जरूरी बातें, 2023 बोर्ड परीक्षा की तैयारी के टिप्स, how we prepare board exam , दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें , हिंदी में जानकारी

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  बोर्ड परीक्षा की तैयारी हेतु कुछ जरूरी बातें, 2023 बोर्ड परीक्षा की तैयारी के टिप्स, how we prepare board exam , दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें , हिंदी में जानकारी। प्रत्येक वर्ष फरवरी और मार्च का महीना छात्र - छात्राओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी महीने में अक्सर दसवीं और बारहवीं के बोर्ड एग्जाम होते हैं। चाहे विद्यार्थी किसी भी स्तर का हो , परीक्षा के नाम से उसकी धड़कनें तेज हो ही जाती है। और यदि पूरी मुक्कमल तैयारी नहीं हुई है तो परेशान होना जरूरी हो जाता है क्योंकि जीवन में चाहे कितनी भी परीक्षा हो जाती है लेकिन दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा जीवन भर नहीं भूली जाती। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा आगे के जीवन की दिशा जो तय करती है। इसलिए परीक्षा की तैयारी ठीक से हो, इसके लिए कुछ जरूरी बातें जानना आवश्यक है। इस आलेख में 2023 बोर्ड की परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं जिनका अनुशरण करके अधिक नम्बर से परीक्षा उत्तीर्ण किया जा सकता है। How we take more marks in board exam, बोर्ड एग्जाम में अधिक अंक कैसे लाएं  Board exam की तैयार